भीलवाड़ा/मांडल (सुरेन्द्र/प्रहलाद)। जिले के घोड़ास गांव के प्रसिद्ध डांग के हनुमान मंदिर के महंत सरजूदास महाराज को मांडल पुलिस ने बुधवार सुबह नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोप में हनुमान वाटिका से गिरफ्तार कर लिया गया। आश्रम से ले जाने के बाद महाराज ने कोई संदिग्ध बीज का सेवन कर लिया इस पर पुलिस ने उन्हें महात्मा गांधी अस्पताल केआईसीयू वार्ड में ऐहतियात के तौर पर भर्ती कराया है। अस्पताल में कड़ी सुरक्षा की गई और महाराज से किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा है। पुलिस के आला अधिकारी भी अस्पताल परिसर में डेरा डाले हुए है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंचल मिश्रा ने हलचल को बताया कि डांग के हनुमान मंदिर के महंत सरजूदास महाराज को पोक्सो एक्ट के तहत हनुमान वाटिका से गिरफ्तार कर लिया। चंचल मिश्रा ने प्रसिद्ध कथा वाचक संत आशाराम को भी गिरफ्तार किया था। जानकारी के अनुसार महाराज को गिरफ्तार करने से पहले वाटिका के पास तीन अलग-अलग गाडिय़ां खड़ी हुई थी। इनमें से एक गाड़ी में सरजूदास महाराज को बिठाकर पुलिस अपने साथ ले गई। वही मांडल थाने पर एहतियात के तौर पर विभिन्न थानों के जाप्ते के साथ ही रिजर्व पुलिस बल
उज्जैन. समुद्र शास्त्र के अनुसार स्त्रियों को मुख्यतः निम्न पांच वर्गों में बाटा गया है, जो इस प्रकार है… 1. शंखिनी - ये अन्य स्त्रियों से थोड़ी लंबी होती हैं। इनमें से कुछ मोटी और कुछ दुर्बल होती हैं। इनकी नाक मोटी, आंखें अस्थिर और आवाज गंभीर होती है। ये हमेशा अप्रसन्न ही दिखाई देती हैं और बिना कारण ही क्रोध किया करती हैं। - ये पति से रूठी रहती हैं, पति की बात मानना इन्हें गुलामी की तरह लगता है। इनका मन सदैव भोग-विलास में डूबा रहता है। इनमें दया भाव भी नहीं होता। इसलिए ये परिवार में रहते हुए भी उनसे अलग ही रहती हैं। ऐसी स्त्रियां संसार में अधिक होती हैं। - ऐसी लड़कियां चुगली करने वाली यानी इधर की बात उधर करने वाली होती हैं। ये अधिक बोलती हैं। इसलिए लोग इनके सामने कम ही बोलते हैं। इनकी आयु लंबी होती हैं। 2. चित्रिणी - ये स्त्रियां पतिव्रता, स्वजनों पर स्नेह करने वाली होती हैं। ये हर कार्य बड़ी ही शीघ्रता से करती हैं। इनमें भोग की इच्छा कम होती है। श्रृंगार आदि में इनका मन अधिक लगता है। इनसे अधिक मेहनत वाला काम नहीं होता, परंतु ये बुद्धिमान और विदुषी होती हैं। - गाना-बजाना और चित्रकल
कोटा । कोचिंग छात्र-छात्राओं द्वारा आत्महत्या करने के बढ़ते मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शुक्रवार को एलन कोचिंग की एक और छात्रा ने गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इस वर्ष जनवरी से अब तक दस माह में ही 17 कोचिंग विद्यार्थियों की मौत हो चुकी है। पुलिस ने बताया कि किशोरपुरा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को एक कोचिंग छात्रा ने घर पर ही खिड़की के एंगल से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। कोचिंग छात्रा के शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस को उसके कमरे में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। छात्रा काम्या सिंह (19) पुत्री विवेक यादव अपने माता पिता के साथ ओपी आधार अपार्टमेंट 95 शक्ति नगर दादाबाड़ी में रह रही थी। उसके पिता कोटा थर्मल में इंजीनियर हैं। काम्या सिंह एलन कोचिंग इंस्टीट्यूट से नीट की तैयारी कर रही थी। पुलिस निरीक्षक हरलाल मीणा ने बताया कि शुक्रवार सुबह आठ बजे सूचना मिली थी कि एक कोचिंग छात्रा ने अपने घर पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तथा कमरे का मौका मुआयना किया। डेढ़ बजे पानी पिया था पिता इंजीनियर विव
भीलवाड़ा (हलचल)। शीतलाष्टमी (Sheetal Ashtami) का पर्व बुधवार को धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इसे लेकर बाजार में रौनक है और तलीय वस्तुओं की बिक्री भी अच्छी खासी हो रही है लेकिन गांव के साथ ही शहर में भी यह अफवाह धीरे-धीरे जोर पकड़ रही है कि इस बार कड़ाई न चढ़ाई जाये सिर्फ औलिया (मक्की की राब) का भोग ही लगायें। इसके पीछे लम्पी बीमारी का भी तर्क दिया जा रहा है। इसके चलते शहर में भी कई कॉलोनियों में महिलाएं असमंजस में है कि तलीय व्यंजन बनाये जाये या नहीं। लेकिन पंडितों ने इसे सिर्फ भ्रांति बताया है। भीलवाड़ा में शीतलाष्टमी (Sheetal Ashtami) के पर्व को लेकर घरों में आज विभिन्न व्यंजन तैयार किये जा रहे है। वहीं बाजारों में सुबह से ही पापड़, पपड़ी के साथ ही अन्य तलीय खाद्य सामग्री की दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी है। दूसरी ओर लम्पी बीमारी का तर्क देते हुए माताजी का प्रकोप बता यह अफवाह चल रही है कि इस बार चूल्हे पर कड़ाई नहीं चढ़ाई जाये और न ही कोई तलीय वस्तु का भोग शीतला माता को लगायें। गांव के साथ ही शहर की कई कॉलोनियों में पिछले दो दिनों से महिलाओं में इस तरह की खासी चर्चा है और वे असमंजस
भीलवाड़ा। वात्सल्य श्रृंग संस्थान का सामूहिक विवाह सम्मेलन आरसी व्यास कॉलोनी स्थित राजीव गांधी ऑडिटोरियम में हुआ। स्मेलन में मुख्य अतिथि सिखवाल समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजमल शर्मा थे। सम्मेलन के दौरान बिंदोली व शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद पंडितों के मंत्रोंच्चार के बीच देशभर के 21 जोड़े हमसफर बने। स्मेलन में वर-वधुओं सहित आगन्तुकों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी कराई गई। आयोजन समिति के अध्यक्ष भंवरलाल शर्मा व वात्सल्य श्रृंग संस्थान के अध्यक्ष मोहनलाल पांडिया ने बताया कि सामूहिक विवाह सम्मेलन में देश के तेलंगाना, हैदराबाद, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश से जोड़ों ने विवाह रचाया। इसी तरह सिखवाल ब्राह्मण समाज का सामूहिक विवाह सम्मेलन हरणी महादेव रोड स्थित ऋषि श्रृंग संस्थान परिसर में हुआ। प्रभारी शिव नारायण ओझा ने बताया कि बुधवार शाम 7 बजे बासण, 8 बजे महिला संगीत का आयोजन हुआ। गुरुवार सुबह 7:15 बजे चित्रकूट धाम से वर-वधू की बिंदोली एवं शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद पानी ग्रहण संस्कार हुआ।
हिंदू धर्म में ध्वज का विशेष महत्व बताया गया है। प्रत्येक मंदिर के शिखर पर ध्वज लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है। आज के समय में लोग अपने घरों की छत पर धार्मिक रूप से ध्वजा लगाते हैं। हिंदू धर्म में मुख्य रूप से केसरिया या पीले रंग का ध्वज लगाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में भी ध्वज से जुड़े कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को करने से कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। ध्वजा लगाते समय कई बातों का ध्यान रखा जाता है। तभी इससे संबंधित शुभ फल हमें प्राप्त होते हैं। आगे जानिए ध्वज लगाने से जुड़ी खास बातें… कैसे हो ध्वज का रंग? सनातन धर्म में भगवा और केसरिया रंग की ध्वजा लगाना बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए भगवा केसरिया या फिर पीले रंग में से किसी एक रंग की ध्वजा लगा सकते हैं। ये तीनों ही रंग ध्वजा के लिए सही रहते हैं। इस दिशा में लगाएं ध्वजा ध्वजा को लगाने के लिए वायव्य कोण सही माना जाता है। यदि आपको अपने घर में ध्वजा लगानी है तो इसे घर की छत पर वायव्य कोण में लगाएं। यदि आपको दिशा की जानकारी सही प्रकार से न हो पा रही हो तो किसी वास्तु शास्त्री से सलाह लेकर ध्वजा लगा सकते हैं। इस तरह की होनी चाहिए ध्
भीलवाड़ा हलचल । उदयपुर हाइवे स्थित शिवनगर के पास सड़क किनारे खड़े परिवार को बेकाबु बोलेरो चपेट में लेने के बाद डिवाइड से टकराकर हाइवे से नीचे गली में उतर गई। हादसे में पिता-पुत्र की मौत हो गई, जबकि पत्नी घायल हो गई। घायल महिला को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पुलिस का कहना है कि घायल बालक के मुंडन संस्कार का कार्यक्रम तय था और इसी के लिए यह परिवार ननिहाल पक्ष को आमंत्रित करने के लिए भादू से आया था। इस घटना की खबर जब भादू पहुंची तो वहां शोक छा गया। कारोई थाने के सहायक उप निरीक्षक अयूब मोहम्मद ने हलचल को बताया कि भादू निवासी सज्जन सिंह दरोगा 45 पुत्र केसू दरोगा के 6 साल के बेटे अजित सिंह का मुंडन संस्कार होना था। इसके लिए सज्जन सिंह, उसकी पत्नी कमला व बेटे अजित सिंह के साथ ननिहाल पक्ष को कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए आया हुआ था। दंपती व बेटा गुरलां क्षेत्र स्थित शिवनगर के पास हाइवे किनारे खड़ा था, तभी गंगापुर की ओर से आई तेज रफ्तार बोलेरो ने दंपती व बेटे को चपेट में ले लिया। इसके बाद यह बोलेरो डिवाइडर से टकराकर हाइवे से नीचे गली में उतर खंभे से टकरा गई। वहीं बोले
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