जबरन नसबंदी, जुर्माना और जेल... मुस्लिम आबादी पर बर्बरता से लगाम लगा रहा है चीन

 

देश में मुस्लिम आबादी घटाने के लिए चाइनीज सरकार उइगर और दूसरे अल्पसंख्यकों समुदायों के जन्मदर को बर्बरतापूर्वक नियंत्रित कर रही है। एक तरफ मुस्लिम बच्चों को जन्म लेने से रोका जा रहा है, तो दूसरी तरफ देश में हान बहुसंख्यकों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। 


सरकारी आंकड़ों, राज्य के दस्तावेजों और निरोध केंद्र में पूर्व में रखे गए 30 लोगों, उनके परिवार के सदस्यों और निरोध केंद्र के पूर्व प्रबंधक के साक्षात्कारों पर आधारित एक पड़ताल के मुताबिक पहले कोई-कोई महिला जबरन गर्भनिरोध के बारे में बोलती थी, लेकिन यह चलन पहले के मुकाबले ज्यादा बड़े पैमाने पर और सुनियोजित तरीके से शुरू हो चुका है।


शिनजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में पिछले चार साल से चलाए जा रहे अभियान को कुछ विशेषज्ञ एक तरह से ''जनसांख्यिकीय नरसंरहार'' करार दे रहे हैं। साक्षात्कार और आंकड़े दिखाते हैं कि यह प्रांत अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को नियमित तौर पर गर्भावस्था जांच कराने को कहता है, उन्हें इंट्रायूटरिन डिवाइस (आयूडी) लगवाने के अलावा नसबंदी करवाने और लाखों महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर करता है।


देश भर में जहां आईयूडी के इस्तेमाल और नसबंदी में गिरावट आई है वहीं शिनजियांग में ये तेजी से बढ़ रहे हैं। जनसंख्या नियंत्रण के इन उपायों पर जोर बड़े पैमाने पर लोगों को हिरासत में लेकर दिया जाता है। निरोध केंद्र में भेजे जाने को धमकी के साथ ही जन्म दर पर काबू करने में विफल रहने पर दी जाने वाली सजा का इसके लिए इस्तेमाल किया जाता है।


एजेंसी ने जांच में पाया कि ज्यादा बच्चे होना निरोध केंद्रों में लोगों को भेजे जाने का बड़ा कारण है जहां तीन या उससे ज्यादा बच्चों के मां-बाप को उनके परिवार से तब तक अलग रखा जाता है जब तक कि वे बड़ा जुर्माना नहीं भर देते। पुलिस छिपे हुए बच्चों की तलाश के लिए घरों पर छापे मारती है। डरे हुए मां-बाप को चेतावनी देती है कि दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने की वजह से जुर्माना नहीं देने पर उन्हें निरोध केंद्रों में भेज दिया जाएगा। सरकार कई महिलाओं को दूसरे या तीसरे बच्चे के जन्म के बाद आईयूडी लगवाने का आदेश देती है।


चीन में जन्मी काजख एक गरीब सब्जी वाले की पत्नी हैं। उनका तीसरा बच्चा पैदा हुआ तो सरकार ने आईयूडी लगाने का आदेश दिया। दो साल बाद जनवरी 2018 में सैन्य जैसी वर्दी में 4 अधिकारी उसके घर आए और उसे तीन दिन के भीतर करीब 2 लाख रुपए जुर्माना चुकाने का आदेश दिया। उसे चेतावनी दी गई कि यदि जुर्माना नहीं चुकाया तो उसे भी 2 से अधिक बच्चे पैदा करने की सजा भुगत रहे लाखों लोगों के साथ जेल में डाल दिया जाएगा।


2015 से 2018 के बीच उइगर आबादी वाले होतन, काशगर जैसे इलाकों में जन्मदर में 60 पर्सेंट से अधिक की गिरावट आई है। जन्म नियंत्रण वाले कार्यक्रम से लोगों में आंतक का माहौल है



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