पॉजिटिव से निगेटिव आने के बाद हो सकती है ये समस्याएं, जरूरी बदलाव

 

कोरोना (Corona) संक्रमण के बीच ठीक होनेवालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. राज्य में अभी तक कोरोना से 75,089 लोग संक्रमित हो चुके हैं. राहत की बात यह है कि 61,559 स्वस्थ भी हुए हैं, लेकिन निगेटिव रिपोर्ट के बाद भी कई समस्याएं दिख रही हैं. इसे कोरोना का आफ्टर इफेक्ट (Corona After Effects) कहा जा रहा है. पहले जैसी शारीरिक स्थिति में नहीं पहुंचने पर लोग हताश हो रहे हैं. विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श लेने पहुंच रहे हैं. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि वायरस का दुष्प्रभाव (corona after effects on body) समाप्त होने में तीन-चार महीने का समय लगेगा. इसलिए लोगों को अनुशासित जीवनशैली जीने की सलाह दी जा रही है. कोरोना निगेटिव होने के बाद एक्सपर्ट क्या सलाह दे रहे हैं, इसपर पढ़िए  रिपोर्ट.


केस स्टडी-1


डोरंडा निवासी कोरोना संक्रमित एक मरीज अस्पताल में 10 दिनों तक भर्ती रहे़ रिपोर्ट निगेटिव होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी, लेकिन घर आने के बाद सांस लेेने में बार-बार तकलीफ की शिकायत होने लगी. हालांकि ऑक्सीजन का स्तर 95 से ज्यादा था. डॉक्टर ने फेफड़ा के लिए योगाभ्यास करने और पौष्टिक खाना लेने की सलाह दी. साथ ही नियमित टहलने के लिए कहा़


केस स्टडी-2


बरियातू निवासी एक कोरोना संक्रमित का इलाज रिम्स में चला. करीब 14 दिनों के बाद पूरी तरह स्वस्थ होकर घर पहुंचे़ इसके बाद उनको लगातार कमजोरी की समस्या बनी हुई थी. गले में भी कुछ शिकायत थी. डॉक्टर से संपर्क किया, तो बताया गया कि इस तरह की समस्या दो-तीन महीने तक रहेगी़ दिनचर्या व खानपान को सही रखें. योग व ध्यान करें. काढ़ा, गोल्डेन मिल्क व गुनगुना पानी लें.


खाना का नहीं मिल पाता है स्वाद


कोरोना वायरस से जंग जीतने के बाद शरीर का पहले से ज्यादा ख्याल रखना जरूरी है, क्याेंकि वायरस शरीर को कमजोर बना देता है. इम्युन सिस्टम मजबूत नहीं होने के कारण अन्य संक्रामक बीमारी की भी आशंका बढ़ जाती है. अगर बुजुर्ग हैं, तो ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है. बच्चों के स्वास्थ्य पर भी नजर रखनी चाहिए. सबसे बड़ी मुसीबत यह होती है कि स्वस्थ हाेने के बावजूद लोगों को खाने का स्वाद नहीं मिल पाता. इस कारण खाना नहीं चाहते. इस स्थिति में परिवार के सदस्यों को पौष्टिक व संतुलित खानपान व दिनचर्या में उनकी मदद करनी चाहिए.


ज्यादा काढ़ा भी हो सकता है हानिकारक


इम्युनिटी बुस्टप का उपयोग करना चाहिए. ज्यादा काढ़ा भी हानिकारक होता है. ज्यादा हल्दी प्रयोग करने से लीवर की समस्या हो सकती है़, इसलिए आधा चम्मच (एक बार) हल्दी का उपयोग करें. गरम पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें. खाने में हाई प्रोटीन डायट को शामिल करें. विटामिन सी का प्रयोग करें. इम्युनिटी बनाये रखने के लिए इसकी बेहद जरूरत है. जिंक के लिए अंकुरित अनाज का उपयोग करें.


-डॉ विजयश्री प्रसाद, सीनियर डायटीशियन


कोरोना वायरस में फेफड़ा पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है, इसलिए फेफड़ा को मजबूत करनेवाला योगाभ्यास ज्यादा करें. इसके लिए प्राणायाम ज्यादा लाभकारी होता है. इसमें कपालभाति, भ्रामरी व अनुलोम-विलोम का अभ्यास करना चाहिए. इससे फेफड़ा मजबूत होता है. इसके अलावा ध्यान भी करें. सप्ताह में एक-दो दिन नेति क्रिया कर सकते हैं. अजवाइन, गिलोय या अदरक का भाप जारी रखें.


-स्वामी मुक्तरथ, योग प्रशिक्षक


वायरस का दुष्प्रभाव फेफड़े पर पड़ता है, इसलिए कई बार ठीक होने के बाद भी संक्रमण का खतरा रहता है. वायरस के कारण खून का थक्का जम जाता है, जो फेफड़ा को प्रभावित करता है. ऐसे में खानपान व लाइफ स्टाइल को ठीक रखना जरूरी है़ व्यायाम या योग को दिनचर्या मेें शामिल करें. ऑक्सीजन लेवल जांच करते रहें. इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करें.


-डॉ निशीथ कुमार, छाती रोग विशेषज्ञ


कोरोना से स्वस्थ होने के बाद ऐसी समस्या आम


एक्सपर्ट कहते हैं कि पोस्ट कोविड की समस्या आम बात है, लेकिन घबराये नहीं. हौसला बुलंद रखें. कोरोना के आफ्टर इफेक्ट में घबराहट, सांस लेेने व कमजोरी की समस्या शामिल है. इसे दूर होने में तीन-चार माह लग सकता है.


घबराहट की शिकायत


कोराना खतरनाक व जानलेवा वायरस है, इसलिए इसका प्रभाव काफी समय तक रहता है. स्वस्थ हाेने के बाद भी एंजाइटी आदि की समस्या रहती है. घबराहट होने पर योगाभ्यास और ध्यान करें. सुबह व शाम 15 से 20 मिनट तक टहलें.


सांस लेने की समस्या


कोरोना ठीक होने के बाद सांस की समस्या परेशान करती रहती है. फेफड़ा को वायरस काफी प्रभावित करता है, इसलिए निमोनिया आदि की शिकायत हो सकती है. सांस लेने में परेशानी हाेने पर ऑक्सीजन का स्तर की जांच करें. ऑक्सीजन लेवल 93 से कम हो जाये, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.


कमजोरी व भूख नहीं लगना


कोरोना के बाद कमजोरी ज्यादा अनुभव होता है. वायरस हमारे शरीर में मौजूद एंजाइम व हार्मोन को प्रभावित करता है. भोजन नहीं पचने की समस्या शुरू हाे जाती है. कुछ खाने का मन नहीं करता. कोरोना के बाद पौष्टिक खानपान काे शामिल रखना चाहिए. जंक फूड व तैलीय पदार्थ का उपयोग नहीं करें. हरी साग सब्जी व फल को प्रर्याप्त मात्रा में शामिल करें.


इसलिए इसका रखें ख्याल


कोरोना निगेटिव होने के बाद भी गुनगुने पानी का इस्तेमाल करते रहें


शरीर को डिटॉक्सीफाई (दूषित पदार्थ की सफाई) करने के लिए गुनगुना पानी में नींबू का इस्तेमाल करें


तरल पेय पदार्थ ज्यादा से ज्यादा लें


तीन लीटर पानी प्रतिदिन पीयें


स्वस्थ फेफड़ा के लिए योग


फेफड़ा मजबूत करने के लिए प्राणायाम ज्यादा लाभकारी होता है. कपालभाति, भ्रामरी व अनुलोम-विलोम का अभ्यास करना चाहिए. इससे फेफड़ा मजबूत होता है.


कोरोना से निबटने के लिए मेडिटेशन से भी लाभ पहुंचता है. एकाग्रता बढ़ती है, जिससे अनावश्यक चिंता व भय से राहत मिलती है.


संतुलित कैलोरी के लिए यह जरूरी




  1. ब्रेकफास्ट (नाश्ता) : नाश्ता में प्रोटीन व विटामिन युक्त भोजन शामिल करें. रोटी, दाल और सब्जी लें.




  2. नाश्ता और लंच के बीच अंकुरित अनाज, सलाद व फल को शामिल किया जा सकता है




  3. दोपहर का खाना (लंच) : रोटी, सब्जी, दाल, दही, गाय का घी और नॉन वेजीटेरियन अंडा को भी थाली में शामिल कर सकते हैं. मौसमी सब्जी को शामिल करें. नींबू को सालाद में जरूर रखें.




  4. लंच और डिनर के बीच पोहा, सूप व दलिया को शामिल कर सकते हैं




  5. रात का खाना (डिनर): रात में हल्का भोजन लेना चाहिए. इसमें एक या दो रोटी, एक कटोरी दाल, एक कटोरी सब्जी. नॉन वेजीटेरियन अपनी थाली में अंडा शामिल कर सकते हैं.




  6. रात में सोते समय हल्दी व दूध लें




शुरुआत में ज्यादा मेहनत नहीं करें


रिम्स के फिजिशियन डॉ बी कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद भी जीवनशैली का बेहतर होना जरूरी है. इसलिए लोग दिनचर्या व खानपान को संतुलित रखें. कोरोना पॉजिटिव के बाद शरीर कमजोर हो जाता है, इसलिए दूसरी बीमारी होने की आशंका भी बनी रहती है. इसलिए पौष्टिक खानपान व इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य व पेय पदार्थ को दिनचर्या में शामिल करें. कोरोना निगेटिव होने के तुरंत बाद ज्यादा शारीरिक मेहनत नहीं करें. सुबह जल्दी उठें और रात में जल्दी सोयें.



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