मां वैष्णो देवी के भक्तों के लिए गर्भ जून गुफा के कपाट भी खुले, मां वैष्णो ने 9 माह तक इस गुफा में की थी तपस्या


कटड़ा: माता वैष्णो देवी की गर्भ जून गुफा में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं के इंतजार की घड़ियां समाप्त हुईं। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने प्राचीन गुफा के साथ ही भवन मार्ग पर प्रसिद्ध आद्वांरी मंदिर परिसर में पवित्र गर्भ जून गुफा के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए।

कोरोना महामारी के कारण बीते वर्ष 18 मार्च को मां वैष्णो देवी की ऐतिहासिक यात्रा स्थगित किए जाने के साथ ही गर्भ जून गुफा भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दी गई थी। हालांकि बीते वर्ष 16 अगस्त को एक बार फिर यात्रा शुरू हुई, लेकिन गर्भ जून गुफा के कपाट बंद ही थे। अब श्रद्धालु निरंतर गर्भ जून गुफा में प्रवेश कर मां वैष्णो देवी से आशीर्वाद ले रहे हैं। श्राइन बोर्ड द्वारा कोविड-19 को लेकर जारी दिशा-निर्देश का कड़ाई से पालन किया जा रहा है।

शारीरिक दूरी के साथ ही प्रत्येक श्रद्धालुओं के मास्क पहनने पर भी ध्यान रखा जा रहा है। आपको बता दें कि बीते बुधवार को मां वैष्णो देवी यात्रा में लगातार गिरावट के बाद प्राचीन गुफा श्रद्धालुओं के लिए खोल दी गई थी। इसके साथ ही श्राइन बोर्ड ने गर्भ जून गुफा भी खोल दी है। गर्भ जून गुफा को खोले जाने से श्रद्धालु उत्साहित है। हालांकि आमतौर पर श्रद्धालुओं के लिए गर्भ जून गुफा 12 महीने खुली रहती है।

श्रद्धालु अपनी वैष्णो देवी यात्रा के दौरान मां वैष्णो देवी की अलौकिक गर्भ जून गुफा में भी निरंतर प्रवेश कर अपनी वैष्णो देवी यात्रा करते हैं। हालांकि गर्भ जून गुफा को खोलने से पहले श्रद्धालुओं को मात्र कुछ दूरी से ही गर्भ जून गुफा के दर्शन श्राइन बोर्ड द्वारा रवाए जा रहे थे। मां वैष्णो देवी ने गर्भ जून गुफा में नौ माह किया था तप पौराणिक कथा के अनुसार जब भैरवनाथ मां वैष्णो देवी का पीछा कर रहा था, तभी मां वैष्णो देवी ने इस पवित्र गुफा के भीतर पहुंच कर 9 माह तपस्या की थी।

जैसे एक नन्हा बालक अपने मां के पेट में 9 महीने रहता है, वैसे ही मां वैष्णो देवी ने 9 माह इस गुफा के भीतर तप किया था। इसीलिए इस गुफा को गर्भ जून के नाम से पुकारा जाता है। जो भी मां वैष्णो देवी का भक्त इस गुफा के भीतर प्रवेश कर माथा टेकता है, उसकी मनोकामना पूर्ण होती हैं। इसको लेकर मां वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान प्रत्येक श्रद्धालु चाहे जीवन में एक बार ही सही, इस गुफा के दर्शन जरूर करता है।

यूं तो श्रद्धालु भीड़ कम होने के चलते निरंतर गर्भ जून गुफा के भीतर प्रवेश करते हैं परंतु भीड़ वाले दिनों में श्राइन बोर्ड द्वारा गर्भ जून गुफा में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को कूपन दिया जाता है, ताकि कूपन के अनुसार प्रत्येक श्रद्धालु गर्भ जून गुफा के भीतर प्रवेश कर सके। गुफा के पास भीड़ जमा न हो सके, इसका विशेष ध्यान रखा जाता है।

 

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