खालिस्तान समर्थकों की वकीलों को मिली धमकी, SFJ का दावा- हमने रोका पीएम का काफिला

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा मामले में चूक का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शीर्ष अदालत  में पहुंचने के बाद इस मामले में भी लगातार नए अपडेट सामने आ रहे हैं। पीएम की सुरक्षा में चूक को लेकर चल रहे विवाद के बीच बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को खालिस्तान समर्थकों की ओर से धमकी मिली है। ये धमकी भरे कॉल्स इग्लैंड के नंबर से किए गए हैं। सिख फॉर जस्टिस ( SFJ ) की तरफ से वकीलों को ऑटोमेटेड फोन कॉल्स आए हैं। इन फोन कॉल्स के बाद एक बार फिर इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। दरअसल यह विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को खालिस्तान समर्थकों की ओर से धमकी भरे कॉल आए हैं। ये कॉल इंग्लैंड से आए बताए जा रहे हैं। इन कॉल में ये दावा भी कि गया है कि सिख फॉर जस्टिस की ओर से पीएम मोदी के काफिले को रोका गया था।

कॉल से हुए चौंकाने वाला खुलासा

इंग्लैंड से आए इन ऑटोमेटेड कॉल से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल कॉल की ऑडियो रिकॉर्डिंग से ये बात सामने आई है कि कॉल करने वाले ने कहा है कि, किसानों और पंजाब के सिखों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में सुप्रीम कोर्ट और मोदी की मदद नहीं करो। आपको याद रहना चाहिए कि सिख दंगों और नरसंहार में अब तक भी एक दोषी को भी सजा नहीं दिलवा पाए।

दर्जनभर वकीलों को मिली धमकी

धमकी भले कॉले सुप्रीम कोर्ट के दर्जनभर यानी 12 से ज्यादा वकीलों को आए हैं। वकीलों ने दावा किया है कि उनको धमकी भरी ऑडियो क्लिप मिली है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन के मुताबिक धमकी भरे ये कॉल आए हैं, जिनमें सुनवाई से दूर रहने को कहा गया है।

फिलहाल इन कॉल रिकॉर्डिंग की जांच की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस संगठन ने 5 जनवरी को पंजाब में हुए पीएम मोदी के सुरक्षा में चूक की भी जिम्मेदारी ली है।

बता दें कि बीते 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लौटने का श्रेय भी सिख फॉर जस्टिस ने लिया था। किसान आंदोलन की अवैध तरीके से फंडिंग करने में भी सिख फॉर जस्टिस ( SFJ ) का नाम सामने आया था। एक बार फिर पीएम मोदी की सुरक्षा मामले में चूक को लेकर भी इस संगठन ने बड़ा दावा किया है। हालांकि फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सभी वकील इस मामले की शिकायत दिल्ली के पुलिस स्टेशन में कर सकते हैं। वहीं दिल्ली पुलिस भी इस मामले का संज्ञान ले सकती है।

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