कन्हैया के कातिल रियाज व गौस मोहम्मद राजस्थान के आठ जिलों में बना रहे थे आईएसआईएस के लिए स्लीपर सैल


जयपुर।
उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या करने वाले रियाज जब्बार  और गौस मोहम्मद राजस्थान के 8 जिलों में आईएसआईएस के लिए स्लीपर सेल बना रहे थे। रियाज ने इसके लिए पाकिस्तान के कराची में आतंक की ट्रेनिंग भी ली थी।  

रियाज 20 साल पहले घर छोड़कर उदयपुर आ गया था। यहां उसकी दोस्ती गौस मोहम्मद से हुई थी। दोनों ज्यादातर समय साथ ही रहते थे। इसी दौरान रियाज पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले दावत-ए-इस्लाम ग्रुप के सम्पर्क में आया। इसी ग्रुप ने उसकी शादी कराई। दावत-ए-इस्लाम के मौलाना ने रियाज का ब्रेनवॉश किया और ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान बुला लिया।

ट्रेनिंग के बाद रियाज ने गौस मोहम्मद को भी अपने साथ जोड़  लिया। दोनों उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद, टोंक, बूंदी, बांसवाड़ा,जोधपुर जिलों में गरीब और बेरोजगार युवाओं को उकसा कर स्लीपर सेल से जोड़ रहे थे। आशंका है कि ये स्लीपर सेल आईएसआईएस के लिए बनाए जा रहे थे और इसके लिए अरब देशों से फंडिंग भी की गई।
 
30 लोगों के साथ कराची में ट्रेनिंग
साल 2014 में रियाज और गौस 30 लोगों के साथ पाकिस्तान के कराची गए। उनके साथ उदयपुर के वसीम अख्तरी और अख्तर राजा भी थे। यहां उन्हें आतंकी संगठनों ने ट्रेनिंग दी। 45 दिन की ट्रेनिंग के बाद 1 फरवरी 2014 को दोनों भारत वापस आ गए। दोनों दावत-ए-इस्लामी और पाकिस्तान के राजनीतिक दल तहरीक-ए-लब्बैक के सम्पर्क में थे।
रियाज और गौस मोहम्मद फंडिंग के लिए 2014 और 2019 में सऊदी अरब और 2017-18 में नेपाल गए थे। सऊदी अरब में वे सलमान और अबू इब्राहिम के लगातार सम्पर्क में थे। यह दोनों भी दावते-ए-इस्लाम संगठन से जुड़े थे।
 

 बदला लो, या चूडिय़ां पहन लो

अरब देशों से मिली फंडिंग से दोनों ने पहले गरीब और बेरोजगार युवाओं की मदद की और उन्हें विश्वास में ले लिया। दोनों का मकसद राजस्थान में स्लीपर सेल का नेटवर्क तैयार करना था। फिर उदयपुर,बांसवाड़ा,जोधपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद, टोंक, बूंदी जिलों के युवाओं को कई वॉट्सऐप ग्रुप से जोड़ा।ग्रुप में ब्रेनवॉश के लिए भड़काने वाले वीडियो डालते। रियाज युवाओं को दूसरे धर्म के लोगों पर हमला करने के लिए उकसाता। उनसे कहता- बदला लो या चूडिय़ां पहन लो। रियाज ने वीडियो जारी कर उदयपुर के हिस्ट्रीशीटर और बदमाशों को भी हमले के लिए उकसाया था। 

20 जून को बना कत्ल का प्लान
सऊदी अरब के सलमान और अबू इब्राहिम ने नूपुर शर्मा के बयान के बाद रियाज और गौस को भी 'मिसाल कायम करनेÓ के लिए कहा। इसके बाद 20 जून को उदयपुर में दोनों ने कुछ लोगों के साथ मीटिंग की और कन्हैयालाल को मारने का प्लान बनाया। हृढ्ढ्र की जांच में भी सामने आया कि दोनों आरोपियों की पाकिस्तान के आठ से 10 मोबाइल नंबरों पर लगातार बातचीत हो रही थी।


 खुद बनाया कत्ल में काम लिया हथियार
कन्हैया को 15 जून से मारने की धमकियां मिल रही थीं। पड़ोसी दुकानदार और एक महिला पहले उसे धमकाने आए थे। रियाज और गौस की पूरी टीम कन्हैयालाल के हर मूवमेंट पर नजर रख रही थी। गौस ने कन्हैया को मारने के लिए गंडासे जैसा हथियार बनाया था।

रियाज ने एक वीडियो बनाकर कन्हैया के मर्डर का ऐलान कर दिया था। इसके बाद 28 जून को रियाज और गौस ने कन्हैयालाल के दुकान खोलने के कुछ घंटे बाद ही हत्या कर दी। दोनों ने हत्या का भी वीडियो बनाया। 

  अलसुफा से भी जुड़े हैं रियाज के तार 
रियाज के तार आतंकी संगठन अलसूफा से भी जुड़े हैं। वह 5 साल से अलसूफा के लिए उदयपुर और आसपास के जिलों में काम कर रहा था। पहले वह मुजीब के अंडर में काम करता था। ढाई माह से वही इलाके में अलसूफा को लीड कर रहा था।
30 मार्च को चित्तौड़ के निम्बाहेड़ा में पुलिस ने 3 आतंकियों से 12 किलो विस्फोटक बरामद किया था। इससे जयपुर और अन्य जगह सीरियल ब्लास्ट की साजिश थी। मुजीब इसी मामले में जेल में बंद है। रियाज मोबाइल, इंटरनेट कॉलिंग व सोशल मीडिया के जरिए आईएस के सीधे संपर्क में था।  

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