विरासत-2022 का आगाज: नाचत सुदन वृन्दावन तट पर... भजन पर जीवंत हुई कृष्णलीला

 


भीलवाड़ा (हलचल)। स्पिक मैके (सोसायटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इण्डियन क्लासिकल म्यूजिक एण्ड कल्चरल एम्गस्ट यूथ) कोरोना के बाद पहली बार विरासत श्रंखला 2022 का आगाज 13 मार्च को कत्थक नृत्य से हुआ। इस विरासत 2022 के उद्घाटन कार्यक्रम के तहत विश्व प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना मोनिशा नायक की प्रथम प्रस्तुति सुबह 7.30 बजे लॉर्ड्स कोन्वेन्ट स्कूल के प्रधानाध्यापक राजशेखरन पिल्लई एवं द्वितीय प्रस्तुति सुबह 9.30 बजे ग्रीनवैली सेकण्डरी स्कूल भीलवाड़ा के निदेशक जीवी भाटिया, प्राचार्य रविन्द्र कौर, कत्थक नृत्यांगना मोनिशा नायक एवं कैलाश पालिया ने सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
जानकारी देते हुए राज्य समन्वयक कैलाश पालिया ने बताया कि मोनिशा नायक ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कृष्ण वंदना नाचत सुदन वृन्दावन तट पर... भजन पर नृत्य करते हुए कृष्ण के जीवन चरित्र पर आधारित नटवर नृत्य जिसमें कृष्ण के विभिन्न चरित्रों को जीवंत कर दिया। साथ ही जयपुर कत्थक घराने में प्रयुक्त होने वाली आमद, चक्कर, भ्रमरी, पडं़त की बारीकियों को दिखाते हुए हमारी सांस्कृतिक विरासत को परिचित कराते हुए भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में वर्णित हस्त मुद्राओं में पताका, त्रिपताका, अर्धचंद्र, कर्तरीमुख, मयूर, चन्द्रहास, कटकामुख, मुष्ठी, शिखर, कपित, कटकामुख आदि मुद्राओं को बनाना सिखाया। साथ ही भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं में माखन चोरी, कालिया नागवृंदन आदि लीलाओं को कत्थक नृत्य में जीवंत कर दिया।
साथी कलाकारों के रूप में प्रियंका कुमारी (पडं़त), मोहम्मद निजाम (गायन एवं हारमोनियम), मोहम्मद अकरम (तबले) पर संगत की।

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