गहलोत सरकार ने संविदा कर्मियों के लिए कैडर बनाकर सेवा नियम किए तय, संविदाकर्मियों को 5 प्रतिशत वार्षिक इंक्रीमेंट मिलेगा

जयपुर । अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत एक लाख से अधिक संविदाकर्मियों के कैडर बनाकर सेवा नियम तय कर दिए है। जिस महिला कर्मी की दो से कम जीवित संतान है उसे 180 दिवस तक का मातृत्व अवकाश मिलेगा। यदि मातृत्व अवकाश का दो बार उपभोग करने के पश्चात कोई जीवित संतान न हो तो मातृत्व अवकाश एक और अवसर के लिए दिया जा सकेगा। सरकार के इस निर्णय से संविदाकर्मियों को प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत वार्षिक इंक्रीमेंट और अन्य लाभ मिलेंगे। राज्य के कार्मिक विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार संविदा पर रखा गया व्यक्ति प्रत्येक कैलेण्डर वर्ष में 12 दिवस  के आकस्मिक अवकाश का हकदार होगा। संविदा पर रखा गया व्यक्ति संविदा सेवा के प्रत्येक पूर्ण वर्ष के संबंध में 20 दिवस की अर्ध वेतन छुट्टी का हकदार होगा, लेकिन ये छुट्टी चिकित्सा प्रमाण पत्र ही दी जाएगी।

संतोषप्रद सेवा होने पर होगा नवीनीकरण

कार्मिक विभाग की अधिसूचना के अनुसार संविदा कर्मी सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ सकेगा। संविदा पर रखा गया व्यक्ति राज्य के क्रियाकलापों के संबंध में यात्रा और दैनिक भत्ते का हकदार होगा। यात्रा भत्ते के प्रयोजन के लिए एक मुश्त मासिक संविदा पारिश्रमिक के अनुसार अवधारित किया  जाएगा। संविदाकर्मियों को एक स्थान से अन्यंत्र स्थान पर तबादला नहीं किया जाएगा। सरकार के अनुमोदन के बिना संविदा कर्मी किसी अन्य कार्य एवं व्यवसाय में लिप्त नहीं होगा। साथ में अन्य किसी पाठ्यक्रम का अनुसरण नहीं करेगा। संविदा कर्मयों को वर्दी भत्ता मिलेगा। संविदा कर्मी के 5 वर्ष की सेवा करने के बाद स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके बाद सेवा संतोष प्रद होने के बाद नवीनीकरण किया जाएगा। 

सरकार चाहे जब सेवाएं समाप्त कर सकती है

यदि सक्षम प्राधिकारी संविदा कर्मी  की सेवाओं से संतुष्ट न हो या विश्वास करता है कि किसी कारण से अब उसकी सेवाएं आवश्यक नहीं रही है तो प्राधिकारी तीन महीने का नोटिस देकर उसकी सेवाएं समाप्त कर सकता है। सरकार संविदाकर्मी को नौकरी से निकालने पर 3 महीने का वेतन देगी। संविदा कर्मी को कोई तदर्थ बोनस नहीं दिया जाएगा। संविदा पर नियुक्त संविदा की कालवधि के अवसान पर संविदा कर्मी की सेवाएं स्वत समाप्त हो जाएंगी। सेवा समाप्ति के लिए अलग के आदेश जारी नहीं किए जाएंगे। संविदा पर नियुक्त व्यक्ति ने 60 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है तो उसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।

दोषसिद्ध व्यक्ति संविदा पर नहीं रखा जाएगा

कार्मिक विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार एसी, एसटी, ओबीसी, अति पिछड़ा वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर  वर्गों के पुरुष अभ्यर्थियों को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट देने का प्रावधान किया गया है। सामान्य वर्ग की महिला अभ्यर्थियों के मामले में 5 वर्ष और एससी, एसटी, ओबीसी, अति पिछड़ा  वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिला अभ्यर्थियों के मामले में 10 वर्ष की शिथिलता रहेगी। आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति संविदा पर रखने के लिए पात्र नहीं होगा अनुशासनिक आधार पर लोक सेवा से हटाया गया नहीं हो। दोष सिद्ध व्यक्ति भी संविदा के आधार पर नहीं रखा जाएगा।

दो से अधिक संतान वाले पात्र नहीं होंगे

आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति जिसके1 जून 2002 दो को या उसके पश्चात दो से अधिक संतान हो इन नियमों के अधीन नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा। परंतु दो ज्यादा संतानों वाला अभ्यर्थी  तब तक नियुक्ति के लिए निर्हित नहीं समझा जाएगा जब तक उसकी संतानों की उस संख्या में , जो एक जून 2002 को है, बढ़ोतरी नहीं होती है। किसी भी अभ्यर्थी की संतानों की कुल गणना करते समय ऐसी संतानों को नहीं गिना जाएगा जो पूर्व के प्रसव से पैदा हुई हो और निशक्तता से ग्रसित हो।

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