घर में अकेली किशोरी के हाथ बांध कर किया दुष्कर्म, मिली 10 साल की सजा

भीलवाड़ा हलचल। विशिष्ट न्यायाधीश (पोक्सो 2) भूपेंद्रकुमार सनाढ्य ने आज लिरडिय़ा निवासी दिनेश पुत्र रामेश्वरलाल रैगर को 10 साल की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। दिनेश पर नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप है।  न्यायालय सूत्रों के अनुसार, मांडल थाने में 14 अप्रैल 2019 को एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दी कि वह अपनी पत्नी के साथ सुबह साढ़े नौ बजे झडूले के कार्यक्रम में शामिल होने कालियास गया था। घर में नाबालिग बेटी अकेली थी। रात आठ बजे वह खाना खा रही थी। दरवाजा खुला था। दिनेश रैगर, नाबालिग को घर में अकेला देखकर अंदर घुस आया। उसने नाबालिग के हाथ चुन्नी से बांध दिये। लड़की चिल्लाई, लेकिन घर के सामने शादी होने से डीजे बजने से कोई चीख नहीं सुन पाया और मदद के लिए नहीं पहुंचा। आरोपित दिनेश ने परिवादी की बेटी से दुष्कर्म किया। इसी दौरान बड़ा भाई का बेटा घर आ गया। उसने दरवाजा बंद देखकर खटखटाया, लेकिन हाथ बंधे होने से पीडि़ता दरवाजा नहीं खोल पाई। इसके बाद उसने दरवाजा तोडऩे की धमकी दी। इस पर दिनेश ने दरवाजा अंदर से खोला। दिनेश के परिजन भी वहां आ गये, जिन्होंने परिवादी के भाई के बेटे सहित दो जनों से मारपीट की। ये लोग दिनेश को भी अपने साथ ले गये। इन दोनों घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। ग्रामीणों की सूचना पर परिवादी गांव लौटा तो पुत्री ने आपबीती बताई। पुलिस ने इस रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर आरोपित दिनेश को गिरफ्तार किया। तफ्तीश के बाद चार्जशीट न्यायालय में पेश की। सुनवाई पूरी होने पर आज कोर्ट ने दिनेश को सजा और जुर्माने से दंडित किया।



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