इलेक्ट्रॉनिक मोड से भुगतान लेने के प्रावधान की अवधि एवं सीमा बढाने की

भीलवाड़ा (हलचल)। मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने केन्‍द्रीय वित्‍तमंत्री एवं प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड के चेयरमेन को प्रतिवेदन भेजकर मांग की है कि 50 करोड से उपर के व्‍यवसाय के लिए 1 फरवरी से सभी भुगतान को इलेक्ट्रॉनिक मोड और सिस्टम से लेने के प्रावधान की अवधि एवं सीमा बढाने की मांग की है।


चेम्‍बर के मानद महासचिव आर के जैन ने बताया कि धारा 269SU के तहत यह प्रावधान किया गया है कि पिछले वर्ष में 50 करोड से अधिक टर्नऑवर वाले व्‍यक्ति या संस्‍था को अब भुगतान इलेक्ट्रॉनिक मोड और सिस्टम से ही लेना होगा। इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक मोड और सिस्टम समय से लैस होने के लिए 31 जनवरी 2020 तक का समय दिया गया है एवं 1 फरवरी से इस प्रावधान का अनुपालन होने पर 5 हजार रूपये प्रतिदिन जुर्माना देय होगा।


चेम्‍बर ने अपने प्रतिवेदन में कहा है कि व्यापार,  उद्योग और पेशेवरों का एक बड़ा वर्ग वर्तमान में जीएसटी वार्षिक रिटर्न, ऑडिट और मार्च 2020 में आयकर अनुपालन में व्‍यस्‍त होने से बड़ी संख्या में व्यापार और उद्योग समुदाय धारा 269SU के इन प्रावधानों पर ध्यान नहीं दे पाया है। साथ ही व्यवसाय के वर्तमान टर्नऑवर को देखते हुए 50 करोड़ सीमा भी बहुत कम है। अत: चेम्‍बर ने 50 करोड की सीमा को चालू वर्ष के लिए 500 करोड करना एवं  सिस्टम समय से लैस करने के लिए दी गई अवधि को 1 जनवरी 2021 तक बढाने की मांग की। 


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