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लो बीपी की समस्या से रहते हैं परेशान, तो आज ही डाइट में शामिल करें ये फूड आइटम्स

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  बिगड़ती लाइफस्टाइल और खानपान के प्रति लापरवाही की वजह से इन दिनों स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं आम हो चुकी हैं। काम के बढ़ते प्रेशर की वजह से भी आजकल लोग कई तरह की मानसिक और शारीरिक समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं। लो ब्लड प्रेशर इन्हीं समस्याओं में से एक है। इन दिनों कई लोग बीपी की समस्या की चपेट में आने लगे हैं। लो ब्लड प्रेशर होने पर व्यक्ति के रक्तचाप स्तर में अचानक से कमी आ जाती है। लो बीपी की समस्या को हाइपोटेंशन के नाम से भी जाना जाता है। शरीर में ब्लड प्रेशर कम होने पर व्यक्ति को कई समस्याएं जैसे घबराहट, थकान और एकाग्रता में कमी आदि होने लगती है। ऐसे में अगर आप भी लो  बीपी की समस्या से परेशान हैं, तो अपनी डाइट में इन फूड आइटम्स को जरूर शामिल करें। अंडे कई पोषक तत्वों से भरपूर अंडा हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। लो ब्लड प्रेशर की समस्या में भी अंडा काफी लाभकारी होता है। अगर आप हाइपोटेंशन का शिकार हैं, तो अंडे का सेवन आपके लिए लाभदायक है। इसमें पाया जाने वाला विटामिन बी-12 रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाता है। इसलिए लो बीपी के मरीजों के आहार में विटामिन ब...

नई बीमारी से पांच साल से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा खतरा,केरल में 80 से ज्यादा बच्चे बीमार

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  देश में एक नई बीमारी बच्चों के खतरा बन रही हैं, खास कर 5 साल तक के बच्चे  ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। केरल में इस बीमारी से अब तक 80 बच्चे चपेट आ चुके हैं ।   ये है टोमैटो फीवर?  जनरल फिजिशियन डॉ. मनीष  के मुताबिक, टोमैटो फीवर एक वायरल इंफेक्शन है। ये ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित कर रहा है। इस वायरल इंफेक्शन का नाम टोमैटो फ्लू इसलिए रखा गया है क्योंकि टोमैटो फ्लू से संक्रमित होने पर बच्चों के शरीर पर टमाटर की तरह से लाल रंग के दाने हो जाते हैं। इसकी वजह से उन्हें त्वचा पर जलन और खुजली होती है। इस बीमारी से संक्रमित होने वाले बच्चों को तेज बुखार भी आता है। टोमैटो फ्लू से संक्रमित होने वाले बच्चों को डिहाइड्रेशन की समस्या होती है। इसके साथ-साथ शरीर और जोड़ों में भी दर्द की शिकायत होती है।  टोमैटो फ्लू के प्रमुख लक्षण   डिहाइड्रेशन।  स्किन रैशेज त्वचा में इर्रिटेशन या खुजली।  शरीर पर टमाटर जैसे चकत्ते और दाने।  तेज बुखार।  शरीर और जोड़ों में दर्द।  जोड़ों में सूजन।  पेट में ऐंठन और दर्...

झुलसा देने वाली गर्मी से बचे रहने के लिए रखें इन बातों का खास ध्यान

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  गर्मी अपने चरम पर है। कई राज्यों में तो पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। ऐसे में अगर आपने अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखा तो कई सारी सेहत संबंधी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। तो कुछ खास बातों का ध्यान रखकर आप गर्मियों में भी सेहतमंद बने रह सकते हैं। जानेंगे इनके बारे में...     1. पानी की कमी न होने दें इस मौसम में पसीना ज्यादा निकलने से शरीर में पानी की कमी होने लगती है। ऐसे में और ज्यादा जरूरी हो जाता है बॉडी को हाइड्रेट रखना। जिसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। साथ ही दूसरे हेल्दी लिक्विड्स जैसे- दही, छाछ, नींबू पानी, ग्लूकॉन डी, लस्सी, नारियल पानी, फलों का जूस और जल जीरा पीते रहें। ये हीट स्ट्रोक से बचाने में मदद करेंगे। घर से बाहर जाते समय अपने साथ पानी की बॉटल जरूर कैरी करें। गर्मियों में सत्तू और बेल का जूस पीना भी हीटस्ट्रोक से बचाता है और साथ ही हेल्दी भी रखता है। 2. खाने पर ध्यान दें गर्मी और धूप से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए एहतियात बरतें। इन दिनों हीटस्ट्रोक के साथ फूड प्वॉइजनिंग की समस्या भी बहुत ज्यादा होती है। तो जितना हो सके ताजा फल...

बस इन 2 देसी ड्रिंक्स को पीकर रखें शरीर को ठंडा और हेल्दी

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  गर्मियां शुरु होते ही लोग शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडी चीज़ों का सेवन शुरू कर देते हैं जो बेशक कुछ देर के लिए तो राहत देते हैं लेकिन बहुत ज्यादा ठंडी चीज़ों के सेवन से सर्दी-जुकाम होने की भी संभावना रहती है। और अगर कहीं आप गर्मी से राहत पाने के लिए कोल्ड ड्रिंक्स, आइसक्रीम का सेवन करते हैं तब तो ये सर्दी-जुकाम के साथ ही मोटापा बढ़ने की भी वजहें बन सकते हैं। तो आज हम कुछ ऐसे ड्रिंक्स ऑप्शन्स के बारे में जानेंगे जिन्हें आप घर में ही तैयार कर सकते हैं और ये किसी भी तरह से सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं। 1. बेल का शरबत गर्मियों के मौसम में मिलने वाला फल है बेल। जिसे पीने से कई सारी बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। बेल में एंटी फंगल और एंटी पैरासाइट गुण होते हैं। आयरन, कैल्शियम, गुड फैट, फाइबर, बीटाकैरोटिन, थायमिन, राइबोफ्लेविन और प्रोटीन जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है यह फल। इसके फायदे -  इसका शरबत पीने से पाचनतंत्र दुरुस्त रहता है। कब्ज, गैस, अपच की समस्या नहीं होती।  - बेल का शरबत ब्लड प्यूरीफिकेशन का भी काम करता है।  - यह कोलेस्ट्रॉल का स्तर सही रखने में मदद करत...

जानिए हाथों को कब और कितनी देर धोना चाहिए?

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  हर साल 5 मई को वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे मनाया जाता है, ताकि लोगों को इसके महत्व के बारे में जागरुक किया जा सके। सुरक्षित और स्वस्थ रहने के लिए हमारा हाथों को दिन में कई बार धोना बेहद ज़रूरी होता है। कोविड -19 के प्रकोप के बाद से हाथ धोने का महत्व भी दस गुना बढ़ गया है, व्यक्तिगत स्वच्छता आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है। इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने से वायरल संक्रमण और फ्लू से बचाव करते हुए कई लोगों की जान बची है।  हाथों को कब धोना चाहिए? जब आप दिन भर सतहों और वस्तुओं को छूते हैं तो आपके हाथों पर कीटाणु जमा हो जाते हैं। आप इन कीटाणुओं को दूसरों तक फैला सकते हैं या अपनी आंख, नाक या मुंह को छूकर खुद को संक्रमित कर सकते हैं। हालांकि अपने हाथों को रोगाणु मुक्त रखना असंभव है, हाथ धोना विभिन्न बीमारियों के प्रसार से बचाव की पहली पंक्ति है, जिसमें सामान्य सर्दी से लेकर मेनिन्जाइटिस, ब्रोंकियोलाइटिस, फ्लू, हेपेटाइटिस ए और विभिन्न प्रकार के दस्त जैसे गंभीर संक्रमण शामिल हैं। हमेशा हाथ कब-कब धोना चाहिए: खाना बनाने और खाने से पहले अगर आप किसी बीमार व्यक्ति या फिर घायल का इलाज कर...

गुलाब से बने गुलकंद के सेहत से जुड़े ये फायदे नहीं जोनते होंगे आप!

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  गुलकंद न सिर्फ स्वाद में बल्कि सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। और हो भी क्यों न यह गुलाब की पंखुड़ियों से जो तैयार किया जाता है। गुलाब के फूल की तरह गुलकंद की खुशबू भी दिल खुश कर देती है। इसका इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है। इसे पान के अलावा चाय में भी इस्तेमाल किया जाता है। कई लोग इसे पानी या फिर दूध में मिलाकर भी पीते हैं। आप गुलकंद को बाज़ार से खरीद सकते हैं या फिर इसे घर पर भी तैयार कर सकते हैं। गुलकंद असल में गुलाब की पंखुड़ियों और चीनी से मिलकर बनता है। गुलकंद को कैसे बनाएं? वैसे तो गुलकंद बनाने के लिए एक विशिष्ट प्रकार के गुलाब का उपयोग किया जाता है, लेकिन इसे फूल की अन्य किस्मों से भी बनाया जा सकता है। आपको गुलाब के फूल की पंखुड़ियों को इकट्ठा करके साफ करना है। चीनी या फिर मिश्री की बराबर मात्रा लें। इन सभी चीज़ों को एक जार में डाल दें। इन चीज़ों की परत बनाकर डालें। जैसे एक परत गुलाब की पंखुड़ियों की तौ दूसरी चीनी की। आप इसमें स्वाद के लिए इलाइची भी डाल सकते हैं। ध्यान रहे कि यह जार कांच का हो, ताकि सूरज की किरणें इस तक पहुंच सकें और यह अच्छी तरह सूख जाए। जार को धूप ...

सेहत के साथ वजन कम करने में भी फायदेमंद है नारियल पानी

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  गर्मियों के मौसम में शरीर को ठंडा रखने के लिए नारियल पानी भी अच्छा माना जाता है। इसका पानी न सिर्फ स्वाद में मज़ेदार होता है बल्कि शरीर को कई तरह के फायदे भी पहुंचाता है। जिनमें से एक वज़न घटाना भी है। आज के समय में बढ़ा हुआ वजन एक गंभीर समस्या बन गई है। लोग अपने मोटापे से बेहद परेशान रहते हैं और हो भी क्यों न मोटापा अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है। इस समस्या से बचने के लिए आप या तो एक्साइज कर सकते हैं या फिर अपनी डाइट में कुछ बदलाव। अगर आपको नारियल पानी पसंद है, तो इसे अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें। आइए जानें नारियल पानी के फायदे भूख को कंट्रोल करता है नारियल पानी में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो लंबे समय तक हमारे पेट को भरा हुआ महसूस कराता है। जिससे आपको भूख कम लगती है और आप बार-बार खाने से बचते हैं। कैलोरी को कम करता है नारियल पानी में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। यही कारण है कि नारियल पानी वजन कम करने के लिए फायदेमंद है। एक कप नारियल पानी में 46 कैलोरी होती है जो बहुत ही कम है। मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है नारियल पानी शरीर के मेटाबॉलिज्म रेट में सुधा...

आम खाने के तुरंत बाद गलती से भी न खाएं ये 5 चीजें, वरना पड़ सकते हैं बीमार

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  गर्मी का मौसम आते ही बाजार में हर तरफ फलों का राजा आम छाया रहता है। ज़्यादातर लोगों को आम बेहद पसंद होता है, कि वे दिन रात इसे खाने से नहीं चूकते। यहां तक कि कई जगहे आम के साथ चावल, रोटी या पराठे भी खाए जाते हैं। अगर आप भी आम के बड़े शौक़ीन हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। जैसे आम खाने के तुरंत बाद कुछ चीज़ों के सेवन से बचना, ताकि सेहत को नुकसान न पहुंचे और आप सीज़न भर आम का मज़ा लेते रहें।  बहुत ही कम ऐसे लोग हैं, जो जानते होंगे कि आम खाने के बाद कुछ चीज़ों को खाने से न बचा जाए, तो ये सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। तो आइए जानें इन चीजों के बारे में... 1. आम के बाद न पिएं कोल्ड ड्रिंक कुछ खाने के बाद अक्सर लोगों को प्यास लगती है। खासतौर पर मीठा खाने के बाद। प्यास लगने पर पानी पीना तो ठीक है लेकिन कई लोग कोल्ड ड्रिंक पीना पसंद करते हैं, जो नुकसान पहुंचाती है। कोलिड ड्रिंक में मौजूद सोडा और चीनी दोनों शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली चीज़ें हैं। आम में भी प्राकृतिक तौर पर चीनी की मात्रा ज़्यादा होती है और इसके बाद कोल्ड ड्रिंक पीने से ब्लड शुगर स्तर बढ़ने का ख़तरा रहता ...

कोविड -19 से निपटने के लिए खाएं यह 5 फूड्स और बनाएं इम्यूनिटी को मज़बूत

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  लाइफस्टाइल डेस्क।  भारत में रह रहे लोग काफी भाग्यशाली थे कि घातक दूसरी लहर की तुलना में कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर ने क़हर नहीं बरपाया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोविड का ख़तरा टल गया है। हम अब भी महामारी के बीच ही जी रहे हैं, जिसका मतलब है कि हमें अपने स्वास्थ्य की ज़्यादा देखभाल और इम्यूनिटी में सुधार करते रहना होगा। इम्यून सिस्टम सही तरीके से काम करे, इसके लिए स्वस्थ खाना खाने की ज़रूरत है, क्योंकि सभी तरह के पोषण का सेवन ही आपके इम्यून को हल्दी रखेगा। ऐसे में कोई एक जादुई खाने की चीज़ नहीं है, जो एक दिन में आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा दे दे या कोरोना वायरस वैरिएंट्स के नॉनस्टॉप विकास से लड़े। लक्षणों को कम करने या कोरोना वायरस संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए आपको स्वस्थ भोजन के सेवन की ज़रूरत है। तो आइए जानें 5 ऐसे फूड आइटम्स के बारे में जिन्हें रोज़ाना खाने से आपकी इम्यूनिटी मज़बूत हो सकती है। हरी पत्तेदार सब्ज़ियां हरी पत्तेदार सब्ज़ियां विटामिन मिनरल और फाइबर से भरपूर होती हैं और कैलोरी में कम होती हैं। कोशिश करें और दिन में एक बार पालक, मेथी, सरसों, केल...

सेहत संवारने के साथ-साथ त्वचा और बालों की खूबसूरती बढ़ाने में भी मददगार है लेमनग्रास, ऐसे करें उपयोग

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लेमन ग्रास में कई ऐसे गुण होते हैं, जो आपकी त्वचा और बालों की सेहत संवार सकते हैं। स्वस्थ त्वचा और सुंदर बालों के लिए इसके इस्तेमाल जानिए यहां। 1 . बोल में दो टेबलस्पून मुल्तानी मिट्टी, 3-4 बूंद लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल और एक टेबलस्पून एलोवेरा जैल को मिलाकर पेस्ट बना लें। चेहरे-गर्दन पर यह पेस्ट लगाएं और कुछ देर बाद पानी से धो लें। त्वचा खिल उठेगी। 2 . एक लीटर पानी में थोड़ा सा लेमनग्रास उबालें। ठंडा होने पर पानी छानकर अलग कर लें। इससे सिर में मौजूद अतिरिक्त तेल तो दूर होगा ही, बालों से अच्छी खुशबू भी आएगी। 3 . फेशियल स्टीम लेते समय पानी में थोड़ी सी लेमनग्रास अच्छी तरह धोकर डाल दें। ब्लैकहेड्स दूर होंगे। 4 . तेज गर्म नारियल तेल में थोड़ा सा लेमनग्रास डालें और कुछ देर बाद छानकर बालों में लगाएं। डैंड्रफ खत्म करने में यह काफी असरकारी है। 5 . थोड़ा सा लेमनग्रास पानी में उबाल लें। पानी को छानकर आइस-ट्रे में भरें और फ्रीजर में रख दें। तैयार आइस क्यूब को मुंहासों पर रगड़ें। जल्द ही मुंहासे गायब हो जाएंगे। 6 . एक बोल में दो टेबलस्पून शहद और एक टेबलस्पून ओटमील को अच्छी तरह मिला लें। फिर इसमें एक...

मामूली न समझें कान में होने वाली खुजली, दर्द और इंफेक्शन को, इन तौर-तरीकों से रखें इस अंग का ख्याल

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  जब भी हम कान से जुड़ी समस्या का जि़क्र करते हैं, सबसे पहले हमारा ध्यान खुजली, दर्द, इन्फेक्शन और भारीपन जैसी परेशानियों की ओर जाता है। इससे जुड़ी समस्याओं और उनके समाधान के बारे में जानने से पहले इसकी संरचना को समझना ज़रूरी है क्योंकि शरीर के इस संवेदनशील हिस्से की सुरक्षा के लिए प्राकृतिक रूप से इसकी बनावट काफी जटिल है, जिसे तीन हिस्सों में बांटा जाता है : आउटर इयर :  यह कान का बाहरी हिस्सा है। कान का पर्दा भी इसी में आता है। यह बाहरी कान के सबसे आखि‍र में होता है। इसलिए कान पर चोट लगने से, तेज़ म्यूजि़क सुनने से और लगातार मोबाइल पर बात करने से पर्दे पर बुरा असर पड़ता है।   मिडिल इयर :  यह कान का सबसे अहम भाग होता है। यह कान के पर्दे के बाद शुरू होता है। इसमें तीन छोटी-छोटी हड्डियां होती है जिन्हें ईयर आंशिकिल्स कहा जाता है। इनके नाम है: मेलीअस, इन्कस और स्टेपीज़, जो मानव शरीर की सबसे छोटी हड्डी होती है। इनका काम है बाहर से आने वाली ध्वनि तरंगों को भीतरी कान तक पहुंचाना है, ताकि ब्रेन तक सही तक पहुंच सके। इनर इयर :  कान का यह हिस्सा सीधे दिमाग से जुड़ा होता ह...

रिकवरी के बाद भी परेशान कर रहा कोरोना, संक्रमण के बाद तीन में से एक बुजुर्ग में पैदा हुईं नई स्वास्थ्य समस्याएं

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  बोस्‍टन,  ।  वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमित हुए एक तिहाई बुजुर्गों में प्रारंभिक संक्रमण के महीनों बाद स्वास्थ्य संबंधी कम से कम एक नई समस्या पैदा हुई, जिसका उन्हें इलाज करना पड़ा। विज्ञानियों का यह विश्लेषणात्मक शोध निष्कर्ष 'द बीएमजे' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। अमेरिका स्थित आप्टम लैब्स और हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने बाताया कि बुजुर्गों में दिल, किडनी, फेफड़े एवं लिवर के साथ-साथ मानसिक समस्याएं भी पैदा हुईं।  उन्होंने अमेरिका के स्वास्थ्य बीमा योजना रिकार्ड के आधार पर वर्ष 2020 में 65 या उससे अधिक उम्र के 1,33,366 बुजुर्गों की पहचान की, जिनमें एक अप्रैल से पहले कोविड-19 संक्रमण का पता चला था। इनका वर्ष 2020 व 2019 के गैर कोविड संक्रमितों के समूह व लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में संक्रमण के कारण बीमार लोगों के साथ तुलना की गई। इस दौरान उनकी उम्र, लिंग व समूह का ध्यान रखते हुए कोविड-19 की वजह से अस्पताल में भर्ती किए जाने के अत्यधिक खतरे का आकलन किया गया। परिणाम बताते हैं कि वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमित हुए बुजुर्गो में से 32 प्रतिश...

बसंत ऋतु में होने वाली एलर्जी और उसकी होम्योपैथिक चिकित्सा ---डॉक्टर एम डी सिंह

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  बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है / बसंत ऋतु हमें ठिठुरती सर्दी और  चिलचिलाती धूप से मुक्त सुखद मौसम का अहसास कराती है लेकिन दूसरी  और इस ऋतू में तमाम तरह के रोग उत्पन्न हो जाते हैं / इस ऋतु में कफ से कुपित होने से खांसी ,सर्दी ,जुकाम ,श्वास , भूख ना लगना ,पेचिश , दस्त और त्वचा सम्बन्धित अनेक रोग उत्पन्न हो जाते हैं तथा अगर इनका समय रहते इलाज ना किया जाये तो यह गंभीर रूप धारण कर लेते हैं जिससे जान को भी खतरा पैदा हो सकता है /   बसंत ऋतु में होने वाली एलर्जी के कारक ----: किसी भी एलर्जी का मुख्य कारण तो व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक तंत्रों की अति संवेदनशीलता है ।आपके शरीर का कोई भी तंत्र किसी भी खास पदार्थ से अति संवेदनशील हो सकता है। इसके पीछे शरीर के इम्यून सिस्टम का संपर्क में आने वाले किसी भी वाह्य संपर्की चाहे वह पदार्थ हो अथवा अपदार्थ के प्रति असहिष्णु होना है । यहां हम स्वसन तंत्र को आक्रांत करने वाले बासंतिक एलर्जीज का अध्ययन करेंगे जिनसे सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार एलर्जीकल राइनाइटिस साइनोसाइटिस ,सर दर्द , ब्रांकिय...

हाई ब्लड प्रेशर के मरीज नाश्ते में करें इन 5 चीज़ों का सेवन, पूरा दिन रहेगा बीपी कंट्रोल

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  हाई ब्लड प्रेशर खराब लाइफस्टाइल, तनाव और खान-पान की खराबी की वजह से पनपने वाली बीमारी है। साइइलेंट किलर के नाम से मशहूर इस बीमारी की परेशानी तब होती है जब खून की धमनियों की दीवारों पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी हो सकता है। हाइपरटेंशन सिर्फ दिल की बीमारी ही नहीं बल्कि और भी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों का बीपी बढ़ने पर उन्हें तेज सिरदर्द, छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, कन्फूजन और स्किन पर लाल रंग के चकत्ते जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ों को ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए शारिरिक तौर पर एक्टिव रहने के साथ ही खानपान का ध्यान देने की खास जरूरत है। हाई ब्लड प्रेशर को सिर्फ दवाई से ही कंट्रोल नहीं किया जा सकता, बल्कि उसमें आपकी डाइट बेहद असरदार है। हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ नाश्ते में कुछ खास फूड्स का सेवन कर लें तो पूरा दिन उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल रह सकता है। सुबह का नाश्ता सबसे जरूरी खाना है जो आपको पूरे दिन एनर्जेटिक रखता है, इसलिए सुबह के नाश्ते में ऐसे फूड्स का सेवन करें ज...

बैक्टीरिया, वायरस के संक्रमण से बचे रहने के लिए बेहद जरूरी है इन 4 चीज़ों की खासतौर से साफ-सफाई

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  शरीर की नियमित रूप सफाई के महत्व को जानते और समझते तो सब हैं लेकिन फॉलो कुछ ही लोग करते हैं। सर्दियों में तो कुछ लोग हफ्तों तक नहीं नहाते। आपकी ये आदतें शरीर में कई तरह की बीमारियों को दावत देती हैं। सिर्फ नहाना ही नहीं, इसमें दातों, नाखूनों की सफाई भी शामिल है। आइए जानते हैं खुद के साथ अपने आसपास भी लोगों को सुरक्षित बनाए रखने के लिए किन चीज़ों की साफ-सफाई बेहद जरूरी है।  1. पहला, शरीर की साफ-सफाई  रोज नहाकर, हफ्ते में कम से कम दो बार बालों को धोने और रोजाना नए कपड़े पहनने से त्वचा संबंधी पुरानी बीमारियों और संक्रमण से बचा जा सकता है। शरीर की अच्छी तरह से साफ-सफाई विषाणुओं और जीवाणुओं को शरीर पर हमला करने से रोकती है। नहाते समय अपने आंखों और कानों के आसपास के क्षेत्र की अच्छी तरह सफाई करनी चाहिए। इससे संभावित रूप से सेहत को होने वाले खतरे से बचाव होगा। 2. दूसरा, दांतों की सफाई मुंह और दांतों की अच्छी तरह से देखभाल करना मसूड़ों की बीमारियों, दांतों की सड़न और मुंह से आने वाली बदबू को रोकने के लिए बेहद जरूरी है। हम जो भी खाते-पीते हैं, वह हमारे मुंह से ही पेट में जाता है...

कैंसर को खुद से दूर रखने के लिए अपने डाइट में जरूर शामिल करें ये फूड्स

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  क्या आप जीवनशैली में कुछ बदलाव करके कैंसर से बच सकते हैं? इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करने वाले कई अध्ययनों में पाया गया है कि अधिकांश कैंसर के मामलों की जड़ें जीवनशैली और पर्यावरण में होती हैं, जबकि केवल एक छोटा प्रतिशत आनुवंशिक दोष को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसका अर्थ है कि बीमारी काफी हद तक नियंत्रित की जा सकती है. आगे पढ़ें पूरी डिटेल...  कैंसर के कारण: लाइफ स्टाइल से संबंधित कारणों के बारे में जानें सिगरेट धूम्रपान, तला हुआ भोजन और रेड मीट, शराब, सूरज के संपर्क में, पर्यावरण प्रदूषक, संक्रमण, तनाव, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता सहित खराब आहार कुछ ऐसे कारक हैं जो कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं.  हर साल 4 फरवरी को मनाया जाता है विश्व कैंसर दिवस  विश्व कैंसर दिवस हर साल 4 फरवरी को दुनिया भर में मनाया जाता है, जिसमें घातक बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है. ग्रीन टी अच्छी गुणवत्ता वाली ग्रीन टी: ग्रीन टी कैंसर को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में कारगर है. ग्रीन टी में ईजीसीजी नामक एक एंटीऑक्सिडेंट होता है जो मुक्त कणों...

एक महीने से ज्यादा रहे खांसी, बलगम की समस्या तो तुरंत कराएं जांच, हो सकते हैं लंग कैंसर के लक्षण

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  कैंसर एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसका समय पर डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट न करने पर यह जानलेवा साबित हो सकती हैं। इसके खतरों और इससे जुड़ी जानकारियों से लोगों को जागरूक कराने के लिए ही हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। लंग कैंसर के लक्षण किसी भी व्यस्क को अगर खांसी आते एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है। गले में खराश, छाती में दर्द, खांसी के साथ बलगम या खांसी के साथ खून भी आ रहा है तो ये लक्षण आपको सूचित करते हैं कि आपको लंग कैंसर का खतरा हो सकता है। इसके अलावा रात के समय में पसीना आना और अचानक वेट लॉस होना, पसलियों में जरूरत से ज्यादा दर्द रहना और दवाओं के प्रयोग के बाद भी अगर दर्द कम न हो, तो ऐसे में हमें फौरन डॉक्टर से संपर्क करके उनसे चेकअप कराना चाहिए। वहीं, अगर आपकी आवाज में भी कोई बदलाव हो, खाना अंदर ले जाने में परेशानी हो और गर्दन के आसपास सूजन हो, तो ये सभी एडवांस लंग कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। इम्यूनिटी होती है प्रभावित हम अगर समय रहते लंग कैंसर की पहचान कर लें, तो इसका निदान संभव है इसलिए हमें टाइम टू टाइम चेकअप कराते रहना चाहिए। उन लोगों को खासकर अपना चेकअप ...

कानों में आ रही है सीटी बजने की आवाज़, तो करें नज़रअंदाज़! हो सकता है कोविड का लक्षण

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  लाइफस्टाइल डेस्क।  वैज्ञानिक लगातार कोविड-19 के लंबे समय तक रहने वाले प्रभावों के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में टिनाइटस उनकी कोविड के लंबे समय तक रहने वाले लक्षणों की लिस्ट में शामिल हो गया है। अक्सर इसे "कान बजने" के रूप में जाना जाता है, टिनाइटस कानों में उस वक्त आवाज़ आती है, जब असल में बाहरी शोर मौजूद नहीं होता है। टिनाइटस के साथ रहने वाले लाखों लोग बताते हैं कि उन्हें कानों में भनभनाहट, फुसफुसाना, सीटी बजना, झपट्टा मारने, क्लिक करने और दुर्लभ मामलों में संगीत सुनाई देता है। अमेरिकन टिनिटस एसोसिएशन (एटीए) की बोर्ड सदस्य, ऑडियोलॉजिस्ट, जूली प्रुट्समैन का कहना है, "लगातार और निरंतर टिनाइटस जीवन की गुणवत्ता को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। यह एकाग्रता, सुनाई देने, नींद और किसी व्यक्ति के मूड में भी हस्तक्षेप कर सकता है। चिकित्सकीय रूप से टिनाइटस के रोगी एक दुष्चक्र में फंस सकते हैं, जहां उनकी सहानुभूति और पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र संतुलन से बाहर हो जाते हैं, जिससे चिंता, अवसाद और नींद की कमी हो सकती है।" कोविड-19 और टनाइटस म...

रूसी का कारगर इलाज हैं ये आयुर्वेदिक नुस्खे, जो बालों की क्वॉलिटी सुधारने का भी करते हैं काम

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  रूखी बहुत बड़ी समस्या बेशक न हो लेकिन कई जगहों पर शर्मिंदगी की वजह जरूर बन सकती है खासतौर से जब ये सिर से कपड़ों पर नजर आने लगती है। कई लोगों के सिर में तो ये पपड़ी की तरह जम जाती है। जिससे बालों की क्वालिटी खराब होने लगती है। अगर इसे साफ न किया जाए तो वहां के रोमकूप बंद हो जाते हैं। जिसकी वजह से बाल बहुत तेजी से गिरने लगते हैं। कई तरह के शैंपू और तेल डैंड्रफ दूर करने के लिए सुझाए जाते हैं लेकिन घरेलू उपचारों के जरिए भी आप इस समस्या से बहुत जल्द छुटकारा पा सकते हैं। तो आइए जान लें जरा इनके बारे में... 1. पानी में नींबू निचोड़कर एक हफ्ते तक रोजाना बालों की जड़ों में अंगुलियों से अच्छी तरह मसाज करें। 10-15 मिनट बाद इसे धो लें। 2. नारियल के तेल में चार प्रतिशत कपूर मिलाकर रख लें और नहाने के बाद सूख जाने पर इस तेल की सिर पर अच्छे से मालिश करें। 3. रीठा, आंवला और शिकाकाई को पानी में भिगोकर उस पानी से सिर धोएं। 4. रोजाना अंगुलियों से सिर को ऐसे ही मालिश करें। 5. दही में थोड़ा सा सरसों का तेल मिलाकर सिर धोएं। 6. नहाने से आधे घंटे पहले खोपड़ी पर दही की मालिश करें फिर सिर धोएं। 7. मेथी के...

अगर आप भी रहते हैं सर्दी-जुकाम से अक्सर परेशान, तो इन घरेलू नुस्खों से करें इसका उपचार

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कम या ज्यादा वजन, तनाव की अधिकता, अनिद्रा, शरीर में पोषक तत्वों की कमी, लंबे वक्त तक दर्द निवारक दवाओं का सेवन, खराब लाइफस्टाइल आदि रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने के प्रमुख कारण हैं। जिसकी वजह से संक्रामक बीमारियां बहुत जल्द और ज्यादातर अटैक करती रहती हैं तो इसके लिए यहां दिए जा रहे घरेलू नुस्खे इम्युनिटी मजबूत करने में आपकी मदद कर सकते हैं। 1 . एक कप से थोड़े ज्यादा पानी में एक टीस्पून कूटा हुआ अदरक और एक चुटकी हल्दी को तीन मिनट तक ढककर पकाएं। फिर उसे छलनी में छानकर पी लें। सर्दियों में हफ्ते में दो बार पानी पीने से इम्यून सिस्टम दुरुस्त रहता है। 2 . सहजन के गाढ़े सूप में भुना जीरा, सौंफ और काला नमक एवं काली मिर्च मिलाकर लेने से इम्युनिटी बढ़ती है। 3 . एक टीस्पून शहद में लहसुन की दो कलियां पीसकर मिला लें। रोज सुबह-शाम इसे खाने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होगा। 4 . दिन में कम से कम एक बार दही जरूर खाएं। आप दही में ताजे फल, शहद और शक्कर मिलाकर उसका स्वाद बढ़ा सकते हैं। 5 . रोज आधा टीस्पून आंवला पाउडर में एक टीस्पून शहद मिलाकर खाने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। 6 . दो की...