प्रभु प्यार का आधार

 


 


चित्तौड़गढ़halchal /प्रभु प्यार का आधार:- सर्व प्राप्ति का नशा इतिहास गवाह है जिसको भी प्रभु से प्यार हुआ उसका विकार का आकर्षण स्वतः ही नष्ट हो गया राजाओं को राज पाठ से भी वैराग्य हो गया। मीरा प्रभु प्रेमरत की दीवानी हो गई। महाराजा भ्ृार्तहरि जैसे अनेक राजा राजपाट का त्याग कर जंगल जाकर बैरागी बन गए। उपरोक्त महाकाव्य माउंट आबू से पधारे करण भाई   ने ब्रह्मा कुमारीज की प्रताप नगर चित्तौड़गढ़ सेवा केंद्र पर व्यक्त किए।उन्होंने बताया कि हम कितने भाग्यशाली हैं भगवान ने हमें घर बैठे चुना और घर संसार परिवार में रहते जीवन को श्रेष्ठ बनाने की शक्ति और विधि बताई उन्होंने बताया कि अब स्वयं को पहचानना, निज धर्म को पहचानो कि तुम कौन हो ? कहां से आए? जितना जितना स्वंय के सत्य आत्मस्वरूप स्थित होते जाएंगे ये विकार और विकारी दुनिया से आकर्षण स्वतः ही नष्ट होता जाएगा। सुख-शांति संपन्न जीवन बन जाएगा।  माउन्टआबु भाई से आये किर्ती भाई ने बताया कि जब तक स्वयं को परमात्मा की अनुभूति नहीं होती, नहीं अपनी आत्मा अनुभूति को बढ़ाना ही निज धर्म को पहचानना है।
चित्तौड़गढ़ सेवा केंद्र प्रभारी आशा दीदी ने बताया कि आज पूरे दिन सेवा केंद्र पर अखंड योग तपस्या कि उन्होंने बताया कि स्वयं की निज धर्म की पहचान से प्रभु प्यार हर पल अनुभव करना संभव है। परमात्मा प्राप्ति ही सर्वोच्च प्राप्ति है। करण भाई जी सभा में उपस्थित सभी भाई बहनों को प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने की प्रतिज्ञा भी करवाई। कार्यक्रम में मीना दीदी , शिवली दीदी , मधु दीदी , अनीता दीदी , वर्षा दीदी भी उपस्थित थी।


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