नौ माह के बेटे के बाद मां ने खुद का काटा गला, फैली दहशत


सरदारशहर .

झालरिया कुआं वार्ड 15 में बुधवार रात्रि को एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई। जहां पर 2 साल पहले बिहार से दुल्हन बनकर आई एक महिला आरती देवी ने पहले तो अपने 9 महीने के बच्चे मोहन के गले पर इलेक्ट्रिक गलेंडर से वार कर दिया और फिर खुद के गले को गलेंडर से काट लिया। घटना बुधवार शाम 6 बजे की बताई जा रही है। घटना के वक्त महिला की सास घर में बनी आटा चक्की चला रही थी और पति व ससुर ओम बन्ना के मंदिर गए हुए थे। पति व ससुर जब घर पर पहुंचे तो देखा कि कमरे का दरवाजा बंद है और अंदर गलेंडर चलने की आवाज आ रही है जिस पर पास में बनी खिड़की के पास लगे कूलर को हटाकर पति रामलाल जांगिड़ जब अंदर गया तो देखा कि महिला व बच्चा लहूलुहान हालत में पड़े हैं बच्चा रो रहा था वही महिला बेसुध पड़ी हुई थी। तुरंत बच्चे लेकर शहर के बीकानेर रोड स्थित एक निजी अस्पताल में पहुंचे और वहां से डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद बीकानेर रैफर कर दिया। घटना की जानकारी 5 घंटे बाद जब वार्ड 16 के पार्षद प्रतिनिधि ताराचंद सैनी को लगी तो उन्होंने इस मामले की जानकारी रात्रि 11 बजे थाना अधिकारी सतपाल विश्नोई और एसआई मानकलाल डूडी को दी। पुलिस जाब्ते के साथ पहुंचे सतपाल विश्नोई ने घटना की बारीकी से जानकारी ली और इस घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को अवगत करवाई जिस पर रात्रि को 12 बजे डीएसपी नरेंद्र कुमार शर्मा भी मौके पर पहुंचे और घटना की बारीकी से जानकारी ली। वहीं परिजनों की मानें तो बुधवार दोपहर को पति रामलाल जब खाना खा रहा था तो दही लाने की बात को लेकर पति रामलाल व पत्नी आरती देवी में तू तू मैं मैं हुई थी। वहीं पार्षद प्रतिनिधि ताराचंद सैनी ने पुलिस को प्राथमिक रिपोर्ट दी है और घटना से अवगत करवाया है। गुरुवार सुबह असफल टीम व उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचेंगे जिसके बाद महिला के शव को राजकीय अस्पताल में पहुंचाया जाएगा। घटना की जानकारी महिला के परिजन जो बिहार रहते हैं उन्हें दे दी गई है। डीएसपी नरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि मामले को लेकर कुछ भी कह पाना मुश्किल है पुलिस मामले की बारीकी से जांच में जुटी हुई है। घटना कैसे घटित हुई जांच के बाद ही पता चल पाएगा। वही जानकारी के अनुसार 9 महीने के मासूम बच्चे को बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया है जहां पर उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है। वहीं पार्षद प्रतिनिधि ताराचंद सैनी ने बताया कि घटना को आत्महत्या या हत्या कहना अभी जल्दबाजी होगी। पुलिस जांच में ही यह पता चल पाएगा कि आखिर घटना कैसे घटित हुई। वही हैरान कर देने वाली बात यह है कि जब घटना बुधवार शाम 6 बजे घटी तो रात्रि 11 बजे तक घटना की जानकारी परिजनों द्वारा पुलिस को क्यों नहीं दी गई। वहीं बुधवार व गुरुवार की मध्य रात्रि 1 बजे तक डीएसपी और थानाधिकारी मामले की बारीकी से जानकारी लेते रहे। हर किसी के मन में यह सवाल है कि कहीं हत्या को आत्महत्या का रूप तो नहीं दिया जा रहा?

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