आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर कार्यक्रम आयोजित

 


 चित्तौडगढ़ / प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय प्रतापनगर चितौडगढ सेवाकैन्द्र पर 75वें गणतंत्र दिवस पर आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पॉलोटेक्निक कॉलेज के सेवानिवृत व्याख्याता भालचन्द वानखेडे   ब्रह्माकुमारी आषा दीदी ने ध्वजारोहण किया। कार्यकम में भाई -बहनों ने देष भक्ति गीत कविताए व बच्चो ने डांस प्रस्तुत किये। दीदी ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर अपनी कमियों व कमजोरियों की कुर्बानी देकर भारत को पुन विष्व गुरू स्वर्णिम बनाने में सहयोगी बनें। स्वराज्य से ही विष्व पर राज्य कर सकते है। बाहुबल हथियारो के बल से विष्व राज्य कभी भी नही मिल सकता है। मनुष्यों के अन्दर व्याप्त बुराईयॉ काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार ही हमारे असली दुष्मन है। आज संसार में बढती अषांति कलह क्लेष का कारण ये विकार है। परमात्मा षिव हमें सहज ज्ञान एवं राजयोग की षिक्षा से इन विकारो पर विजय प्राप्त करने का तरीका बताते है। जब हम इन विकारो पर  विजय प्राप्त कर लेंगें, तभी स्वर्णिम भारत संसार में आयेगा। राजयोग तपस्या की अग्नि में इन विकारो की कुर्बानी हमें देनी है। जब हमारे स्वंय पर राज्य होगा तभी हम विष्व पर राज प्राप्त कर सकते है। सतयुग स्वर्णिम भारत में पूरे विष्व पर एक भारत का ही राज्य था। सारा विष्व ही भारत कहलाता था। दुसरे अन्य देष बाद में आयंे थे। आज पुरे विष्व के छोटे-छोटे टुकडे हो गये है। हमें अपनी बुराईयों की सच्ची-सच्ची कुर्बानी आज के दिन देनी है। तभी भारत पुनः विष्व गुरू बनेगा।

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