गहलोत सरकार गौशालाओं को बिजली बिल में देगी अनुदान, राजस्थान की प्रत्येक ग्राम पंचायत में खुलेंगी गौशालाएं
राजस्थान की गहलोत सरकार ने साॅफ्ट हिंदुत्व की राह पर कदम बढ़ा दिए है। गहलोत सरकार प्रदेश की सभी पंजीकृत गौशालाओं को बिजली बिल में 50 फीसदी अनुदान देगी। इसके लिए गहलोत सरकार ने गौशालाओं का बिजली का बिल कमर्शियल से घरेलू में तब्दील कर दिया है। सीएम गहलोत की छूट से गोशालाओं को संबल मिलेगा। गहलोत सरकार प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में गौशाला भी खोलने जा रही है। राज्य सरकार ने पिछले महीने ही प्रदेश के सभी पंचायत मुख्यालयों पर नंदी गोशाला खोलने की शुरुआत की थी। राज्य का गोपालन विभाग प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में नंदी गोशालाएं खोलने जा रही है। राजस्थान में 11 हजार 341 ग्राम पंचायत है। जबकि 352 पंचायत समितियां है। उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत ने सत्ता में आने के एक साल बाद ही प्रदेश को आवारा पशुओं से मुक्त बनाने के लिए नंदी आश्रय बनाने की घोषणा की थी। गोपालन मंत्री बोले- भाजपा की कथनी और करनी में अंतर राजस्थान के गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया का कहना है कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है। भाजपा गाय के नाम पर सिर्फ राजनीति करती है। कांग्रेस की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। गोपालन मंत्री के अनुसार प्रदेश में करीब छोटी-बड़ी 3 हजार पंजीकृत गौशालाएं है। गहलोत सरकार ने सत्ता में आते ही गौ संरक्षण के लिए अनुदान की प्रक्रिया को सरल किया। गौ सम्मेलन करवाए। उन्होंने बताया कि भाजपा के राज में 200 गौवंश पर अनुदान मिलता था। हमारी सरकार ने 100 पशुओं पर अनुदान देना शुरू कर दिया। अनुदान देने के लिए 2 साल के प्रावधान को हटा दिया गया। अब एक साल में ही गोशालाओं को अनुदान दिया जाता है। छोटे पशुओं (बछड़ा) पर 16 रुपये का अनुदान मिलता था। उससे 20 रुपये कर दिया गया। नंदी गौशाला बड़े पशु पर अनुदान 32 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये कर दिया। नंदी गौशाला में 1 करोड़ 57 लाख यूनिट आंकी गई है। सरकार 90 फीसदी अनुदान देगी। 10 फीसदी संबंधित संस्था लगाएगी। 90 फीसदी अनुदान गोपालन विभाग देगा। |
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