सांसद व विधायक ने शाहपुरा पहुंच कर भी उद्घाटन से किया इन्कार


शाहपुरा -(मूलचन्द पेसवानी) शाहपुरा नगर पालिका के नवनिर्मित कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम एक बार फिर तमाशबीन बन गया। कार्यालय भवन के लिए उद्घाटन करने के लिए औपचारिक रूप से बुलाये गये शाहपुरा विधायक कैलाश मेघवाल ने शाहपुरा पहुंचने के बाद भी अनावरण पट्टिका पर अपने नाम के उपर कांग्रेस के नेताओं का नाम होने से उद्घाटन करने से इंकार कर दिया। सांसद सुभाष बहेड़िया ने अपने राजनीतिक गुरू कैलाश मेघवाल का समर्थन करते हुए कार्यक्रम में जाने से इंकार कर दिया। दोनो अतिथियों के कार्यक्रम में नहीं पहुंचने पर पालिका अध्यक्ष किरण तोषनीवाल ने पूर्व विधायक महावीर जीनगर के संग पालिका भवन का उद्घाटन कर आज से ही प्रशासनिक कार्यो के लिए नये भवन को संचालित करने के निर्देश दिये। उधर शहर में चर्चा है कि पालिका ने विधायक मेघवाल को भवन का उद्घाटन करने के लिए विधिवत निमंत्रण बुलाया तो फिर उद्घाटन उन्होंने क्यों नहीं किया। विधायक कैलाश मेघवाल ने पत्रकारों को बताया कि पालिका का शिष्टमंडल उनके पास दो दिन पूर्व आया। उनके करकमलों से भवन सहित तीन उद्घाटन करने को कहा। मेरे द्वारा सहमति देने के बाद पालिका ने प्रोटोकॉल को जोरदार उल्लंगन करते हुए बिना सहमति देने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल, जिला प्रभारी मंत्री अर्जुन बामनिया के नाम जबरदस्ती ही अनावरण पट्टिका पर अकिंत करा दिये। उनका कार्यक्रम में न आना, उनकी सहमति को नहीं दिखाना तथा अकारण कांग्रेस नेताओं का नाम लिखने के कारण विधायक मेघवाल ने उद्घाटन करने से इंकार कर दिया। विधायक मेघवाल ने तो यहां तक कहा कि किसी विधायक को आमंत्रित कर प्रोटोकॉल का उल्लंगन करना विधायक का अपमान करना है। इस संबंध में वो जयपुर पहुंच कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिखेगें तथा मुख्यमंत्री, स्वायत शासन मंत्री व प्रभारी मंत्री से भी पूंछेगें कि क्या उन्होंने काया्रलय भवन का उद्घाटन करने या शाहपुरा आने की सहमति दी।
विधायक मेघवाल व सांसद सुभाष बहेड़िया के इंकार करने के बाद पालिका अध्यक्ष किरण तोषनीवाल, पूर्व विधायक महावीर प्रसाद जीनगर व कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष दिलीप गुर्जर ने फीता काटकर व अनावरण पट्टिकाओं का लोकार्पण किया। इन लोगों ने नगर पालिका कार्यालय भवन के साथ ही आश्रय स्थल रैन बसेरा, अंबेडकर भवन व आसींद रोड़ शमशान भूमि की चार दीवारी के कार्य का भी लोकार्पण इसी कार्यक्रम में किया है। इस मौके पर पूर्व उप प्रधान गजराजसिंह राणावत, पालिका उपाध्यक्ष नमन ओझा, नगर कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकंद तोषनीवाल, वरिष्ठ पार्षद रमेश सेन सहित अन्य पार्षद गण मौजूद रहे।
पालिका अध्यक्ष किरण तोषनीवाल ने बताया कि पालिका भवन पर 1 करोड़ 16 लाख 76 हजार रू, अंबेडकर भवन पर 41 लाख 16 हजार रू, रेन बसेरा पर 31 लाख 96 हजार रू, शमशान घाट की चार दीवारी पर 28 लाख 81 हजार रू की लागत आयी है।
पालिका कार्यालय अब नये भवन में ही संचालित होगा
पालिका अध्यक्ष किरण तोषनीवाल ने कहा है कि आज औपचारिक रूप् से उद्घाटन होने के बाद नगर पालिका कार्यालय का संचालन अब नये भवन से ही होगा। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर आदेश जारी कर सभी शाखा प्रभारियों से नये भवन में बैठकर आने वाले लोगों के कार्याे का निस्तारण करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि नया भवन आकर्षक व विशाल होने के कारण वहां पर कार्यालय संचालन अब व्यवस्थित हो सकेगा।
मुझे लोकार्पण करने को कहा तो फिर मेरे से उपर किसी के नाम क्यों
शाहपुरा पहुंचे विधायक कैलाश मेघवाल ने पत्रकारों को नगर पालिका का निमंत्रण बताते हुए कहा कि अधिशाषी अधिकारी के हत्ताक्षर युक्त उनको दिये पत्र में कहा गया है कि मुझे नगर पालिका मद से तैयार कार्यालय भवन, मुख्यमंत्री बजट घोषणा मद से तैयार अंबेडकर भवन, स्थायी आश्रय स्थल का लोर्कापण मेरे कर कमलों से करवाया जाना है। शिष्टमंडल ने उन्हें बताया कि अनवारण पट्टिका पर मेरे नाम के अलावा सांसद भीलवाड़ा व शाहपुरा के पूर्व विधायक का ही नाम होगा। मेंने आज आने की सहमति दी और शाहपुरा पहुंच गया। यहां आने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने बताया कि अनावरण पट्टिका पर मेरे अलावा भी कई अन्य नाम है। जो मेरे प्रोटोकाल के विपरित है। इसलिए मैने यहां आने के बाद भी उद्घाटन से इंकार कर दिया। सांसद बहेड़िया भी शाहपुरा पहुंचने के बाद इंकार कर आसींद के लिए रवाना हो गये। विधायक मेघवाल ने कहा कि मुझे आमंत्रित कर नगर पालिका ने मेरा प्रोटोकॉल तोड़ा है। अपमान भी किया है। इसकी सजा किसी को तो भुगतनी होगी। जयपुर पहुंच ही कार्रवाई करूंगा।
पहले भी नाम को लेकर हो चुका है पंगा
नगर पालिका शाहपुरा द्वारा पूर्व में शहर में बनाये गये सुलभ कॉम्पलेक्स के उद्घाटन में भी विधायक कैलाश मेघवाल को बुलाने का निमंत्रण न देकर पंगा हो चुका है। उस समय विधायक मेघवाल की शिकायत पर तत्कालीन पालिका के अधिशाषी अधिकारी पिंटूलाल जाट को निलबिंत होना पड़ा था।



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