सामाजिक न्याय  मंत्राी का भीलवाडा दौरा निरस्त

   आर्थिक तंगी से जूझते राजस्थान को केंद्र सरकार के शनिवार को पेश होने वाले बजट Budget 2020:  से काफी उम्मीदें हैं। सबसे ज्यादा उम्मीद पेयजल और सिंचाई परियोजनाओं को लेकर है। राजस्थान की एक बड़ी सिंचाई परियोजना को राष्ट्रीय स्तर की परियेाजना घोषित किए जाने और जल जीवन मिशन के तहत अधिक सहायता दिए जाने की उम्मीद की जा रही है। इसके साथ ही रेलवे में भी कुछ सौगातों की उम्मीद की जा रही है।


राजस्थान पिछले एक वर्ष से कड़े आर्थिक दौर से गुजर रहा है। देश की आर्थिक मंदी का असर यहां भी दिख रहा है और सरकार को जीएसटी व अन्य करों से होने वाली आय बहुत ज्यादा नहीं हो पा रही है। हालांकि केंद्र सरकार से पैसा मिल रहा है, लेकिन फिर भी इस वित्तीय वर्ष की पहले नौ महीनों यानी दिसंबर 2019 तक सरकार की कुल आय 60 प्रतिशत ही थी, जो पिछले वर्ष इसी अवधि के मुकाबले करीब तीन प्रतिशत कम है। कर राजस्व की बात की जाए तो दिसंबर तक सिर्फ 58 प्रतिशत आय हो पाई थी, जो पिछले वर्ष के मुकाबले आठ प्रतिशत कम है। सबसे बुरा हाल जीएसटी से होने वाली आय का है। दिसंबर तक राजस्थान सरकार को जीएसटी से सिर्फ 56.45 प्रतिशत आय हुई, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में दिसंबर तक जीएसटी से 80 प्रतिशत आय हो चुकी थी, यानी करीब 24 प्रतिशत का अंतर है। आय की इस कमी के कारण सरकार के लिए अपने रोजमर्रा के खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है। वेतन और पेंशन के अलावा सभी तहर के बडे भुगतान रोक दिए गए है।


 वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि राजस्थान सरकार लंबे समय से केंद्रीय योजनाओं के तहत मिलने वाली सहायता का पैटर्न बदलने की मांग कर रही है, क्योंकि पहले जहां ज्यादातर केंद्रीय योजनाओं में राज्य की भागीदारी 10-20 प्रतिशत होती थी, वहीं अब इसे 50-50 प्रतिशत तक कर दिया गया है। ऐसे में राज्य सरकार पर बड़ा भार आ गया है। इसक अलावा किसान कर्ज माफी और बेरोजगारी भत्ते जैसे बड़े वादे पूरा करने के लिए भी सरकार को पैसा चाहिए। ऐसें में सरकार को उम्मीद है कि केंद्र कुछ आर्थिक मदद बढ़ाएगी और जो पैसा विभिन्न विभागों का केंद्र सरकार के पास अटका हुआ है, उसे रिलीज किया जाएगा।


 पेयजल व सिंचाई में बड़ी उम्मीद


राजस्थान के पूर्वी हिस्से के लिए तैयार की गई 37 हजार करोड़ की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को केंद्र सरकार सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे चुकी है, लेकिन चूंकि परियोजना बड़ी है, ऐसे में राजस्थान सरकार इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग कर रही है। बजट में इस तरह की कोई घोषणा होती है तो इस पर तेजी से काम हो सकेगा और राजस्थान के पूर्वी हिस्से के 13 जिलों की पेयजल और सिंचाई की जरूरत पूरी हो सकेगी। इसके अलावा रेगिस्तानी इलाका होने के कारण जल जीवन मिशन के तहत भी राजस्थान की विशेष जरूरत है। जल शक्ति मंत्रालय राजस्थान के ही सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत के पास होने से उम्मीद है कि राजस्थान को कोई बड़ा तोहफा मिल सकता है।


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