शाम से आचार संहिता समाप्त, फरवरी में फिर लागू?

बोर्ड परीक्षा से चुनाव में अड़चन?
भीलवाड़ा। प्रदेश में पंचायत चुनाव की आचार संहिता गुरुवार को पंचायत उपसरपंच चुनाव के संपन्न होने के साथ ही समाप्त हो जायेगी लेकिन राज्य चुनाव आयोग द्वारा प्रदेश में चुनाव से अब तक वंचित रही 4366 ग्राम पंचायतों के चुनाव की तारीख के ऐलान के साथ ही आचार संहिता फिर लागू हो जाएगी। संकेत है कि चुनाव आयोग फरवरी के मध्य में चौथे चरण के ग्राम पंचायत सरपंच-पंच चुनाव के तारीखों की घोषणा कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने 12 अप्रैल तक राज्य के सभी पंचायतीराज पदों के चुनाव मुकम्मल कराने की मियाद तय कर रखी है। उसमें सबसे बड़ा पेच 5 मार्च से अप्रैल के पहले हफ्ते तक प्रदेश में शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं कक्षा की परीक्षा का प्रोग्राम जारी कर देने को लेकर है। देहात के तकरीबन 60 फीसदी सरकारी स्कूलों में चुनाव आयोग के नोटिफिकेशनशुदा मतदान केंद्र है और वहां मार्च में बोर्ड परीक्षा भी। दोनों परीक्षा-मतदान एक साथ नहीं हो सकते। ऐसे में या तो बोर्ड की घोषित परीक्षा तिथियों में बदलाव हो या चुनाव आयोग पंचायत राज पदों के सभी चुनाव फरवरी माह तक मुकम्मल कर ले क्योंकि बोर्ड की परीक्षा के बाद सरकार के शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार  शिक्षा संविधा पंचांग में कक्षा 6 से 11वीं तक की परीक्षा का कार्यक्रम बोर्ड परीक्षा की समाप्ति के बाद अप्रैल के दूसरे हफ्ते से मई प्रथम हफ्ते तक का अलग जारी कर रखा है। यानी कि अप्रैल से करीब 10 मई तक परीक्षा की वजह से सरकारी स्कूल खाली नहीं मिलेगी। अत: राज्य चुनाव आयोग के फरवरी तक सभी पंचायत राज चुनाव पूरे कराने की राह नजर आ रही हैं। 
जैसा कि हमने मंगलवार को ही बता दिया था कि जिले में मांडल, आसींद, हुरड़ा व बदनौर पंचायत समिति की सभी ग्राम पंचायतों में सरपंच और सभी 14 प्रधान पदों की लाटरी फिर निकाली जा सकती है। सुवाणा की ग्राम पंचायतों की नहीं। जिला निर्वाचन अधिकारी बुधवार को लाटरी के तारीख की घोषणा करने वाले हैं, जो सटीक रही।
जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा बुधवार को जारी सूचना में तीन फरवरी को आसींद, बदनौर, हुरड़ा व मांडल पंचायत समिति की सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच और 4 फरवरी को प्रधान व पंचायत सदस्यों की आरक्षण लॉटरी निकालने की घोषणा कर दी है।


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