हमीरगढ़ में पहली बार रमजान माह में शबीने का हुआ प्रोग्राम

  


हमीरगढ़ अल्लाउद्दीन मंसुरी
कस्बे में शनिवार शाम कब्रिस्तान कर्बला शरीफ परिसर में आम मुस्लिम समाज द्वारा पहली बार शबीना का (एक रात में पूरी कुरान पढ़ना) का प्रोग्राम हुआ।
कस्बे के मदीना मस्जिद के पेश इमाम मौलाना कमरुज्जमा ने बताया कि माह रमजान मुबारक का आखिरी अशरा (रमजान माह के आखिरी 10 दिन) है। रविवार को इस मुबारक महीने का 29वां रोजा है। अब ईदुल फितर के पर्व की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
रमजान में कुछ तारीखें ऐसी हैं, जिनका खास महत्व है। इन तारीखों में एक रात हजार महीनों से भी बेहतर मानी गई है। रमजान के दिनों में तरावीह की नमाज में कुरान पाक सुनाया जाता है। माह रमजान में 21, 23, 25, 27 और 29 तारीखें खास हैं। इन सभी तारीखों में सबसे खास रमजान की 27 तारीख को माना जाता है क्योंकि इसी पाक तारीख को अल्लाह की तरफ से कुरान आसमान से जमीन पर उतारा गया था। हदीस में शब-ए-कदर की बहुत अहमियत बताई गई है।
मगरिब की नमाज के बाद कब्रिस्तान कर्बला शरीफ परिसर में शबीना (एक रात में पूरी कुरान पढ़ना) का प्रोग्राम रखा गया जिसमें भीलवाड़ा क्षेत्र के 6 हाफिजों ने पूरी रात में पूरी कुरान पढ़ी। साथ ही मुस्लिम समाज के युवाओं द्वारा सहरी व इफ्तारी की तैयारी की गई। मौलाना हाफिज कारी आरिश रजा व मौलाना शाहबाज रजा के अगुवाई में शबीने का सुबह तक प्रोग्राम संपन्न हुआ। अंत में तमाम अहले हिंदुस्तानियों के लिए और कौम की तरक्की व शांति और खुशहाली, देश में अमन चैन, भाईचारे की मजबूती और बीमारियों से निजात की दुआ की। इस दौरान बड़ी संख्या में आम मुस्लिम समाज के बुजुर्ग युवा व बच्चे उपस्थित रहे।

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