लेखक सलमान रुश्दी पर हमला:न्यूयॉर्क में इंटरव्यू के दौरान गर्दन पर चाकू मारा

 


भारतीय मूल के ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक सलमान रुश्दी पर पश्चिमी न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला हुआ है। न्यूयॉर्क स्टेट पुलिस के मुताबिक सुबह 11 बजे चौटाउक्वा इंस्टीटयूशन में हमलावर तेजी से मंच पर दौड़ा और सलमान रुश्दी और इंटरव्यूअर पर चाकू से हमला कर दिया। चाकू रुश्दी के गर्दन पर लगी और वह मंच पर ही गिर पड़े। वहीं इंटरव्यूअर के सिर पर भी हल्की चोट आई है।

रुश्दी को एयर एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया है। उनकी स्थिति को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। हमलावर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसकी उम्र 25 साल के आसपास बताई जा रही है। हमले की वजह अभी सामने नहीं आई है।

33 साल पहले जारी किया था फतवा
रुश्दी मुस्लिम परम्पराओं पर लिखे उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेस’ को लेकर विवादों में रहे। इसे लेकर ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला रुहोल्ला खोमैनी ने 1989 में उनके खिलाफ फतवा जारी किया था। हमले को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। ईरान के एक डिप्लोमैट ने कहा- हमारा इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है।

 घटना के बाद मंच पर मौजूद सोफे और दीवार पर खून के छींटे दिखाई दिए। कार्यक्रम के दौरान ऑडियंस में मौजूद एक डॉक्टर ने बताया कि रुश्दी के शरीर पर कई घाव देखे गए, इनमें एक घाव गर्दन पर भी है।

उपन्यास 'सैटेनिक वर्सेस’ में पैगंबर के अपमान का आरोप
रुश्दी का जन्म 19 जून 1947 को मुंबई में हुआ था। 75 साल के सलमान रुश्दी ने अपनी किताबों से दुनिया भर में पहचान बनाई। अपने दूसरे ही उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ के लिए 1981 में ‘बुकर प्राइज’ और 1983 में ‘बेस्ट ऑफ द बुकर्स’ पुरस्कार से सम्मानित किए गए। रुश्दी ने लेखक के तौर पर शुरुआत 1975 में अपने पहले उपन्यास ‘ग्राइमस’ (Grimus) के साथ की थी।

 घायल होने के बाद रुश्दी को अस्पताल ले जाते मेडिकल टीम के सदस्य। न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल ने कहा कि सलमान जीवित हैं और उनका इलाज चल रहा है।

रुश्दी को पहचान उनके दूसरे उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ से मिली। उन्होंने कई किताबें लिखीं जिसमें द जैगुअर स्माइल, द मूर्स लास्ट साई, द ग्राउंड बिनीथ हर फीट और शालीमार द क्लाउन शामिल हैं, लेकिन रुश्दी सबसे ज्यादा अपनी विवादित किताब ‘द सैटेनिक वर्सेस’ को लेकर चर्चा में रहे।

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