में कम आय वालों को मिल सकती है Tax में छूट, डिमांड बूस्ट करने को सरकार उठा सकती है ये कदमः रिपोर्ट

 


मुंबई। आगामी बजट में राजकोषीय घाटे की ज्यादा चिंता की बजाय विकास को मजबूती देने पर ज्यादा जोर दिए जाने की संभावना है। वॉल स्ट्रीट ब्रोकरेज की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज इंडिया को इस बात की उम्मीद है कि बजट में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटे से जुड़े लक्ष्य को जीडीपी के पांच फीसद के आसपास रखा जा सकता है और चालू वित्त वर्ष में यह 7.2 फीसद पर रह सकता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पूंजीगत व्यय बढ़ने, पब्लिक सेक्टर बैंकों के पुनर्पूंजीकरण (रिकैपिटलाइजेशन), रियल स्टेट के लिए कदम उठाए जाने, कम आय वाले समूहों के लिए टैक्स में कटौती और बैड बैंक (Bad Bank) बनाए जाने से राजकोषीय घाटे का आंकड़ा अपेक्षाकृत तौर पर ऊंचा रह सकता है। संगठन के अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि इन जरूरतों की पूर्ति सरकार कर्ज के साथ-साथ अधिक आय वाले समूहों पर सेस लगाकर एवं कुछ नॉन-फिस्कल उपायों के जरिए पूरा करेगी।इस रिपोर्ट में खपत बढ़ाने के लिए कम आय वाले लोगों के वास्ते टैक्स में कटौती, रियल एस्टेट सेक्टर में डिमांड को बूस्ट करने के लिए उपाय, पब्लिक सेक्टर बैंकों के पुनर्पूंजीकरण, MSME क्रेडिट गारंटी स्कीम के विस्तार और संरचनात्मक सुधारों की उम्मीद जतायी गई है।आगामी बजट में पोर्ट, रोड और बिजली से जुड़ी परियोजनाओं की फंडिंग के लिए एक घरेलू वित्तीय संस्थान बनाए जाने की घोषणा हो सकती है। 

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2021 को वित्त वर्ष 2021-22 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इससे पहले शुक्रवार को वित्त वर्ष 2020-21 की आर्थिक समीक्षा लोकसभा में पेश की गई। 

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