पटना में आतंकियों के निशाने पर थे पीएम मोदी? भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की भी थी साजिश; अभी तक तीन गिरफ्तार

 


 

पटना,। भारत को 2047 तक इस्‍लामी राष्‍ट्र बनाने की साजिश की शुरुआत पटना से की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 12 जुलाई के पटना आने पर उनके कार्यक्रम को भी निशाने पर रखा गया था। दंगा फैलाने की भी योजना थी। इसके लिए धर्म विशेष के लोगों को आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही थी। इस देश विरोधी साजिश के लिए फंडिंग पाकिस्‍तान व बांगलादेश से आ रही थी। यह बड़ा खुलासा पटना पुलिस ने शारीरिक प्रशिक्षण के नाम पर चलाए जा रहे एक संगठन के संचालक व उससे जुड़े दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद किया है। इस बड़ी साजिश में शामिल झारखंड के एक रिटायर्ड दारोगा को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को अभी गिरोह के आधा दर्जन और गुर्गों की तलाश है। आगे गिरफ्तार आरोपितों को रिमांड पर लेकर एनआइए पूछताछ करेगी।

 

पीएम मोदी के कार्यक्रम के दौरान गड़बड़ी की रची थी साजिश

भारत को इस्‍लामिक राष्‍ट्र बनाने के लिए बीते छह व सात जुलाई को पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में आतंकवादियों की एक बैठक हुई थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में गड़बड़ी फैलाने की साजिश रची गई थी। इसके लिए खास तौर पर बिहार के अलावा झारखंड, तमिलनाडु, केरल व बंगाल से विघटनकारी तत्‍वों के पुराने सदस्‍यों को बुलाया गया था। माना जा रहा है कि वे साल 2014 के दौरान तब एनडीए के प्रधानमंत्री उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी की गांधी मैदान में हुई जनसभा के दौरान हुए बम धमाकों जैसी कोई साजिश रची गई थी। हालांकि, वे अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके।

युवा ले रहे थे आतंकवाद की ट्रेनिंग

पटना के फुलवारीशरीफ में केरल सहित कई अन्‍य राज्यों के युवाओं को आतंकी प्रशिक्षण देकर भारत को साल 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रची गई थी। यह खतरनाक खेल मार्शल आर्ट और शारीरिक प्रशिक्षण देने की आड़ में चल रहा था।  जांच में पता चला है कि फुलवारीशरीफ स्थित कार्यालय में केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु सहित कई राज्य से युवा प्रशिक्षण के लिए आ रहे थे।

 

पुलिस की पूछताछ में उतरती चलीं गईं साजिश की परतें

दिल्‍ली से आइबी के इनपुट क आधार पर सोमवार की देर रात पटना पुलिस ने फुलवारीशरीफ नया टोला स्थित  कार्यालयों में छापेमारी की। पुलिस ने मकान मालिक जलालुदीन खान और अतहर परवेज को गिरफ्तार कर जब उनसे पूछताछ की तो साजिश की परतें उतरती चलीं गईं।

सिमी के पुराने सदस्यों को एकजुट कर रहा था अतहर

पुलिस के अनुसार गिरफ्तार अतहर   संगठन की आड़ में  सदस्यों को एकजुट कर रहा था। उन्‍हें हथियार चलाने से लेकर तमाम आतंकी गतिविधियों के लिए ट्रेनिंग दी जा रही थी। उनके पास से बरामद दस्‍तावेज बताते हैं कि वे साल 2047 तक भारत में अस्थिरता व सांप्रदायिक तनाव पैदा कर इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए काम कर रहे थे।

 

 

 

गया ब्‍लास्‍ट में फांसी पाए तौसीफ से मिलतीं गतिविधियां

भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के षड्यंत्र में जुटे सेवानिवृत्त दारोगा जलालुद्दीन खान व अतहर परवेज के बाद पटना के फुलवारीशरीफ से ही अरमान मलिक का भी गिरफ्तार किया गया है। अतहर का भाई मंजूर पूर्व में आतंकी कनेक्शन में जेल जा चुका है। उसके पास पाकिस्तान से धन आ रहा था। वह कई आतंकियों का जमानतदार रहा है। गया में साल 2018 में शिक्षक बनकर रह रहे तौसिफ पठान की गतिविधियां भी अतहर से मिलती-जुलती हैं। उसे अहमदाबाद बम विस्फोट में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। अतहर ने कब और कहां की यात्रा की, यह जांच का विषय है। गिरोह के आधा दर्जन से अधिक अन्‍य गुर्गों की भी तलाश की जा रही है। पुलिस सबों की कुंडली खंगाल रही है।

 

एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि आरोपतों के खिलाफ देश विरोधी व आतंकी गतिविधियों के प्रमाण मिले हैं। सुरक्षा एजेंसियां उन्‍हें रिमांड पर लेकर पूछताछ करेंगी।

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