कब है महाशिवरात्रि, इस बार बन रहा विशेष योग, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन का महत्व

 

सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का एक महान पर्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है. इस बार महाशिवरात्रि के दिन शिव योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन नक्षत्र घनिष्ठा रहेगा और चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेंगे. इस साल महाशिव रात्रि का पर्व 11 मार्च दिन गुरुवार के दिन मनाया जाएगा. आइए जानते है महाशिवरत्रि का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व...

 

महा शिवरात्रि शुभ मुहूर्त Mahashivratri 2021 subh muhurat

  • महा शिवरात्रि 11 मार्च 2021 दिन बृहस्पतिवार

  • निशिता काल पूजा समय 11 मार्च की रात 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक

  • अवधि 48 मिनट

  • रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय 11 मार्च की शाम 06 बजकर 27 मिनट से 09 बजकर 29 मिनट तक

  • रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय 11 मार्च की रात 9 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर :31 मिनट तक

  • रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय 11 मार्च की रात 12 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 32 मिनट तक

  • रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय 12 मार्च की सुबह 03 बजकर 32 मिनट से सुबह 06 बजकर 34 मिनट तक

  • शिवरात्रि पारण समय 12 मार्च की सुबह 06 बजकर 34 मिनट से शाम 3 बजकर 02 मिनट तक

 

पूजा विधि

  • महाशिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए.

  • इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए.

  • इस दिन शिवलिंग का बेलपत्र, आक, धतूरा, फूल, चावल आदि से श्रंगार करना चाहिए.

  • इस दिन शिवपुराण और महामृत्युंजय मंत्र करना चाहिए

  • इसके साथ रात्रि में भी शिव जी की आरती और पूजा करनी चाहिए.

  • महाशिवरात्रि के दिन गलत कार्यों को करने से बचना चाहिए.

  • क्रोध और अंहकार से दूर रहना चाहिए तथा दान आदि का कार्य करना चाहिए.

महाशिवरात्रि व्रत का लाभ

मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस दिन व्रत और पूजा करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है. वहीं जिन कन्याओं के विवाह में देरी हो रही है, या किसी प्रकार की बाधा आ रही है तो इस स्थिति में महाशिवरात्रि का व्रत विशेष फलदायी माना गया है. इस व्रत को करने से भगवान शिव का आर्शीवाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.

ग्रहों की अशुभता दूर होती है

मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से अशुभ ग्रह शांत होते हैं. इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से कालसर्प दोष दूर होता है. इसके साथ चंद्रमा की अशुभता को भी दूर करने में मदद मिलती है. चंद्रमा के अशुभ होने से व्यक्ति को मानसिक तनाव होने लगता है और कार्य क्षमता प्रभावित होने लगती है. जिस कारण धनहानि की भी स्थिति बनने लगती है. वहीं दांपत्य जीवन से जुड़ी परेशानियां भी दूर होती हैं.

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार

डॉक्टरों ने ऑपरेशन के जरिये कटा हुआ हाथ जोड़ा