मौत के बाद पूरा परिवार खाएगा मृतक के शव का मांस, जलाने के बाद राख का सूप भी पीना होगा

 


 दुनियाभर में तमाम धर्म, जाति, संप्रदाय के लोग रहते हैं। सबकी अपनी परंपराएं हैं और सबके अपने रीति-रिवाज है। कुछ रस्म और परंपरा सुनने, करने और देखने सभी में ठीक लगते हैं, मगर कुछ ऐसी भी परंपराएं होती हैं, जिसे सुनकर लोग न सिर्फ दंग रह जाते हैं बल्कि, यह सोचने पर मजबूर भी कि कोई जिंदा श्ख्स इस तरह का काम कैसे कर सकता है। 

बहरहाल, सब कुछ संभव है और इसी क्रम में आज हम आपको बता रहे हैं कि कैससे दक्षिण अमरीका की एक जनजाति में लोग अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के बाद उनकी राख का सूप बनाकर पी जाते हैं। जी हां, चौंकिए मत ये न सिर्फ राख का सूप पीते हैं बल्कि, मृतक का मांस भी खाते हैं और यह सब वह बड़ी खुशी से करते हैं, जिससे मृतक के प्रति उनका प्रेम व सम्मान दिखे और मरने वाले की आत्मा काे शांति भी मिले। 

दक्षिण अमरीका, ब्राजिल और वेनेजुएला में रहते हैं यानोमानी समुदाय के लोग
दक्षिण अमरीका की इस जनजाति का नाम है यानोमामी। आपके मन में सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर ये लोग ऐसा क्यों करते हैं। क्या ये निभाना सभी के लिए जरूरी है, तो चलिए आपकी शंकाओं का समाधान कर देते हैं। दरअसल, यानोमामी समुदाय के लोगों को यानम या फिर सेनेमा भी कहा जाता है। इस समुदाय के लोग दक्षिण अमरीका के साथ-साथ ब्राजिल और वेनेजुएला में भी रहते हैं। 

मृतक के प्रति प्रेम और सम्मान दिखाने के लिए शव का मांस खाते है लोग
इस समुदाय के लोग मृतक के अंतिम संस्कार के दौरान अलग तरह की परंपरा निभाते हैं। इसे एंडोकैनिबेलिज्म कहते हैं। इसमें मृतक के करीब परिजन शव का मांस खाते हैं। वहीं, जो लोगे मृतक के करीबी रहे हैं या फिर मृतक के प्रति अपना सम्मान प्रदर्शित करना चाहते हैं, वे भी शव का मांस खाते हैं। इसके बाद जो शरीर बचता है, उसे जला देते हैं। अब जलने से जो राख निकलता है, उसका सूप बनाकर अंतिम संस्कार में आने वाले लोगों को दिया जाता है। यह सब परंपरा का हिस्सा होता है। 

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