क्रेडिट कार्ड का डेटा चोरी कर करते थे करोड़ों की ठगी, 4 जालसाज किए गिरफ्तार

 

नोएडा
एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो विभिन्न बैंकों के क्रेडिट कार्ड का डेटा चोरी कर ग्राहकों को चूना लगाता था। एसटीएफ ने गिरोह के चार जालसाजों को मंगलवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनके कब्जे से 6 लाख से अधिक कैश, लैपटॉप, मोबाइल, छह हजार क्रेडिट कार्ड कस्टमर का डेटा सहित कार व अन्य सामान बरामद किया है। यह गिरोह करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है।

एसटीएफ एएसपी राज कुमार मिश्रा ने बताया कि सूत्रों से जानकारी मिली कि ठगी करने वाले गिरोह का सरगना सौरभ भारद्वाज पैसे के बंटवारे एवं बैंकों के डेटा के लिए 26 जनवरी को अपने सूर्य नगर कॉलोनी फरीदाबाद स्थित मकान पर साथियों के साथ एकत्र होगा। एसटीएफ की टीम ने दबिश देकर गिरोह के सरगना सौरभ भारद्वाज समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

ये हैं आरोपी
सौरभ भारद्वाज मूल रूप से भागलपुर बिहार का रहने वाला है। फिलहाल सेक्टर -91 फरीदाबाद में रहता है। वहीं अन्य आरोपियों की पहचान आस मोहम्मद उर्फ आशु निवासी संगम विहार दिल्ली, लखन गुप्ता उर्फ गोलू निवासी संगम विहार दिल्ली व शिवम गुप्ता मूल निवासी मथुरा हाल निवासी संगम विहार दिल्ली के रूप में हुई है।

किस तरह बनाते थे लोगों को ठगी का शिकार
एएसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी मर्चेंडाइज साइट के नाम से फर्जी कंपनी बनाकर विभिन्न बैंकों के क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा प्राप्त कर धोखाधड़ी करके ग्राहकों का पैसा निकाल लेते थे। पूछताछ में पता चला कि मोनिका भारद्वाज नाम की एक महिला आरोपियों को प्रति डेटा 35 रुपये के हिसाब से विभिन्न बैंकों का डेटा बेचती थी। सरगना सौरभ भारद्वाज व मोनिका पहले एक कॉल सेंटर में एक साथ ही काम करते थे। ये लोग बैंकिंग डेटा का इस्तेमाल कर लोगों को कॉल करने थे। इसके विश्वास में लेकर फ्रॉड करते थे।

हेयर सलून पर बाल काटने वाले ने लाखों लोगों को ठगा
आरोपी आस मोहम्मद उर्फ आशु बीए पास है। 2012 में दिल्ली आ गया और 2012 से 2014 तक एक सैलून पर काम किया। उसके बाद ओखला स्थित एक कॉल सेंटर में काम करने लगा। जहां पर सौरभ भारद्वाज व मोनिका भारद्वाज भी काम करते थे। वहां पर अजीत पाल नाम के व्यक्ति से सौरभ भारद्वाज व आस मोहम्मद उर्फ आशु ने क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा लेकर फर्जी कॉल कर पैसे निकालने का काम सिखा। उसके बाद 2017 में सौरभ भारद्वाज व आस मोहम्मद ने अपना अलग काम शुरू कर दिया।

सात लाख लोगों का था डाटा
आरोपी सौरव का मुख्य का वेबसाइट बनाना और विभिन्न बैंकों के क्रेडिट कार्ड का डेटा एकत्र करना था। इस डाटा को मोनिका भारद्वाज से लेता था। उसके पास करीब सात लाख लोगों का था। बाद में आस मोहम्मद ने अपने पड़ोसी शिवम गुप्ता को भी कॉलिंग के काम में जोड़ लिया। पूछताछ में सौरभ भारद्वाज ने बताया कि उसने फरीदाबाद स्थित 40 लाख रुपए का मकान लोगों से ठगी के रुपए से लिया था।


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