पार्टनर से बेपनाह प्यार पाने के लिए आज रात करें ये काम

 

10 सितंबर को गणेशोत्सव का आरंभ हुआ था। 10 दिनों तक चलने वाला ये पर्व वैसे तो बहुत सारे स्थानों पर मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र में इसकी अलग ही धूम होती है। गणेश जी के साथ उनकी माता ज्येष्ठा गौरी की पूजा-अर्चना किए जाने का विधान है। गणेशोत्सव के तीसरे दिन मां का आह्वान किया जाता है, चौथे दिन गौरी पूजा और फिर पांचवें दिन विसर्जन कर दिया जाता है। बप्पा की माता अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। अत: अपनी माता की पूजा से गणेश जी बहुत प्रसन्न होते हैं। महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की भांति ही गौरी पूजा की धूम रहती है। ये पूजा महिलाओं के लिए बहुत खास होती है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए और कुंवारी कन्याएं मनपंसद साथी को अपना लाइफ पार्टनर बनाने के लिए ये पूजा करती हैं। बहुत सारी महिलाएं रात्रि जागरण भी करती हैं। पार्टनर से बेपनाह प्यार प्राप्त करने के लिए प्रदोषकाल में शिवालय जाकर घी का दीपक जलाएं। गौरी माता और भगवान शिव का गठबंधन करें।

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पूजा विधि
यदि आप गौरी पूजा का आरंभ करने जा रहे हैं तो माता पार्वती की प्रतिमा को भगवान शिव की बाईं तरफ स्थापित करें। 

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पूजा का आरंभ करने से पहले बप्पा की पूजा करें। 

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माता गौरी को साड़ी और सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करके किसी ब्राह्मणी को भेंट स्वरुप दे दें।

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फिर मां को फल, फूल, धूप, दीप, दक्षिणा आदि चढ़ाएं।

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पूजा के बाद माता गौरी की कथा पढ़ें, मंत्रों का जाप करें और आखिर में आरती करें।

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