भीलवाडा को रेडजोन से हटाकर ग्रीनजोन में करने की मांग

 भीलवाड़ा हलचल।  मेवाड चेम्बर ऑफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री ने राज्य के मुख्यमंत्री, उद्योगमंत्री एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को प्रतिवेदन भेजकर भीलवाडा जिले को कोरोना महामारी के तहत रेडजोन से हटाकर ग्रीनजोन में करने एवं भीलवाडा शहर की परिधी में स्थित 400 से अधिक औद्योगिक इकाईयों को उत्पादन प्रारम्भ करने की अनुमति देने की मांग की है।
मेवाड चेम्बर के मानद महासचिव आर के जैन ने बताया कि भीलवाडा जिले में अभी तक कुल 35 केस रिर्पोट हुए है जो कि राज्य के कुल 2320 केस का 1.5 प्रतिशत है। राज्य में भीलवाडा में सबसे पहले केस रिर्पोट होने एवं एक निजी अस्पताल के एपीसेन्टर बनने के कारण भीलवाडा को प्रारम्भ में रेडजोन में डाल दिया था, जबकि 28 लगभग 28 केस जो 30 मार्च तक रिर्पोट हुए थे, रिकवर होकर 24 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। पिछले 15-20 दिनों में भीलवाडा में कोई रिर्पोट नही हुआ है, लेकिन चोरी छिपे 2 केस बाहर से आने के कारण भीलवाडा फिर संकट में आ गया।
जैन ने बताया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाइन्स के अनुसार जो जिले -1.राज्य के कुल कोरोना प्रकरण के 80 प्रतिशत भाग है। 2. जहां कोरोना प्रकरण दुगुना होने की दर 4 दिन से कम है, ऐसे जिले रेडजोन में घौषित किये जायेगे।
भीलवाडा जिले में प्रारम्भिक 26 प्रकरणों को मिलाकर आज तक कुल 35 प्रकरण रिर्पोट हुए है, जो राज्य में आज प्रातः की संख्या 2320 के 1.50 प्रतिशत के बराबर है। प्रारम्भिक 26 प्रकरण के बाद 1-2 केस करके बढे, कभी भी केस बढने की दर डबल नही हुई। पिछले 10 दिनों में कोई केस रिर्पोट नही हुआ, 26 अप्रेल को 2 केस भीलवाडा जिले में बाहर से चोरी छिपे आये व्यक्तियों के पाये गये। स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन्स के अनुसार लगातार 14 दिन कोई केस नही मिले तो उस जिले को रेडजोन से ओरेन्ज जोन में परिवर्तित किया जा सकता है।
राजस्थान के आज  तक 2320 केस में 80 प्रतिशत केस जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, टोंक, नागौर एवं भरतपुर के है। भीलवाडा जिले का अनुपात तो केवल 1.50 प्रतिशत का है।  
भीलवाडा जिला राजस्थान का एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र है, जहां वार्षिक एक लाख करोड का टर्नऑवर एवं 20 हजार करोड से अधिक का निर्यात होता है। टेक्सटाइल क्षेत्र में भीलवाडा शहर की परिधी में 400 से अधिक एमएसएमई औद्योगिक इकाईयां है, जो की रेडजोन के कारण बन्द पडी है। राज्यस्तरीय बैंकिंग कमेटी के आंकडों के अनुसार भीलवाडा जिले में बैंकों ने 12 हजार करोड से अधिक का ऋण औद्योगिक इकाईयों को देखा है।  भीलवाडा में कोरोना के केस अब नगण्य है। अतः जिले को रेडजोन से बाहर किया जाकर यहां औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियां सम्पूर्ण रुप से प्रारम्भ किये जाने की इजाजत दी जानी चाहिए अन्यथा अर्थव्यवस्था पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पडेगा। निर्यात बन्द होने से विदेशी मुद्रा प्राप्त होना बन्द हो जायेगी एवं साथ ही बैंकों द्वारा दिये गये ऋण पर एनपीए होने का खतरा पैदा हो जायेगा।


 


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