सकारात्मक विचारों से मन व् तन उर्जावान रहता है –डॉ श्रोत्रिय

 भीलवाड़ा हलचल। सुबह ब्रह्ममुहूर्त में मैडिटेशन का अभ्यास करने से हमारे शरीर में 18 प्रकार के ख़ुशी हारमोंस निकलते जिससे सारे दिन में मन प्रफुल्लित रहता है | मन में सकारात्मक विचार रखने से मन शक्तिशाली बनता है जिससे कार्य व्यवहार में उचित निर्णय ले सकते हैं | मन को कभी मालिक न बनने दें अपितु मन को मित्र अथवा सर्वेंट बनायें | उक्त विचार डॉ आर एस श्रोत्रिय नें प्रजापिता ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्व विध्यालय  के पथिक नगर सेवाकेंद्र के ओम शांति सभागार में विहासा की कार्यशाला में “सकारात्मकता” के मूल्य पर चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कही | आपने कहा की मन में सकारात्मक विचार जैसे “में विजयी रत्न हूँ, में भगवान् का बच्चा हूँ, सफलता मेरा अधिकार है” आदि आदि की माला हमारे गले में पड़ी रहे तो हम नकारात्मक विचारों से मुक्त हो जायेंगे | डॉ एम् एल जाटव  ने विहासा का संशिप्त विवरण देते हुए बताया की आज का चिकित्सक अस्पताल, मरीज व पारिवारिक जिम्मेवारी के कारण स्वयं पर ध्यान नहीं दे पाता है अतः वह तनाव व् चिंता से ग्रस्त रहता है, जिसका प्रभाव उसकी उसकी कार्य क्षमता कार्य की गुणवत्ता पर पड़ता है, अतः उसे अपने व्यस्त जीवन से कुछ समय मूल्यों को अपनाने, आत्म चिंतन, आत्म निरिक्षण व् मेडिटेशन के लिए भी देना जरूरी है | मूल्य आत्मा की कोर वैल्यूज है जिनको अपनाने के लिए मैडिटेशन की नितांत आवश्यकता है | विहासा((वैल्यूज इन हेल्थकेयर अ स्पिरिचुअल एप्रोच) एक मोड्यूलर कार्यक्रम है जो लन्दन स्थित ब्रह्मा कुमरिज की जानकी हेल्थ केयर चैरिटी  फाउंडेशन द्वारा मेडिकल व्यवसाय से जुड़े लोगों का आत्म स्वाभिमान जगाने  नैतिक मूल्य की अवधारणा के लिए निर्मित किया गया है | उपस्थित सभी चिकित्सकों ने चिंतन कर अपनी अपनी वैल्यूज का वर्णन कर सुनाया | इस कार्यक्रम में सकारात्मकता, सुहानुभूति, सहयोग, सच्चाई वैल्यूज पर चर्चा की गयी | कार्यक्रम में हलकी फिजिकल एक्सरसाइज भी कराई गयी | ब्रह्मा कुमारी इंद्रा दीदी द्वारा सभी का अभिनन्दन किया गया | कार्यक्रम का संचालन बहन रश्मि पारीक ने किया | ब्रह्माकुमारी तरुणा बहन ने  राजयोग मैडिटेशन का अभ्यास कराया | कोरोना मरीजों की सेवा करते हुए जान गंवाने वाले चिकित्सक व् स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति मोमबत्ती जला कर दो मिनट  श्रद्धांजली डी गयी | कार्यक्रम में डॉ के सी पवार, डॉ शलभ शर्मा( प्राचार्य मेडिकल कोलेज), डॉ सुषमा, डॉ फ़रियाद, डॉ छापरवाल, डॉ तापरिया, डॉ एच एस शेह्वाल, डॉ मंजिला, डॉ त्रिवेंद्र चौहान, सहित 15 चिकित्सकों नें भाग लिया |



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