समुद्री भाडे पर आयातक से जीएसटी वसूल नहीं कर सकती है सरकार

 


भीलवाडा । उच्च न्यायालय जोधपुर ने 4 अगस्त 2021 के अपने फैसले में मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की ओर से दाखिल याचिका पर निर्णय देते हुए ’’जीएसटी कानून के तहत भारतीय आयातक द्वारा आयात किये गये माल पर चुकाये गये समुद्री भाडे पर जीएसटी की वसूली को कानून संगत नहीं बताया है। सरकार समुद्री भाडे पर आयातक से जीएसटी वसूल नहीं कर सकती है।
मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के मानद महासचिव आर के जैन ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे आयातकों को भाडे पर 5 प्रतिशत जीएसटी से राहत मिलेगी एवं पूर्व में चुकाये गये कर का रिफंड प्राप्त कर सकेगें। मेवाड़ चेम्बर की कई सदस्य इकाईयां कच्चे माल के रूप में पोलिस्टर एवं विस्कोस फाइबर, रुई, रंग-रसायन आदि आयात करते है, जिसके भाडे पर जीएसटी देना पड रहा था।
जैन ने बताया कि केन्द्र सरकार ने नोटिफिकेशन नम्बर 10/2017 एवं नोटिफिकेशन नम्बर 8/2017 दिनांक 26.06.20217 से भारत में आयात किये गये माल पर चुकाये गये माल भाडे पर 5 प्रतिशत जीएसटी चुकाने की जिम्मेदारी आयातक पर डाली है।
गुजरात के कई आयातक इसके खिलाफ गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, माननीय गुजरात उच्च न्यायालय ने मोहित मिनरल्स बनाम भारत सरकार प्रकरण में वर्ष 2020 के अपने फैसले में बताया कि आयातक ने विदेशी माल आयात करने में किसी अन्य देश में स्थित निर्यातक से उसे भारतीय बंदरगाह तक पहुंचाने का अनुबंध किया। ऐसे में भारत में स्थित आयातक ने उस माल पर कोई भाडा नहीं चुकाया। शिपिंग कम्पनी को माल भाड़ा दूसरे देश में स्थित निर्यातक ने माल लदान करते हुए चुकाया था। ऐसे में दूसरे देश में चुकाये गये भाडे पर भारत में जीएसटी वसूल नही की जा सकती है।
माननीय गुजरात उच्च न्यायालय के इस फैसले के आधार पर मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री ने अपने सदस्यों की ओर से दिनांक 11 जून 2020 को माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले से सहमत होते हुए मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की याचिका को मंजूर करते हुए आयात किये गये माल के समुद्री भाडे पर जीएसटी वसूली का कानून सम्मत नहीं माना।

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