शराब दुखान्तिका का खुलासा : काका को रास्ते से हटाने के लिए भतीजे ने शराब में मिलाया था कीटनाशक, हुआ गिरफ्तार

 भीलवाड़ा ( प्रेमकुमार गढ़वाल) । बहुचर्चित सारण का खेड़ा शराब दुखान्तिका मामले का आखिरकार शनिवार को खुलासा हो गया। पांच लोगों ने जो शराब पी वह जहरीली नहीं बनी बल्कि उसे कीटनाशक दवा मिलाकर जहरीला बनाया गया। इसके पीछे रंजिश सबसे बड़ी वजह रही है। पुलिस ने मामले में एक आरोपित विनोद कंजर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित विनोद ने ही आये दिन होने वाले झगड़ा से तंग आकर अपने काका गुल्ला कंजर को रास्ते से हटाने के लिये यह साजिश रची थी। इस साजिश का शिकार खुद आरोपित की मां भी हो गई। मामले का पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने शनिवार को एसपी आफिस सभागार में प्रेस कांफ्रेंस के जरिए खुलासा किया है। 

पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने बताया कि 28 जनवरी को मांडलगढ़ थाना क्षेत्र के सारण का खेड़ा गांव में रहने वाले गुल्ला कंजर से गांव के ही सतूड़ी पत्नी पप्पू कंजर, हजारी पुत्र कालू बैरवा, दलेल सिंह पुत्र लादू सिंह राजपूत, भौम सिंह पुत्र कानसिंह राजपूत, मंजू पत्नी गुल्ला कंजर, नीतू पत्नी लादू सिंह राजपूत और लादूसिंह पुत्र मोती सिंह राजपूत ने शराब खरीदकर इसका सेवन किया था। इसी शराब को गुल्ला उर्फ कन्हैयालाल पुत्र रामचन्द्र कंजर ने भी सेवन किया था। इसके चलते पांच लोगों की मौत हो गई थी। इनमें सतूड़ी कंजर, हजारी बैरवा, दलेल सिंह, सरदार पुत्र भैरूलाल भाट और गुल्ला कंजर शामिल है।
प्रथम दृष्टया जहरीली शराब पीने से मौत का मामला मानते हुए राज्य सरकार ने मांडलगढ़ डीएसपी, थाना प्रभारी, दीवान व एक सिपाही सहित आबकारी विभाग के कुल 11 अधिकारियों व कर्मचारियों को निलम्बित कर दिया था। बाद में आबकारी विभाग की लेब में शराब के सेम्पल की जांच से सामने आया कि शराब जहरीली नहीं थी। उसमें कीटनाशक की मात्रा पाई गई। इसके बाद पुलिस ने जांच की दिशा बदलते हुए एफएसएल में शराब के सेम्पल की जांच करवाई गई। इसमें भी शराब में विषाक्त पदार्थ होने की बात सामने आई थी। ऐसे में पुलिस ने नये सिरे से मामले की जांच करते हुए इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा करते हुए बीती रात एक आरोपित विनोद कंजर को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में आरोपित विनोद ने कबूल किया कि  उसकी मां और मौसी मंजू पर गुल्ला कंजर अर्नगल आरोप लगाते हुए आये दिन झगड़ा और मारपीट करता था। इसे लेकर विनोद परेशान हो गया। उसने गुल्ला को रास्ते से हटाने के लिए साजिश रची। साजिश के तहत विनोद ने मोनो स्टार नामक कीटनाशक दवा खरीदी। साजिश के तहत विनोद ने उक्त कीटनाशक गुल्ला कंजर के शराब के अद्दे में मिला दी। चूंकि गुल्ला आदतन शराब पीने का आदी था। उसने जैसे ही अद्दे से शराब का सेवन किया उसे शराब कड़वी लगी। इस पर गुल्ला ने उक्त शराब को नष्ट करने के बजाय हथकड शराब से भरी जरीकेन में मिला दिया था। यह शराब बाद में उक्त शराब पीने वाले लोगों में बंट गई। इसी के चलते यह बड़ी दुखान्तिका हुई थी। 
कीटनाशक का पहले कबूतरों पर किया प्रयोग :
अपने ही काका गुल्ला को रास्ते से हटाने के लिए विनोद ने कीटनाशक खरीदने के बाद पहले विनोद ने इस कीटनाशक को दाने में मिलाया। फिर उस दाने को कबूतरों को खिला दिया। इससे कबूतरों की मौत हो गई। प्रयोग सफल रहने पर विनोद ने यह कीटनाशक अपने काका गुल्ला की शराब के अद्दे में मिला दिया था।
इसलिए लिया बदला :
पुलिस का कहना है कि आरोपित विनोद के पिता पप्पू कंजर और गुल्ला कंजर सगे भाई है। इन दोनों की पत्नियां सतूड़ी और मंजू भी सगी बहने है। दोनों ही नातायत पत्नियां है। गुल्ला सतूड़ी और मंजू पर अर्नगल आरोप लगाकर आये दिन झगड़ा और मारपीट करता था। यह बात सतूड़ी के बेटे विनोद को ना गंवार गुजरी और इसी के चलते उसने गुल्ला कंजर को रास्ते से हटाने की यह साजिश रची थी।
बेटे के हाथों ही गई मां की भी जान :
आये दिन होने वाले झगड़ों से परेशान होकर विनोद ने साजिश अपने काका गुल्ला कंजर को रास्ते से हटाने के लिए रची थी लेकिन इस साजिश का शिकार खुद विनोद की मांग सतूड़ी भी हो गई। सतूड़ी शराब पीने की आदी थी और उसने भी गुल्ला कंजर द्वारा तैयार की गई शराब जिसमें बाद में विनोद ने कीटनाशक मिला दिया था। इसका सेवन कर लिया और इसी के चलते उसकी मौत हो गई। 
दुकानदार ने की थी पहचान :
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एफएसएल रिपोर्ट पर शराब में कीटनाशक की मात्रा पाये जाने के बाद पुलिस ने कीटनाशक की दुकानों पर पड़ताल की तो महुआ स्थित सुखवाल कृषि केन्द्र से 20 जनवरी को विनोद ने अपने खेत में मिर्ची की फसल में छिड़काव के लिए मोनो स्टार नामक कीटनाशक दवा की सौ एमएल की सीसी खरीदने का पता चला। जांच में यह भी सामने आया कि विनोद कंजर के खेत में मिर्ची की फसल नहीं होकर सरसों व गेहूं की फसल काश्त की गई है।
घटना के बाद यह दी थी रिपोर्ट :
शराब दुखान्तिका को लेकर पीडि़त भौम सिंह शक्तावत ने पुलिस को बयान दिया कि 28 जनवरी की शाम करीब 6 बजे वह और लादू सिंह राजपूत और हजारी बैरवा तीनों ने गांव के गुल्ला कंजर के घर जाकर आधी-आधी बोतल शराब 30-30 रुपए की खरीदी। शराब लेकर मैं घर चला गया जहां शराब पीने के बाद चक् कर आने लग और उल्टी होने लगी। गांव के और लोग लादू सिंह, सरदार भाट, दलेल सिंह आदि ने गुल्ला कंजर से शराब खरीदी थी।
इस टीम ने किया खुलासा :
पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने इस बड़ी घटना का खुलासा करने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेन्द्र सिंह जोधा के निकटतम सुपरविजन व उप अधीक्षक एसआईयूसीएडब्ल्यू सेल के उपाधीक्षक राहुल जोशी के नेतृत्व में दिवान नाथू सिंह, सहीराम, सुरेन्द्र सिंह, चन्द्रवीर सिंह की टीम एक गठित की गई। इसमें वृत्ताधिकारी मांडलगढ़ (आरपीएसपी) सज्जन सिंह व थानाधिकारी नेमीचंद चौधरी को भी टीम में शामिल किया गया। 

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