आज का युवा रोजगार देने वाला उद्यमी बने, गांवों एवं कस्बों में कार्य करे- राज्यपाल

चित्तौडग़ढ़ हलचल। 28 फरवरी/ मेवाड़ विश्वविद्यालय के 5वें  दीक्षांत समारोह का शनिवार को राज्यपाल कलराज मिश्र ने शिक्षा की देवी सरस्वती की  मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्जवलित एवं माल्यार्पण कर विधिवत शुभारंभ किया। 
राज्यपाल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के बारे में कई लोगों ने बताया कि विदेश से भी छात्र-छात्राएं यहां अध्ययन के लिए आते हैं, संसाधनों की यहाँ कमी नहीं है, शिक्षा के लिए जो भी सुविधाएं हैं विश्वविद्यालय उन्हें प्रदान कर रहा है। उन्होंने सभी उपाधिधारकों जिन्होंने पीएचडी या स्नातकोत्तर की परीक्षा पास की है, को बधाई दी एवं शुभकामनाएं प्रेषित की। 
राज्यपाल ने सम्भागियों को संविधान की उद्देशिका की शपथ दिलाईं। सर्वप्रथम शैक्षणिक उत्कृष्टता में अव्वल रहे विद्यार्थीयों को पुरुस्कृत किया गया, जिसमे बी.टेक की छात्रा दीक्षा कुलश्रेष्ठा, बी.एस.सी. एग्रीकल्चर के छात्र उज्जवल सरकार, फार्मेसी की छात्रा संगीता सिंकू, मैनेजमेंट के सुहैल हमीद एवं बी.एस.सी. मैथमेटिक्स की छात्रा नवेक्षा को सम्मानित किया। मंच पर मुख्यत: पी.एच.डी. के छात्र-छात्राओं को डिग्री वितरण की गयी ,जिसमे नेशनल एंटी प्रोफिटेरिंग अथॉरिटी के चैैयरमेेन बीएन शर्मा ( आईएएस) को भी मानद शोध डिग्री दी गई।
उन्होंने कहा कि आपके आने वाले जीवन में इस विश्वविद्यालय  का नाम अपने कार्यो के माध्यम से रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक बात को बार-बार दोहराया करते थे, वे कहते थे कि उठो जागो और जानकार पुरुषों के सानिध्य में ज्ञान प्राप्त करो। 
उन्होंने कहा कि कटोपनिषद का यह श्लोक आज सभी को समर्पण भाव से अध्ययन करने के लिए प्रेरित करता है। ऐसे भाव निरंतर मन में होंगे तो जिज्ञासा की प्रवृत्ति मन में लगातार बनी रहेगी। जब तक यह भाव मन में बना रहेगा और अपने उद्देश्यों की प्राप्ति नहीं कर लेते तब तक हमें लगातार ज्ञानार्जन करना है।
उन्होंने कहा कि शक्ति एवं भक्ति की नगरी शौर्य एवं पराक्रम की भूमि पर यह विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा की मैं राणा सांगा, राणा रतन सिंह, महाराणा प्रताप की स्मृति को नमन करते हुए मेवाड़ विश्वविद्यालय को बधाई देता हूं कि सुदूर स्तर पर शिक्षा का संकुल संचालित किया है। मेवाड़ विश्वविद्यालय 5वां दीक्षांत समारोह आयोजित कर रहा है इस पुनीत अवसर पर मुझे स्नातक/ स्नातकोत्तर एवं पीएचडी प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों से सीधे संवाद करने का अवसर प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि अपना देश, अपना राष्ट्र  और अपने विश्वविद्यालय को सर्वोपरि बनाए रखन में सक्षम हो यह शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं। उन्होंने कहा कि माता एवं मातृभूमि का स्थान स्वर्ग से भी ऊपर होता है। उन्होंने कहा कि मेवाड़ विश्वविद्यालय में केवल भारत के विभिन्न प्रांतों के ही नहीं अपितु लगभग 10 देशों के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यह किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए गौरव की बात है। उन्होंने भारत देश के एवं अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि उच्च अध्ययन एक हवन आहुति के समान होता है, जिसमें आपको अपना सर्वोत्तम लगाना पड़ता है, मेहनत करनी पड़ती है, लक्ष्य ऐसे ही प्राप्त नहीं होता है, इसके लिए लगातार मेहनत करनी पड़ती है। ध्यान रहे आपकी सफलता का मानक आपको ही निर्धारित करना है। इसमें आपके गुरुजन, प्रबुद्ध जन आपको मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उनके ज्ञान  एवं अनुभव का अधिक से अधिक लाभ उठाने का प्रयत्न करते रहना चाहिए। 
जिस संस्थान में गुरुजनों का सम्मान होता है उसकी सफलता को कोई रोक नहीं सकता है। संदीपनी आश्रम से श्री कृष्ण ने शिक्षा प्राप्त की एवं गुरु विश्वामित्र से श्री राम ने शिक्षा प्राप्त की, बड़े-बड़े विद्वानों ने दुर्गम तरीके से शिक्षा प्राप्त की है। 
उन्होंने कहा कि अनुभव, ज्ञान एवं तपश्चार्य से जो पैदा हुआ है उस ज्ञान के आधार पर ही बड़ी-बड़ी शब्द की ताकतें लोगों के बीच में तारामवित्त हुई है। शब्द की ताकत बहुत बड़ी होती है। मंत्र बड़ा शक्तिशाली होता है मंत्रों में शब्दों की ताकत होती है, उस शब्द के पीछे बड़ी तपस्या होती है, तपस्या के अंदर सात्विक भाव होता है, सात्विक भाव के कारण अनंत शक्ति का जागरण होता है। इसलिए शब्द को ब्रह्म कहा गया है। 
उन्होंने कहा कि जीत केवल गुरुजनों के सानिध्य में प्राप्त हो सकती है। उन्होंने श्लोकों के माध्यम से गुरुजनों की महिमा का बखान किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने विषयों को किस तरह अपडेट कर रहे हैं। उन्होंने जब से अध्ययन शुरू किया, उस समय कितने शोध हो रहे हैं, कितने नए आयाम स्थापित हुए, आपने अध्यापन करते हुए कितने शोध पत्र लिखें, कितने प्रकाशित करवाएं यह सब मायने रखता है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी आज के युग में अधिक मेहनत करते हैं। आपकी मेहनत धरातल पर परिलक्षित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी विश्वविद्यालय की गुणवत्ता दो मानदंडों से निर्धारित होती है उस विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट एवं फैकल्टी की गुणवत्ता कितनी है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी यह विश्वविद्यालय उपलब्धियों से अवगत कराता रहेगा।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप की प्रतियोगिता आपसे ही है किसी और से नहीं, कल से बेहतर आज और आज से बेहतर कल करते रहिए, सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने कहा कि रिसर्च एवं अनुसंधान ही शिक्षा को आगे बढ़ाता है, नवाचार को आगे बढ़ाता है।
उन्होंने कहा कि नेल्सन मंडेला ने कहा था कि शिक्षा एक ऐसा हथियार है जो दुनिया बदलने की ताकत रखता है। विश्वविद्यालय केवल शिक्षा की उपाधि प्राप्त करने का केंद्र ना होकर उधमिता विकसित करने का केंद्र भी होता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने स्किल डेवलपमेंट पर पूर्ण फोकस किया है। अब इस दिशा में ना केवल कार्य करना है अपितु पॉलिटेक्निक के साथ स्किल डेवलपमेंट का सेंटर भी विकसित करना है। शिक्षा रोजगरोन्मुखी होनी चाहिए, स्किल डेवलपमेंट इंडस्ट्री जब आप इसका संतुलन बना लेंगे तो आपकी शिक्षा स्वत: ही रोजगरोन्मुखी हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि हर युवा रोजगार हेतु शहरों की ओर भागता है इस व्यवस्था को रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज का युवा इंजीनियर गांव में कुछ खोलें, कुछ कार्य आरंभ करें और दूसरे युवाओं को भी रोजग़ार प्रदान कर सकें। आप रोजग़ार देने वाले बने रोजग़ार के लिए जगह-जगह ना भटकें। आप एक ऐसी स्थिति का निर्माण कीजिए जो नौकरी के पीछे ना भागे। उद्यमी बने, उद्यमिता की तरफ जाए, गांव देहात एवं कस्बों में रहकर काम करें। आज का युवा दूसरों को भी रोजगार देने की स्थिति में आ जाए यही आप की आधारभूत सफलता का मानक होगा एवं मानदंड होगा।
उन्होंने कहा कि मुझे हर्ष हो रहा है कि इस पांचवें दीक्षांत समारोह में 860 विद्यार्थी एवं शोधार्थी परीक्षा उत्तीर्ण कर उपाधि प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह तो केवल विश्वविद्यालय की परीक्षा थी, असली परीक्षा तो अब शुरू होने वाली है, आप समाज को क्या देंगे, राष्ट्र को क्या देंगे, इस विश्वविद्यालय का नाम कितना रोशन करेंगे, यह महत्वपूर्ण है। 
मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ.अशोक कुमार गद्दियां ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों एवं आए हुए मेहमानों का स्वागत एवं अभिनंदन किया ।उन्होंने कहा कि मेवाड़ विश्वविद्यालय ग्रामीण अंचल में सन 2008 में स्थापित हुआ और इसका मुख्य उद्देश्य संपूर्ण ग्रामीण जनता की सेवा करना है। अभी विश्वविद्यालय में करीब 10 हजार विद्यार्थी हैं। उन्होंने कहा कि यह विश्व का पहला विश्वविद्यालय है जिसमें 75 प्रतिशत बच्चे एस.सी., एस.टी, ओबीसी और माइनॉरिटी से ताल्लुक रखते है, और इन 75 प्रतिशत बच्चों में से 90 प्रतिशत बच्चे ग्रामीण अंचल से ताल्लुक रखते हैं। 
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में 29 राज्यों के बच्चे एवं 12 अंतरराष्ट्रीय देशों के बच्चे अध्ययन करते हैं। यह सभी विद्यार्थी ग्रामीण परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। यह पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जिसकी प्रदेश में सबसे कम फीस है। उन्होंने कहा कि हम रोजगार परक शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, अनुसंधान परक शिक्षा देने में विश्वास रखते हैं।
उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र का दीक्षांत समारोह में भाग लेने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जिन विद्यार्थियों को जो डिग्री प्राप्त हो रही है वे मानो तो बहुत कुछ है ना मानो तो कागज का टुकड़ा है। उन्होंने कहा कि आपका नाम अब इस विश्वविद्यालय से जुड़ गया है, आप जहां कहीं पर भी जाएंगे विश्वविद्यालय आपके साथ जाएगा। जो काम आप करेंगे उससे विश्वविद्यालय परिलक्षित होगा कि आप कहां से पढ़े हो, कहां से आपने ग्रेजुएशन  किया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ऐसा कोई काम न करे जिससे आपके अध्यापकों, माता पिता और विश्वविद्यालय का नाम खराब हो।
उन्होंने कहा कि यह सेल्फ फाइनेंसिंग एजुकेशन सोसाइटी होने के बावजूद हमने शिक्षा के सभी संसाधन जुटाए हैं। जहां अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त कर आदमी समाज में तैयार होकर समाज की सेवा की ओर तत्पर हो सकें। उन्होंने कहा कि यह पहला विश्वविद्यालय है जहां पर 20 महापुरुषों की जयंतियां बड़ी धूमधाम से  विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा मनाई गई। हम अपनी भारतीय संस्कृति, अपनी देशभक्ति एवं सेवा के जज्बे को हर नौजवान में भरने का अथक प्रयास करते हैं। और मुझे खुशी है कि यह सब उनमें परिलक्षित भी होता है
इस दौरान दीक्षांत समारोह में सांसद सीपी जोशी, पूर्व मंत्री श्रीचंद्र कृपलानी, पूर्व विधायक गौतम दक, जिला पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, अतिरिक्त जिला कलक्टर मुकेश कुमार कलाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह, उपखंड अधिकारी तेजस्वी राणा सहित जनप्रतिनिधि मेवाड़ यूनिवर्सिटी के पदाधिकारी, मेवाड़ शिक्षा समिति के अध्यक्ष गोविंद कुमार गद्दियां, कुलाधिपति प्रोफेसर वीके वैद्य, कुल सचिव वेंकट एवं प्रबंध समिति के सदस्य, विद्यार्थी एवं अभिभावक मौजूद थे।


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