सर्दी में स्किन ज्यादा ड्राई है तो उबटन का इस्तेमाल कीजिए, जानिए कैसे तैयार करें

 


लाइफस्टाइल डेस्क। सर्दी में तेज हवाएं हमारी स्किन से सारा नूर छीन लेती है। प्रदूषण, धूल-मिट्टी का इतना ज्यादा असर हमारी स्किन पर होता है कि स्किन रूखी और बेजान दिखने लगती है। कई बार स्किन के खुले हुए पोर्स देखने में बेहद भद्दे लगते हैं। ऐसे में स्किन को कुछ ऐसे नैचुरल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है जो स्किन की मरम्मत करने के साथ ही स्किन में निखार भी लाएं। उबटन एक ऐसा आयुर्वेदिक नुस्खा है जो स्किन को पोषण देते हुए सभी समस्याओं को दूर करता है। उबटन को बनाने के लिए हल्दी का प्रयोग प्रमुखता से किया जाता है, जिसमें एंटी सेप्टिक और एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। ये दोनों ही गुण हमारी स्किन का ट्रीटमेंट करते हैं।

हर तरह की स्किन के लिए उबटन का इस्तेमाल अलग-अलग तरीके से किया जाता है। सर्दी में लोग स्किन की ड्राईनेस से बेहद परेशान रहते हैं, ड्राई स्किन के लिए उबटन बेस्ट है, लेकिन सवाल ये उठता है कि उबटन को घर में कैसे तैयार करें और उसका इस्तेमाल कैसे करें।

ड्राई स्किन के लिए उबटन 

सामग्री :

7-8 बादाम

2 टेबलस्पून कच्चा दूध

बनाने की विधि :

 

  • बादाम को पानी में रात भर के लिए भिगो दें।
  • सुबह बादाम को छीलकर स्किन निकाल दें।
  • 1 टेबलस्पून तिल का तेल
  • 1 टेबलस्पून तुलसी पाउडर
  • 3 टेबलस्पून बेसन का पाउडर
  • 2 टेबलस्पून चंदन का पाउडर
  • 1/2 टेबलस्पून हल्दी का पाउडर
  • 2.सारी सामग्री को एक साथ मिलाएं। 

याद रखें कि पेस्ट में गुठलियां न रहें। सारी सामग्री को पीसकर पेस्ट बनाएं। पेस्ट चिकना होना चाहिए।ये पेस्ट फ्रिज में हफ्ते भर तक खराब नहीं होता।

लगाने की विधि :

1.पेस्ट को 4 अंगुलियों से उठाएं।

2.पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर लगाएं। 

3.इस पेस्ट को पूरे शरीर पर भी लगा सकते हैं। 

4.पेस्ट को 10 मिनट तक लगा रहने दें। 

5.इसके बाद चेहरे को धोकर पेस्ट को निकाल दें।

6.इस पेस्ट को नहाने से पहले भी लगाया जा सकता है। 

उबटन एक मॉइश्चराइजर के रूप में काम करता है, और स्किन को कोमल, स्वच्छ और हल्का बनाए रखता है। बादाम में विटामिन ए की भरपूर मात्रा पाई जाती है इसलिए इसका इस्तेमाल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में खूब किया जाता है। ये स्किन में होने वाली कई समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है।  

 

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार

डॉक्टरों ने ऑपरेशन के जरिये कटा हुआ हाथ जोड़ा