किसानों को दिया बारानी क्षेत्रों में जलवायु अनुकूलित कृषि में नवप्रवर्तन से उत्पादन बढ़ाने का प्रशिक्षण

 


भीलवाड़ा BHN
बारानी कृषि अनुसंधान केन्द्र, आरजिया पर राष्ट्रीय कृषि अनुकूलित जलवायु में नवप्रवर्तन परियोजना जो क्रीड़ा, हैदराबाद द्वारा संचालित है, के अंतर्गत एक दिवसीय मौसम पूर्व कृषक प्रशिक्षण का आयोजन नया चयनित गांव रामपुरिया बलाईखेड़ा में किया गया। इसमें 54 कृषकों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर परियोजना प्रभारी डॉ. जेके बालियान ने किसानों को मक्का, उड़द, मूंग, तिल, मूंगफली, ज्वार, सोयाबीन व ग्वार फसलों के कम समय में पकने वाली एवं अधिक उपज देने वाली किस्मों की जानकारी दी गई। इसी के साथ उन्होंने प्रत्येक किसान को खेत की मिट्टी की जांच कराकर मृदा स्वास्थ कार्ड बनवाने को कहा। इस अवसर पर इंद्रराज घसील ने बारानी क्षेत्रों में विभिन्न फसलों की बुवाई पूर्व बीज उपचार, संतुलित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग, ठीक समय पर सिंचाई, उचित समय पर बुआई का महत्व बताया। इंजीनियर रमेश पटेल ने मृदा में अधो सतह पर बनी कड़ी परत तोड़ने के लिए वाइब्रो छीजल हल का  3-4 वर्ष में एक बार प्रयोग करने की सलाह दी साथ ही संग्रहित जल के समुचित उपयोग के लिए ड्रिप सिंचाई विधि अपनाने पर जोर दिया। इसी के साथ उन्होंने आधुनिक कृषि में यंत्रीकरण हेतु बुवाई के लिए मल्टी क्रॉप सीड ड्रिल, निराई गुड़ाई के लिए ट्रैक्टर चलित तिर्री, आर्जिया व्हील पावर वीडर अपनाकर समय की बचत करने व उत्पादन बढ़ाने पर प्रशिक्षण दिया। रामपुरिया गांव के उन्नतिशील कृषक कालूलाल गुर्जर एवं बलाई खेड़ा के रतनलाल एवं कालूलाल सालवी ने तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया।

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