हेल्थ वर्कर के कोरोना वैक्सीन ना लेने के बहाने- सास आई हैं, बच्चा बीमार है
मुजफ्फरपुर. केंद्र सरकार द्वारा 16 जनवरी, 2021 से देशव्यापी स्तर पर कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है. कोरोना टीकाकरण के पहले चरण में हेल्थ वर्कर को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है. सरकार हेल्थ वर्कर को टीकाकरण कराकर कोरोना महामारी से लड़ने के लिए सुरक्षा कवज दे रही है. इसके बावजूद भी टीका नहीं लेने के जो बहाने हेल्थ वर्कर बना रहे हैं, वह अजीबो-गरीब हैं. इसके चलते नोडल अधिकारी परेशान हो रहे हैं. सदर अस्पताल के एक स्वास्थ्य कर्मी ने कोरोना टीका नहीं लेने का बहाना बनाते हुए बोलीं कि उसके घर पर सास आईं है. वहीं अन्य स्वास्थ्य कर्मी ने बच्चे के बीमार होने का हवाला दिया है. कई स्वास्थ्यकर्मियों ने खुद के बीमार होने की बात कही है और कुछ छुट्टी पर होने का बहाना बनाते हुए कोरोना टीका लेने से बच रहे हैं शहर में कई नर्स और डॉक्टर कोरोना वैक्सीन लेने के बाद लगाने वाले को चेतावनी तक दे रहे हैं कि अगर उन्हें कुछ होता है तो वह सबको देख लेंगे. कइयों को खुद को डायबिटीज का मरीज बताया तो कुछ ने कहा कि उन्हें ब्लड प्रेशर की बीमारी है. टीका केंद्रों पर तैनात नोडल अधिकारी स्वास्थ्य कर्मियों के इस तरह के रवैये से परेशान है. उन्होंने बताया कि फोन पर कोरोना टीका लगाने के लिए जितनी गुजारिश करनी पड़ती है, उतनी बार को किसी को खाना खिलाने के लिए भी नहीं बुलाना पड़ता है. सदर अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के कई स्वास्थ्य कर्मिचारियों ने अधिकारियों से अपील की है कि वे उन्हें इस फेज में छोड़ दे. दूसरे या तीसरे फेज में कोरोना वैक्सीन लेंगे. इसपर प्रबंधन का कहना है कि उन्हे सबसे बाद में कोरोना टीका दिया जाएगा. |
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