भीलवाड़ा हलचल। मांडल के देवनारायण मंदिर को स्थायी रुप से दर्शनार्थियों व सेवा पूजा अर्चना के लिए खोलने की मांग को लेकर हिंदू व समाज के हजारों लोग सोमवार को मांडल से 13 किलोमीटर का पैदल मार्च निकालकर भीलवाड़ा पहुंचे, लेकिन उन्हें पुलिस के कड़े पहरे में कलेक्ट्री से पहले जेल तिराहे पर ही रोक लिया गया। 21 लोगों की कमेटी ने कलेक्ट्रेट जाकर चार सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन दिया। कमेटी में शामिल भाजपा के पूर्व किसान मोर्चा अध्यक्ष उदयलाल भडाना ने कहा कि कलेक्टर ने अगले 6 माह में मंदिर खोलने के प्रयास करने की बात कही। उन्होंने इसके लिए 5 दिन बाद एक कमेटी गठित करने का आश्वासन भी दिया है। यहां उल्लेखनीय है कि मांडल में एक विवादित स्थल जो की 45 साल से बंद है मांडल थाना प्रभारी को रिसीवर नियुक्त कर रखा है। उसका दरवाजा पिछले दिनों गोपाल सिंह गुर्जर बस्सी नामक युवक ने खोल दिया था। इसे लेकर समुदाय विशेष के लोगों ने मांडल में जुलूस निकाला और आपत्तिजनक नारे लगाते हुये टिप्पणी की थी। इससे आक्रोशित हिंदू समाज ने रविवार को स्वैच्छिक मांडल बंद का आह्वान किया था। उधर, हिंदू संगठनों के लोगों ने तहसील कार्यालय के बाहर मीटिंग आहूत की। मीटिंग में सोमवार को मांडल के तेजाजी चौक से पैदल मार्च कर भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट पहुंचने और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देने का निर्णय लिया था। इसी के तहत आज सुबह से मांडल तेजाजी चौक में लोग जुटने शुरू हो गये। दोपहर करीब सवा बारह बजे 2 से ढाई हजार लोग जुट गये। इसके बाद ये लोग पैदल मार्च करते हुये कलेक्ट्रेट के लिए निकले। करीब 13 किलोमीटर का सफर तय कर ये लोग करीब 2.40 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्ट्री से पहले रोक लिया पुलिस ने पुलिस ने पैदल मार्च को रोकने के लिए पहले से बड़ी तैयारी कर रखी थी। अजमेर पुलिया के साथ ही जेल तिराहा, कलेक्ट्री के दोनों और बेरिकेडिंग कर रास्ते बंद कर दिये थे। जेल तिराहे पर भारी पुलिस फोर्स एएसपी ज्यैष्ठी मैत्रेयी के नेतृत्व में तैनात किया गया था। अग्निवर्षा, घुडसवार, गैस गन व हथियारों से लैस पुलिसकर्मियों ने भीड़ को कलेक्ट्रेट की ओर नहीं जाने दिया। कोशिश की, लेकिन गये नहीं भीड़ ने एक बारगी जेल तिराहे पर रुकने से इनकार कर दिया और आगे बढऩे की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने भीड़ को आगे नहीं बढऩे दिया। इस दौरान पुलिस व पैदल मार्च में शामिल लोगों के बीच जद्दोजहद हुई। कुछ लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की। लेकिन बाद में ये लोग मान गये और वहीं शांतिपूर्वक बैठ गये। 21 सदस्यों की गठित की कमेटी पुलिस की कलेक्ट्री जाने से रोकने के लिए की गई सख्ती के चलते नेतृत्व कर रहे पदाधिकारियों ने कलेक्टर से मिलकर उन्हें ज्ञापन देने के लिए 21 सदस्यों की कमेटी का गठन किया। इसमें सवाईभोज मंदिर के महंत सुरेशदास महाराज, मालासेरी मंदिर के महंत हेमराज, मांडल शिव मंदिर के महंत, पूर्व मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर, भाजपा के पूर्व किसान मोर्चा अध्यक्ष उदयलाल भडाना, पूर्व नगर पालिका, गुलाबपुरा चैयरमेन धनराज गुर्जर, नंदलाल गुर्जर, संगीता गुर्जर, मनसुख गुर्जर आदि शामिल थे। कलेक्टर ने कहा मंदिर खोलने की करेंगे कोशिश देवनारायण संघर्ष समिति की ओर से मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया । इसमें बताया गया है कि समस्त हिंदू समाज की अस्था के प्रतिक एवं जन-जन के अराध्य भगवान देव नारायण जी का ग्राम मांडल में प्राचीन मंदिर है, जहां पर वर्षों से गुर्जर समाज सहित हिंदू समाज के व्यक्ति भगवान के मंदिर पर पूजा अर्चना व दर्शन के लिए आते-जाते हैं। मंदिर को हमेशा के लिए खोला जाये। इसे लेकर भाजपा के पूर्व किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष भडाना ने कलेक्टर से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कलेक्टर ने अगले 6 माह में मंदिर खोलने के लिए कोशिश करने की बात कही। उन्होंने इसके लिए 5 दिन बाद एक कमेटी गठित करने का आश्वासन भी दिया है। इस कमेटी की मामले को मीटिंगे होगी। प्रशासन के सामने ये रखी मांगें ज्ञापन में मांडल देवनारायण मंदिर स्थायी रूप से दर्शनार्थियों के लिए खोलने, इस प्रकरण से जुड़े युवाओं पर दर्ज मामले वापस लिये जायें। -30 जुलाई 21 को इसी म ंदिर प्रकरण को लेकर दर्ज मुकदमे वापस हो एवं जब्त वाहनों को रिलीज करवाने काआदेश जारी करावें। - 11 मार्च 22को समाज विशेष के लोगों द्वारा सांप्रदायिक भावना भड़काने वाले व्यक्तियों की धरपकड़ अभी तक नहीं हुई, जिन्हें तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार कर कस्बे सहित जिले में शांति कायम करवाई जाये। ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि उक्तमांगों को तत्काल प्रभाव से मांनी जाये एवं हिंदु समाज में जो रोष हे, उसके लिए समाधान किया जाये। अन्यथा हिंदु समाज उग्र आंदोलन करेंगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। 6 महीने बाद भी नहीं खुला मंदिर तो प्रदेश व देश में होगा आंदोलन भडाना ने कहा कि रिसीवरी निरस्त कर मंदिर को पुन: दर्शनार्थियों के लिए खोलने की मांग प्रशासन से की गई है। 6 माह का प्रशासन से समय मिला है। इसके बाद भी अगर मंदिर नहीं खुलता है तो इसके लिए प्रदेश के साथ ही देश में भी बड़ा आंदोलन किया जायेगा। इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। गुर्जर, भड़ाना और महंत ने करवाया वार्ता से अवगत कलेक्टर आशीष मोदी से वार्ता के बाद कमेटी के सदस्य जेल तिराहा पहुंचे, जहां मौजूद हजारों लोगों की भीड़ को धनराज गुर्जर, उदयलाल भडाना, महंत सुरेश दास ने कलेक्टर से हुई वार्ता से अवगत करवाया। कमेटी के आश्वासन पर सभी लोग सहमत हुये। इसके बाद प्रदर्शन खत्म किया गया। धनराज ने दिया जोशीला भाषण, बटौरी तालियां गुलाबपुरा नगर पालिका के पूर्व चैयरमेन धनराज गुर्जर ने हजारों की भीड़ को जेल तिराहे पर संबोधित किया। गुर्जर के संबोधन ने युवाओं में जोश भर दिया। युवाओं ने तालियां बजाकर गुर्जर की बात का समर्थन किया। |
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