सर्वांगीण शिक्षा से उन्नत जीवन- मुकुल मुनि

 


भीलवाड़ा (हलचल) पीथास में मुनि मुकुल कुमार के सानिध्य में स्थानीय स्कूल परिसर में शिक्षा कैसे बने उपयोगी विषय पर मुनि श्री मुकुल मुनि का प्रेरणादायक वक्तव्य हुआ।

मुनि ने शिक्षा की महत्ता बताते हुए कहा कि शिक्षा प्रकाश स्तंभ की तरह है जो विद्यार्थी को नई दिशा प्रदान करती है। यदि जीवन में सफलता के सौंपान पर आरोहण करना है तो  सर्वांगीण शिक्षा को प्राप्त करना होगा। ऐसी शिक्षा जिसमें टीचिंग के साथ ट्रेनिंग भी हो । वर्तमानिक  शिक्षा पद्धति में ट्रेनिंग का अभाव है जिसके चलते व्यक्ति का  संपूर्ण विकास नहीं हो पा रहा है। अधूरी शिक्षा प्रणाली से  हमको सही मार्ग दर्शन नहीं मिल रहा, बौद्धिक विकास भले हो रहा पर मानसिक, भावनात्मक विकास अवरूद्ध है।

आज जरूरत है ऐसे अध्ययन की जो जीवन को परिष्कृत करके विद्यार्थियों में नई सोच नई दिशा नया आलोक प्रदान करे ताकि विद्यार्थी जीवन को नया आयाम नई ऊंचाईयां मिल सके। स्कूल के प्रिंसिपल नानू राम ने  मुनि का आभार व्यक्त किया। दलपत गेलडा ने मुनि का जीवन परिचय दिया।

श्रावक रतन लाल कालिया ने विद्यालय परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में रोशन लाल राजमल शांति लाल पवन  काल्या बाबू लाल प्रकाश कोठारी आदि ग्राम जन  की उपस्थिति रही । मुनि कुलदीप कुमार मुकुल कुमार  जी का  आगामी 18 फरवरी को  पीथास में  157वा भव्य मर्यादा महोत्सव का कार्यक्रम प्रातः 9 बजे  आयोजित होगा। 

जिसके  मुख्य आकर्षण बिंदु कैसे हुआ मर्यादा का निर्माण, आज  कितनी प्रासंगिक है मर्यादाएं, श्रीमद् जयाचार्य की पराविद्या  का रहस्य आदि विषयों पर रोचक जानकारी मुनि श्री द्वारा प्रदान की जाएगी । मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम सफल बने इस हेतु  ग्रामवासी पूरी तैयारी में  जुटे है।।

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