इंद्रदेव हुए मेहरबान, अजमेर और पुष्कर में बरसे मेघ
अजमेर में सावन के पहले सोमवार को मानसून की पहली बरसात हुई थी। सावन के जाते जाते आखिर इंद्रदेव शुक्रवार को मेहरबान हुए। अजमेर, पुष्कर, केकड़ी, सहित समूचे जिले में जमकर बरसे और राहत पहुंचाई। किसानों के चेहरे खिले। तालाबों, कुओं, नाडियों में पानी जमा हुआ। निचली बस्तियों में पानी भरने से कुछ तकलीफ भी हुई किन्तु मानसून में लोगों को इसकी उम्मीद भी थी। जानकारी के अनुसार सुबह से छाई घनघोर घटाएं बरसनी शुरू हुई तो मनभावन तरीके से कभी धीमी तो कभी तेज बौछार तो कभी हल्की फुहारें गिरती रही। नदी, नाले, नाडियों, फीडरों से पानी का बहाव सरोवरों व पोखरों की ओर तजी से बढ़ने लगा। पुष्कर सरोवर के 52 घाटों की सीढ़ियों को लांघता हुआ सरोवर में पानी आया तो बड़ा ही मनोरम लगा। पुष्कर सरोवर में करीब 5 फीट पानी की आवक हुई। अलबत्ता शहर में झमाझम बरसात की उम्मीदें अभी पूरी नहीं हुई। सुबह से घनघोर बादलों के झुंड आसमान में दिखे। सुबह 5 बजे से वैशाली नगर, पंचशील, माकड़वाली रोड, फायसागर, कोटड़ा, जयपुर रोड, नसीराबाद रोड, आदर्शनगर, रामगंज, केसरगंज, घूघरा, जयपुर रोड, अशोक उद्यान और आसपास के इलाकों में बरसात हुई। रुक-रुक कर कभी तेज बौछारें तो कभी फुहारें गिरने का दौर सुबह 7 बजे तक चला। इससे सड़कें गीली हो गई। आनासागर में मामूली पानी की आवक हुई। तरसा रहे इंद्रदेव मानसून बीते जून में ही राज्य में दस्तक दे चुका है। बीती 8 जुलाई को झमाझम बारिश ने समूचे शहर को जलमग्न किया था। इसके बाद 13 जुलाई को शहर के आधे हिस्से में तेज बरसात हुई थी। इसके बाद से शहर में अच्छी बरसात नहीं हुई है। लोग गर्मी और उमस से परेशान हैं। कई तालाबों, बड़े जलाशयों और बांधों में पर्याप्त पानी भी नहीं है। |
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