अब 'बहू' को तंग करना पड़ सकता है महंगा! सुप्रीम कोर्ट ने 80 वर्षीय सास को सुनाई 3 महीने की जेल
दिल्लीः अब एक महिला द्वारा दूसरी महिला को प्रताडि़त करना महंगा पड़ सकता है। दरअसल, एक घरेलु मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक 80 वर्षीय सास को दोषी ठहराते तीन महीनें की जेल की सजा सुनाई है इस दौरान कोर्ट ने कहा कि एक महिला के खिलाफ अपराध उस वक्त और संगीन हो जाता है, जब एक महिला अपनी पुत्रवधू के साथ क्रूरता करती है। अदालत ने कहा कि यह घटना 2006 की है। घटना के समय दोषी महिला की उम्र महज 60-65 साल रही होगी।इसलिए, केवल इसलिए कि मुकदमे को समाप्त करने और हाई कोर्ट द्वारा अपील पर निर्णय लेने में एक लंबा समय बीत चुका है, सजा नहीं देने या पहले से ही दी गई सजा को लागू नहीं करने का कोई आधार नहीं है। बता दें कि इससे पहले महिला को मद्रास हाई कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत दोषी करार दिया था। पीड़िता की मां ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके दामाद , सास ,उसकी बेटी और ससुर उनकी बेटी को गहनों के लिए प्रताड़ित करते थे। जिसके चलते ही उनकी बेटी ने आग लगा कर आत्महत्या कर ली थी। निचली अदालत ने सबूतों को ध्यान में रखते हुए आरोपी नंबर चार को बरी कर दिया था और एक से लेकर तीन नंबर तक के आरोपियों को दोषी ठहराया था। |
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