राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा: राज्य के 23.75 लाख लोगों के पास नहीं है जनआधार नामांकन, ऐसे में कैसे मिलेगी गरीबों को दो वक्त की रोटी

 

भीलवाड़ा (हलचल)। भीलवाड़ा जिले के 63217 सहित प्रदेश के 23.75 लाख लोगों को 2 रुपए प्रति किलो की दर से गेहूं मिलना अब बंद होने की संभावना है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) में जुड़े इन परिवारों के सदस्यों के नाम जनआधार में नहीं जुडऩे से इनके साथ यही होने वाला है। ऐसे में गरीब तबके के इन लोगों के सामने दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाना मुश्किल नजर आ रहा है। उधर, राज्य सरकार ने नामांकन करवाने के लिए आखिरी तारीख 10 जनवरी मुकर्रर की है, ऐसे में तीन दिन की अवधि में यह काम पूरा करना लाखों लोगों के बस की बात नहीं है और न ही सरकारी कारिंदों की कि वे इस काम को मुकर्रर समय सीमा में निपटा सके।
यह है जनआधार
सरकार की ओर से जनआधार को लागू करने के बाद से एनएफएसए में चयनित राशनकार्डधारी परिवारों के सदस्यों को जनआधार से जोड़ा जा रहा है। राज्य सरकार ने प्रदेश में जन आधार कार्ड को ही राशन कार्ड के स्थान पर मान्यता दी है। जन आधार से ही भविष्य में राशन मिलेगा। जन आधार में जितने परिवारों के सदस्य जुड़े होंगे, उन परिवारों को उतने सदस्यों के आधार पर ही राशन की दुकानों से गेहूं सहित अन्य सामग्री मिलेगी। सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभ 1 जनवरी 2022 से देना तय किया हुआ है। राशन के गेहूं का वितरण हर माह एक तारीख से शुरू हो जाता है, पर इस माह में कई लोगों को गेहूं नहीं मिला। अभी सरकार 5 किलो प्रति सदस्य प्रति माह गेहूं दो रुपए प्रति किलो की दर पर देती है। 
भीलवाड़ा में 63217 ने नहीं करवाया नामांकन
सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित गरीब परिवारों में से सबसे अधिक वंचित होने वाले अलवर जिले में 1.64 लाख हैं। दूसरे नंबर पर जयपुर जिला है, जहां 1.62 लाख सदस्य वंचित है। भीलवाड़ा जिले
में 63217 सदस्य ऐसे हैं, जिनका राशन कार्ड में तो नाम है, लेकिन उन्होंने अब तक भी जन आधार कार्ड के लिए नामांकन नहीं करवाया है। खाद्य विभाग ने प्रदेश के सभी डीएसओ को निर्देश
दिए हैं कि वे उनके क्षेत्रों में जिन सदस्यों का जन आधार में नामांकन नहीं हुआ है, उनके नाम 10 जनवरी तक जुड़वाए जाएं।
जिले में 90 फीसदी नामांकन
सांख्यिकी विभाग के अनुसार जिले की वर्तमान में अनुमानित जनसंख्या 28 लाख 10 हजार 786 मानी गई है। इनमें से 25 लाख 56 हजार 118 का जन आधार में नामांकन हो चुका है, जो 90 फीसदी है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ के लिए भी जन आधार जरूरी है। ऐसे में जन आधार नहीं बनवाने वाले लोग लाभ से वंचित हो सकते हैं। जिन व्यक्तियों का अब तक भी नामांकन नहीं हुआ है, वे ई-मित्र पर जाकर नि:शुल्क नामांकन करवा सकते हैं।
इधर इन्होंने ये कहा...
राज्य सरकार जल्द ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को जन आधार
योजना से लिंक करेगी। एनएफएसए के सभी लाभार्थियों को इसी आधार पर राशन मिलेगा। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ के लिए भी जन आधार जरूरी है। जन आधार में नाम जुड़वाने की आखिरी तारीख 10 जनवरी है। इससे पहले सभी वंचित लोग अपना जन आधार नामांकन ई-मित्र पर जाकर करवा लें, ताकि उन्हें परेशानी नहीं हो।
- बीएल आमेटा, सहायक निदेशक (सांख्यिकी) एवं अतिरिक्त जिला जन आधार योजना अधिकारी 

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