RTI का मखौल बनाने की सजा

 

सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत सूचना देने में जान बूझकर देरी करने और नोटिस का जवाब तक नहीं देने वाले अफसरों के खिलाफ राज्य सूचना आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। राज्य सूचना आयोग ने ऐसे चार मामलों में नाराजगी जाहिर करते हुए जिम्मेदार अफसरों पर जुर्माना लगाया है। आयोग ने उदयपुर के भूपाल अस्पताल अधीक्षक और बारां नगर परिषद आयुक्त पर 10-10 हजार का जुर्माना लगाने और कोटा के दाे अफसरों पर 5-5 हजार जुर्माना लगाने के आदेश दिए हैं। जुर्माने की रा​शि इन अफसरों के वेतन से काटने के आदेश दिए हैं।

उदयपुर के मोहम्मद सईद ने सूचना आयोग के सामने अपील कर शिकायत की थी कि उनके सूचना के आवेदन को भुपाल अस्पताल के प्रशासन ने कोई तवज्जो नहीं दी। सईद ने 2019 में 28 फरवरी के दिन अस्पताल प्रशासन से मेवाड़ एम्बुलेंस सेवा संघ की केबिन लगवाने और फिर उसे हटवाने के मामले में सूचना मांगी थी। लेकिन उनकी अर्जी को कोई महत्व नहीं दिया गया। सईद ने आयोग में अपील करने से पहले प्रथम अपीलीय अधिकारी के सामने भी अपील की तो अपीलीय अधिकारी ने भी 23 अप्रैल 2019 को अपने आदेश में सूचना मुहैया करना का निर्देश दिया, लेकिन पर अधीक्षक ने इसकी पालना नहीं की।

अस्पताल अधीक्षक ने आयोग के तीन नोटिस का जवाब तक नहीं दिया
भूपाल अस्पताल के अधीक्षक ने जब प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश की पालना नहीं ​की तो आवेदक ने सूचना आयोग में अपील की। आयोग ने इस पर अधीक्षक से जवाब तलब किया और सफाई मांगी। लेकिन, तीन बार नोटिस भेजने के बावजूद भी अधीक्षक ने कोई जवाब नहीं दिया। इस पर सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने नाराजगी जाहिर की। आयुक्त ने अधीक्षक पर 10 हजार का जुर्माना लगाया है।

बारां नगर परिषद आयुक्त ने नोटिस के बावजूद सूचना नहीं दी
आयोग ने बारां नगर परिषद के आयुक्त पर लापरवाही बरतने पर 10 हजार का जुर्माना लगाया है। बारां के सुरेंद्र राठौड़ ने नगर परिषद से पिछले तीन साल में राज्य और केंद्र सरकार के साथ सांसद विधायकों से मिले बजट की जानकारी मांगी थी, लेकिन परिषद ने इसे अनसुना कर दिया। यह मामला जब आयोग के सामने आया तो आयुक्त को नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया, लेकिन आयुक्त ने न तो कोई उत्तर दिया न ही वे हाजिर हुए। परिषद आयुक्त के इस रवैये को सूचना आयुक्त बारेठ ने कानून की अनदेखी माना और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।

विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के कोटा के अफसर पर 5 हजार का जुर्माना
सूचना आयोग ने कोटा में विज्ञान और प्रौद्यो​गिकी विभाग के लोक सूचना अधिकारी पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। विभाग के खिलाफ झालावाड़ के ब्रजेश मोदी ने अपील में शिकायत की थी कि 5 मार्च 2019 को आवेदन कर झालरापाटन के विज्ञान पार्क के सुरक्षा ठेके की जानकारी मांगी थी लेकिन सूचना नहीं दी। आयोग ने इस पर अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया, नोटिस के बावजूद न तो जवाब दिया ,न ही कोई सुनवाई में आया। इस पर आयोग ने 5 हजार जुर्माना लगाते हुए यह राशि अफसर के वेतन से काटने के आदेश दिए।

ग्राम विकास अधिकारी तक ने सूचना आयोग के तीन नोटिस की परवाह नहीं की
आयोग ने कोटा जिले में खेराबाद के गोयन्दा गांव के ग्राम विकास अधिकारी के रवैये पर गहरी नाराजगी जताते हुए पांच हजार का जुर्माना लगाया है। रामगंज मंडी के देवेंद्र सिंह ने जनवरी, 2019 में गांव में पट्टा विलेख की जानकारी के लिए ग्राम विकास अधिकारी के पास आवेदन किया था, लेकिन उन्हें न तो सूचना दी गई न ही कोई जवाब दिया। आयोग ने उन्हें तीन बार नोटिस भेज कर अपना पक्ष रखने को कहा लेकिन पर ग्राम विकास अधिकारी ने जवाब तक नहीं दिया।

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