जैन समाज ने की अनूप मण्डल पर प्रतिबंध लगाने और दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

 


  भीलवाड़ा हलचल। भगवान महावीर के सत्य, अहिंसा और शांति के सिद्धांतो पर चल रहे जैन धर्मावलंबियों ओर उनके पूज्य साधु-संतों व साध्वियों के बारे में दुष्प्रचार में लगें अनूप मण्डल जैसे संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग पूरे देश मे जोर पकड़ रही है। भीलवाड़ा में भी जैन समाज ने इस संगठन को प्रतिबन्ध करने और दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है। इस बारे में मंगलवार को श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ शांतिभवन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम एडीएम सिटी वंदना खोरवाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ शांतिभवन के अध्यक्ष अभय चपलोत, मंत्री रिखबचंद पीपाड़ा, पूर्व अध्यक्ष कंवरलाल सूरिया, सामाजिक कार्यकर्ता ललित लोढा, निलेश कांठेड़ ने सौंपा। 

ज्ञापन में अनोप मंडल के सदस्यों के द्वारा जैन धर्म के विरुद्ध किये जा रहे दुष्प्रचार व मंडल की असामाजिक गतिविधियों की सीबीआई द्वारा जाँच करवाकर कठोर कार्यवाही की माँग की गई।

ज्ञापन में बताया गया कि अनोप मंडल एक जैन विरोधी संगठन है जो राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, और उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में जैन धर्म, जैन साधु व साध्वियों के खिलाफ लोगों के दिमाग में जहर घोलने का काम कर रहा है। इनका संगठन गाँव-गाँव जाकर प्रचार कर रहा है कि विश्व व भारत में आने वाली हर मानव निर्मित संकट व प्राकृतिक आपदा का एकमात्र कारण जैन लोग हैं। अब तो दुष्प्रचार की हदे पार करते हुए अनूप मण्डल के पदाधिकारी कोरोना जैसी विश्वव्यापी महामारी के लिए भी जैन समाज को जिम्मेदार बता भोले भाले निर्धन व आदिवासी लोगो को गुमराह करने और जैन समाज ओर इसके सन्त-साध्वीगण के खिलाफ उकसाने में लगा है।

ज्ञापन में बताया गया कि अनोप मंडल के लोग भोले-भाले ग्रामीणों को भय, लालच व प्रलोभन देकर अपने संगठन में शामिल करते जा रहे हैं और जैन लोगों व जैन धर्म के खिलाफ दुष्प्रचार को निरंतर बढ़ावा दे रहे हैं।  अनोप मंडल ने कई स्थानों पर जैनों के खिलाफ हिंसा भड़काने में भूमिका निभाई है। गत् 30-40 सालों में राजस्थान राज्य में इस संगठन के विरुद्ध अनेक मामले दर्ज हो चुके हैं, हाई कोर्ट के आदेश भी हुए हैं पर आज तक इस संगठन के विरुद्ध कोई ठोस कार्यवाही न होने से यह अपना विस्तार देश के अन्य राज्यों में कर रहा है।

ज्ञापन में कहा गया कि जैन मुनिगण व साध्वियाँ सदैव पैदल चलते हैं और गत् 5-10 वर्षों में गुजरात, राजस्थान व महाराष्ट्र आदि राज्यों में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 150 से अधिक जैन साधु-साध्वियों का देवलोकगमन भी हुआ है, इन दुर्घटनाओं में अनोप मंडल का हाथ होने से इनकार नहीं किया सकता है, इसकी जाँच करवाई जाए ताकि सच्चाई दुनिया के सामने लाई जा सके।

 

 जैन समाज की मुख्य माँगें 

-सीबीआई द्वारा अनोप मंडल की जाँच और जैन समाज के विरुद्ध भ्रामक प्रचार करने और सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के लिए अनोप मंडल के मुकनराम को गिरफ्तार कर कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए।

- अनोप मंडल द्वारा संचालित वेबसाइटों, सोशल मीडिया खातों  व किताब जगत हितकरणी को प्रतिबंधित किया जाए।

- अनोप मंडल पर संपूर्ण भारत में पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए ।

-भारत सरकार पदविहारी जैन साधु-साध्वियों की सुरक्षा व जीवनरक्षा की व्यवस्था करे, इस संबंध में सभी राज्यों की पुलिस को निर्देश जारी करे।

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