बाल संस्कार"

 

नमन-मगसम पटल कोटा


डालो संस्कार बालकों में,
दो आगे बढ़ने की हर सुविधा/
जीवन के हवन कुण्ड खातिर,
खुद एकत्रित कर लाए समिधा//

   आदिकाल गुरू कुल में बालक,
   विद्याध्ययन को आते थे/
   गुरू माई के आदेश से वे,
   जंगल से ईंधन लाते थे//

याचक नां बन स्वयं सिद्ध हों,
पराश्रिता देती है दुविधा/
जीवन के हवन कुण्ड खातिर,
खुद एकत्रित कर लाए समिधा//

   ईशार्चन और पूजन सामग्री,
   बालक चुन कर लाते थे/
   उनकी योग्यतानुसार गुरू देव,
   सपने साकार कराते थे//

विदाई के क्षण गुरू दक्षिणा दें,
प्रस्थान में जाता गला रूंधा/
जीवन के हवन कुण्ड खातिर,
खुद एकत्रित कर लाए समिधा//

 

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