नसबंदी कराने के बाद दो महिलाओं की मौत
राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की लापरवाही के मामले लगातार सामने आते रहें हैं। अब एक नया मामला प्रदेश के श्रीगंगानगर जिले में सूरतगढ़ का है, जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी कराने वाली दो महिलाओं की मौत हो गई। इन दोनों महिलाओं ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित नसबंदी शिविर में शनिवार को नसबंदी कराई थी। देर शाम को उनकी मौत हो गई, पहले तो प्रशासन इस मामले को दबाने में जुटा रहा, लेकिन रविवार सुबह मृतक महिलाओं के परिजनों ने नसबंदी प्रभारी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा खड़ा कर दिया। मृतक महिलाओं के परिजनों ने चिकित्सकों के खिलाफ स्थानीय पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है। जानकारी के अनुसार, शनिवार को चिकित्सालय के प्रभारी और सर्जन डॉ. दर्शन सिंह के नेतृत्व में सात महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन किया गया। आरोप है कि चिकित्सालय में गायनी चिकित्सक होने के बावजूद ऑपरेशन बिना गायनी चिकित्सक के कर दिए गए। ऑपरेशन के बाद सभी महिला मरीजों को चिकित्सालय के सामान्य वार्ड में भर्ती करवा दिया गया। तेज गर्मी के प्रकोप के बावजूद चिकित्सालय में किसी भी प्रकार के कूलर की व्यवस्था नहीं की गई थी। महिलाओं को पंखे के नीचे ही लिटा दिया गया और नसबंदी के कुछ देर बाद उन्हें गांव भेज दिया गया। इनमें से दो महिलाअआं गांव पहुंचने से पहले ही तबीयत बिगड़ गई और दोनों की मौत हो गई। चिकित्सा विभाग के अनुसार, दोनों मरीजों की मौत हीट स्ट्रोक यानी गर्मी की वजह से हुई। घटना की सूचना पर देर रात सीएमएचओ गिरधारी लाल मेहरडा ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। विभाग की ओर से दोनों मृतक महिलाओं के परिजनों को परिवार नियोजन कल्याण निधि से दो-दो लाख रुपये की घोषणा की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अभी इस संबंध में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। |
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