पंछी नील गगन के
नमन-मगसम पटल पंछी नील गगन के सदा उन्मुक्त रहे हैं/ हम पंछी नील गगन के// सदा संतुष्ट रहे हैं/ हम पंछी नील गगन के// कई हादसे आए/ हमने घोंसलों में ही बिताए// थोड़ा सा धीरज रखा तो/ आसमां साफ हो आए// सतत उड़ा भरते रहे हैं/ हम पंछी नील गगन के// विस्तृत नभ में विचरते रहे हैं/ हम पंछी नील गगन के// *सदा उन्मुक्त रहे हैं/* *हम पंछी नील गगन के//* *सदा संतुष्ट रहे हैं/* *हम पंछी नील गगन के//* नीलाम्बर मन पवित बनाता/ क्षितिज प्रेम का पाठ पढ़ाता// मन का पंछी झूम के गाता/ दिलटूटों में होंसला जगाता// सदा कृत संकल्पित रहे हैं/ हम पंछी नील गगन के// पल्लवित पोषित रहे हैं/ हम पंछी नील गगन के// *सदा उन्मुक्त रहे हैं/* *हम पंछी नील गगन के//* *सदा संतुष्ट रहे हैं/* *हम पंछी नील गगन के