मृत्युभोज की मृत्यु हुई तय, मात्रिकुंडिया से सालवी समाज ने भरी हुंकार
झड़ोल (रायपुर),। सालवी समाज की कूरीतियों को लेकर मातृकुंडिया से आरम्भ हुई पहल दिन प्रतिदिन धरातल पर उतरती हुई नजर आ रही हैं। समाज के युवा प्रबुद्धजनों के साथ मिलकर लगातार संभाग के विभिन्न गांवों में सामाजिक कुरीति मृत्युभोज से समाज को होने वाले नुकसान बताकर जन जागृति की मुहिम में जुटे हुए हैं। इसमें मातृकुंडिया निर्णय के पेम्पलेट, मृत्युभोज छोड़ने की सामूहिक शपथ तथा मृत्युभोज से बचे धन का उपयोग भावी पीढ़ियों की बेहतर शिक्षा, आधुनिक चिकित्सा, समाजोत्थान व संसाधन युक्त, गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने हेतु करने की अपील की गई। सभी ने आवरीमाता जड़ोल सराय में मृत्युभोज न खाने व न करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर समाज की मृत्युभोज रेस्क्यू टीम का गठन किया गया जिसमें सर्वसम्मति से अध्यक्ष रमेशचंद्र जडोल, उपाध्यक्ष बंशीलाल जडोल, सचिव शंकरलाल जडोल, सह सचिव सुरेशचंद्र मोखुंदा, जयराम डागड़ी व कार्यकारिणी सदस्य जयंतीलाल, छगनलाल, अर्जुनलाल झडोल, गहरीलाल डांगड़ी, गणेश झडोल, लादूलाल, लक्ष्मण, लादूलाल, नोलाराम, पारसमल, भेरूलाल देवरिया, सुरेशचंद्र खेड़िया, भगवानलाल गोविंदपुरा, भगवानलाल जड़ोल,, और चेतनकुमार कोट, देवीलाल झडोल, बसु, जीतमल, सुखलाल मोखुंदा, पारस जयसिंहपुरा, लादूलाल जयसिंहपुरा, देवीलाल झडोल, हेमराज जहाजपुर और लादूलाल जड़ोल को नियुक्त किया गया।* |
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