एक जून से बेचनी होगी एक्सपायरी डेट लिखी मिठाइयां अभी से मचा हड़कंप

भीलवाड़ा (हलचल)। अब दुकानदार घटिया मिठाई नहीं बेच सकेंगे और उन्हें 1 जून से मिठाइयों पर एक्सपायरी डेट अंकित करनी होगी। केंद्र सरकार के इस आदेश से मिठाई वालों में है। शहर में 90 फीसदी मिठाइयां बिना पैकिंग के बेची जाती हैं।


हर भारतीय परिवार में खास मौकों पर मिठाई का इस्तेमाल किया जाता है। दुकान पर मिठाई खरीदने जाते वक्त हर वक्त मन में दुविधा रहती है कि दुकानदार द्वारा दी जा रही मिठाई वास्तव में ताजी है या नहीं। कई बार ऐसा होता है कि आकर्षक दिखने वाली मिठाई बासी निकलती है। इसे देखते हुए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र के इस नए नियम का पालन न करने वाले दुकानदारों पर विभाग की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


 लिखना होगी एक्पायरी डेट


केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले के तहत अब मिठाई दुकानदारों को हर मिठाई की एक्सपायरी डेट लिखना होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा जारी नए नोटिस में इस बात की जानकारी दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मिठाई दुकानों को 1 जून से मिठाइयों के बनने और खराब होने की तारीख के बारे में भी जानकारी देना होगी।


FSSAI द्वारा कहा गया है कि उसे बासी और एक्सपायर्ड मिठाई बेचने के बारे में लगातार शिकायतें मिली हैं। जो स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक हो सकता है। ऐसे में सार्वजनिक हित और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ही नया कानून लागू किया गया है। दुकान के आउटलेट पर रखे रहने वाले कंटेनर्स या ट्रे में मैन्यूफेक्चरिंग डेट और एक्सपायरी डेट के बारे में ग्राहकों को जानकारी देना अनिवार्य होगा।


 


2019 में आया था ये नियम


खाद्य सुरक्षा एवं मानक विनियमम 2011 के अनुसार पूर्व में यह नियम सिर्फ पैक्ड मिठाईयों पर ही लागू होता था। हालांकि अब इसे बिना पैकिंग वाली मिठाईयों पर भी लागू कर दिया गया है। 2019 में FSSAI ने पारंपरिक दुग्ध उत्पादों पर एक नोट जारी किया था जिसमें कुछ मिठाईयों की शेल्फ लाइफ के बारे में जानकारी दी गई थी। इस नियम के मुताबिक निर्माण के दो दिन के अंदर ही रसगुल्ला, बादाम दूध, रसमलाई और राजभोग जैसी मिठाईयों को खत्म करने की सिफारिश की गई थी।


 


  चिंता में व्यापारी


सरकार द्वारा 1 जून 2020 से खुली मिठाईयों की भी एक्सपायरी डेट बताने के फैसले से व्यापारी सकते में आ गए हैं। उनका कहना है कि पारंपरिक मिठाईयों में से सिर्फ 5-10 फीसदी हीं पैक होती हैं बाकि बिना पैक किए ही बेची जाती हैं। किसी भी दुकान पर दर्जनों मिठाई की वैरायटीज होती हैं जो अलग-अलग सामग्री से बनाई जाती है। ऐसे में सरकार के नए नियम का ध्यान रखना बेहद मुश्किल काम होगा। व्यापारियों ने कहा कि इस बारे में FSSAI को भी पत्र लिखकर अवगत कराया जाएगा।


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