फसलों का मूल्य संवर्धन कर बढ़ाये आमदनी - प्रो. राठौड़

 


भीलवा़ड़ा । कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन तिलहन योजनान्तर्गत एक दिवसीय बीजोत्पादन प्रशिक्षण एवं आदान वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के माननीय कुलपति प्रोफेसर नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने खाद्यान्न फसलों का मूल्य सम्वर्द्धन कर आमदनी बढ़ाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

प्रोफेसर राठौड़ ने बताया कि कोरोना संकट के दौरान एक किसान वर्ग ही था जिसने अधिकतम अनाज पैदा कर मानव समाज एवं पशु सम्पदा को भूखों मरने से बचाया साथ ही किसान कृषि की नवीनतम तकनीकीया जैसे उन्नत प्रजातियाँ, खाद्यान्न सुरक्षा एवं पोषण, मूल्य संवर्धन, कृषि यन्त्रिकरण एवं कृषि बाजार की तकनीकी जानकारी से अवगत कराया। खेती के साथ सब्जी उत्पादन, बकरी पालन एवं मुर्गीपालन अपनाकर परिवार को स्वरोजगार एवं पोषण स्तर को सुधारा जा सकता है।

इस दौरान प्रो. राठौड़ ने कृषि विज्ञान केन्द्र पर जल मन्दिर का फीता काटकर कृषक एवं कृषक महिलाओं हेतु उद्घाटन किया। अनुसूचित जाति के कृषक एवं कृषक महिलाओं को 25 अनाज भण्ड़ारण कोठी का निःशुल्क वितरण किया गया जिससे बीज भण्ड़ारण तकनीकी को सम्बल मिलेगा साथ ही किसानों को तिल, उड़द, मूँग एवं ज्वार की उन्नत किस्म का बीज किसानों को उपलब्ध करवाया।  
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. सी. एम. यादव ने आगन्तुक अतिथियों का स्वागत करते हुए केन्द्र की गतिविधियों से अवगत करवाया एवं किसानों की आमदनी दुगुनी करने में प्रयुक्त की जा रही तकनीकों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। प्रोफेसर के सी नागर ने कार्यक्रम का संचालन कर समन्वित कृषि अपनाने पर जोर दिया। 
कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. किशन लाल जीनगर ने वैज्ञानिक तरीके से मुर्गीपालन एवं बकरियों में नस्ल सुधार कर बकरीपालन करने की जानकारी दी। विशेषाधिकारी डाॅ. एस. डी. धाकड़ ने किसानों को जैविक खेती अपनाने की सलाह दी। बारानी कृषि अनुसंधान केन्द्र के मुख्य वैज्ञानिक डाॅ. ललित छाता ने पौध व्याधि एवं पौध संरक्षण की जानकारी दी। कृषक उत्पादक संगठन के निदेशक हार्दिक श्रीवास्तव एवं एम पी नारायणन ने एफपीओ की जानकारी दी। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डाॅ. आनन्द सिंह जोधा, डाॅ. एल. एल. पंवार, डाॅ. जे.के बालियान, डाॅ. हीरा लाल बुगालिया, फार्म मैनेजर महेन्द्र सिंह चुण्ड़ावत, गोपाल लाल टेपन, अजित सिंह राठौड़, महेश सुवालका एवं प्रकाश कुमावत उपस्थित थे। 
 

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