आयुर्वेद व पंचगव्य की ओर बढ़ें और सर्जरी से बचें: मिश्र

 


भीलवाड़ा (हलचल)। ड्रग इंस्पेक्टर श्यामलाल मिश्र ने कहा कि आमजन आयुर्वेद एवं पंचगव्य उत्पादों को अपनाएं और सर्जरी से बचें। वे सोमवार को माधव गो विज्ञान अनुसंधान संस्थान की ओर से नौगांवा में संचालित माधव गोशाला में पंचगव्य एवं आयुर्वेद चिकित्सक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। कोविड-19 गाइडलाइन की पालना के साथ हुई संगोष्ठी का शुभारंभ भगवान धन्वन्तरी के पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलन सहित धन्वन्तरी स्तवन से हुआ। संगोष्ठी की अध्यक्षता जिला वैद्य महासभा के अध्यक्ष अनन्त ओझा ने की एवं मुख्य अतिथि जिला उपनिदेशक सत्यनारायण शर्मा थे। संगोष्ठी में पंचगव्य एवं उससे निर्मित होने वाली औषधियों की महत्ता पर चर्चा हुई। सभी आयुर्वेद अधिकारियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए एवं वर्तमान समय की बीमारियों के बारे में चर्चा की। संगोष्ठी में डॉ. प्रियदर्शनी ने महिला रोग एवं उसके समाधान पर विचार प्रस्तुत किए। डॉ. संजय शर्मा ने मानस रोग पर चर्चा की। डॉ. अर्जुन सिंह चुण्डावत ने पंचगव्य के माध्यम से चर्म रोग के निदान की महता बताई। संगोष्ठी में परम पूज्य माधव गौ विज्ञान अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष राजकुमार बम्ब ने संस्थान में पंचगव्य के माध्यम से बन रही औषधियों एवं गोशाला में गोमाता के माध्यम से बन रही बायोगैस के माध्यम से हो रहे विद्युत उत्पादन, सीएनजी, एवं बैलचालित जनरेटर व वर्मी कम्पोस्ट तथा गोकृपा अमृत के बारे में जानकारी दी। साथ ही अनुसंधान में अवलोनार्थ आने वाले किसानों को नि:शुल्क गोकृपा अमृतम देने की बात की। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ. सत्यनारायण  शर्मा ने पंचगव्य, आयुर्वेद एवं ज्योतिष माध्यम से मानव के सम्पूर्ण रोगों का निदान पर अपने विचार रखे तथा डॉ. हेमचन्द्र त्रिवेदी ने जड़ी बुटी एवं औषधिय पौधों के माध्यम से सम्पूर्ण रोग के निदान पर चर्चा की। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे जिला वैध सभा के अध्यक्ष अनन्त औझा ने वैश्विक महामारी कोविड-19 में पंचगव्य एवं आयुर्वेद की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे चर्चा की। साथ ही कोविड की तीसरी लहर से बचाव के बारे में विचार रखे। डॉ. विनोद  औझा ने सौन्दर्य प्रसाधन पंचगव्य की महता पर अपने विचार रखे। संगोष्ठी में जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. जी. एल. शर्मा एवं ड्रग इंस्पेक्टर श्यामघर मिश्र एवं द्वारकेश से रामप्रकाश काबरा एवं रामकिशोर काबरा एवं कचंन फार्मा के राहुल मुणोत सहित 45 वर्तमान एवं सेवानिवृत आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया। सभी आयुर्वेद चिकित्सकों ने परम पूज्य माधव गो विज्ञान अनुसंधान संस्थान में बनने वाली औषधियों की प्रशंसा की एवं यथासमय अपने अनुभव से अनुसंधान केन्द्र की औषधियों के निर्माण में अपने योगदान का आश्वासन दिया। संगोष्ठी का संचालन शिवराज शर्मा ने किया तथा आरोग्य भारती के प्रांत संयोजक कैलाश सोमानी ने संगोष्ठी में भाग लेने वाले सभी चिकित्सकों का आभार प्रदर्शन किया। संगोष्ठी में अनुसंधान के सचिव सत्यप्रकाश गगड़, गोविन्द सोडानी, कैलाश लढ़ा एवं गोसेवक शिवप्रकाश झंवर (सीए), राकेश मानसिंहका व रामेश्वर हिंगड़ आदि उपस्थित रहे। सभी को गो माता पर  आधारित कैलेंडर व च्यवनप्राश दिया गया।

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