आरटीएच बिल के विरोध में निजी चिकित्सा सेवायें ठप्प,मरिजों की बढ़ी परेशानी, ईलाज के लिए भटकते रहे, डॉक्टर्स ने दिया ज्ञापन


 
 

 भीलवाड़ा हलचल। प्रदेश सरकार के बिना तैयारी आरटीएच बिल चिकित्सकों पर थौंपने के विरोध में प्रदेशभर के साथ भीलवाड़ा में निजी चिकित्सालय, नर्सिंग होम, क्लिीनिक  व अन्य चिकित्सा सेवाएं 24 घंटे के लिए ठप्प कर दी गई। आईएमए के बैनर तले निजी चिकित्सकों के इस विरोध के चलते निजी अस्पतालों में मरीज नहीं देखे गये। डॉक्टर्स ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर इस बिल के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया। उधर, चिकित्सकों के विरोध के चलते मरिजों को इधर-उधर भटकने के साथ ही खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं जिला चिकित्सालय में मरिजों की भीड़ रही। 
आईएमए पदाधिकारियों ने बताया कि स्टेट जोइंट एक्शन कमेटी के निर्देशानानुसार  भीलवाड़ा सहित राजस्थान में 11 फरवरी को सुबह 8 बजे से 24 घंटे चिकित्सा सेवाएं बंद की घोषणा की गई।  इसके चलते शनिवार को निजी चिकित्सालय के साथ ही क्लिीनिक, नर्सिंग होम व अन्य चिकित्सा सेवाएं बंद रही। इसके चलते मरिजों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा। मरिज व उनके परिजनों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। 
निजी चिकित्सा सेवायें ठप्प रहने से मरिजों को सरकारी अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ा, जिससे वहां भी अच्छी-खासी भीड़ रही। आईएमए पदाधिकारियों का कहना है कि  इसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा। सरकार डॉक्टर्स की आपत्तियों के बाद भी नहीं सुन रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि सभी अस्पतालों में सड़क दुर्घटना के मरीजों के लिए मुफ्त परिवहन, मुफ्त इलाज और मुफ्त बीमा कवरेज प्रदान करना अनिवार्य है जो व्यवहारिक नहीं है। निजी अस्पतालों में मुफ्त ओपीडी और इलाज करना अनिवार्य है, लेकिन उसका पैसा कोन देगा, कब देगा कितना देगा इसको स्पष्ट नहीं किया गया है।  
डॉक्टर्स ने कहा कि  रोगियों और परिचारकों द्वारा हिंसा के लिए कानून के तहत सजा का प्रावधान नहीं है इसलिए इस बिल को लागू नहीं किया जाना चाहिए और इसमें संशोधन होना ही चाहिए नहीं तो प्रदेश के सभी चिकित्सक इसका विरोध करेंगे। ज्ञापन देने वालों में बृजेश बांगड़ मेमोरियल हॉस्टिल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर नरेश खंडेलवाल, सिद्धि विनायक हॉस्पिटल के डॉक्टर दुष्यंत शर्मा, नाथावत हॉस्पिटल के डॉ. कुलदीप नाथावत, केशव पोरवाल हॉस्पिटल के नरेश पोरवाल, मुकेश जैन आदि शामिल थे। 


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