प्रयागराज में हुआ लेटे हनुमान व सांवरिया बालाजी की प्रतिमाओं का ऐतिहासिक मिलन


भीलवाड़ा/ इलाहाबाद देश के इतिहास में पहली बार किसी मूर्ति को गंगा स्नान के लिए ले जाया गया है और बीस दिन में जब प्रयागराज मूर्ति वहां लेटे हनुमान मंदिर पर भीलवाड़ा से पहुंची 28 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा का मिलन देखते ही बन रहा था। इस मौके पर वहां महंत निरंजन गिरी ने आरती कर प्रतिमा को गंगा स्नान भी कराया। 
भीलवाड़ा से गत 9 फरवरी को संकट मोचन हनुमान मंदिर से 64 टन वजनी और 28 फीट ऊंची प्रतिमा को एक विशाल ट्रोले से प्रयागराज के लिए रवाना किया गया था। इस यात्रा का नेतृत्व मंदिर के महंत बाबूगिरी महाराज संभाले हुए है। प्रदेश के इतिहास में इस तरह मूर्ति को गंगा स्नान के लिए पहली बार ले जाया गया है। महंत बाबूगिरी का सपना था कि इस प्रतिमा की स्थापना से पहले देश के प्रसिद्ध प्रयागराज में लेटे हुए हनुमान से मिलन और गंगा स्नान करवायेंगे। आज उनका यह सपना बड़े तड़के आठ बजे बाद पूरा हुआ। कल देर रात कानपुर होते हुए बीस दिन की यात्रा के बाद प्रतिमा प्रयागराज पहुंची थी। 
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी के सानिध्य में आज भीलवाड़ा से गये बालाजी की प्रतिमा को गंगा स्नान कराया गया। इस प्रतिमा का नाम सांवरिया बालाजी रखा गया है। प्रतिमा के स्नान के बाद महंत बाबूगिरी के साथ महंत नरेन्द्र गिरी ने आरती की। इस मौके पर कारोई से भी कई लोग वहां पहुंचे थे जहां इस प्रतिमा की स्थापना प्रस्तावित है। 
भीलवाड़ा से उदयपुर, चित्तौड़, कोटा, कानपुर होते हुए प्रयागराज पहुंची बालाजी की प्रतिमा शुक्रवार को प्रयागराज में ही रहेगी और शनिवार को फिर भीलवाड़ा के लिए यात्रा का दूसरा चरण शुरू होगा। यह यात्रा आगरा, भरतपुर होते हुए एक बार फिर संकट मोचन हनुमान मंदिर भीलवाड़ा पहुंचेगी जहां गंगा स्नान के बाद इस प्रतिमा को लोगों के दर्शनार्थ रखा जाएगा। बाद में इसे कारोई ले जाया जाएगा जहां हाइवे के निकट सांवरिया बालाजी मंदिर का निर्माण प्रस्तावित है वहां ले जाया जाएगा। महंत बाबूगिरी ने बताया कि मूर्ति की स्थापना का समय अभी तय किया जाना है। उन्होंने बताया कि इस विशाल मूर्ति की स्थापना धूमधाम से करने के साथ ही वहां विशाल मंदिर बनाया जाएगा। 


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